मेरिजुआना (कैनाबिस) यूरिन टेस्ट क्या है?

मेरिजुआना को आम भाषा में गांजा कहा जाता है, इसे कैनाबिस के नाम से भी जाना जाता है। मेरिजुआना यूरिन टेस्ट किसी व्यक्ति के यूरिन में मेरिजुआना के सक्रिय पदार्थों की जांच करने के लिए किया जाता है। मेरिजुआना या कैनाबिस एक पौधा है जो कि कैनाबिनोइड्स नामक साइकोएक्टिव नामक पदार्थ बनाता है, यह एक ऐसा रसायनिक पदार्थ है जो कि सीधे केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है।

कैनाबिनोइड्स मस्तिष्क को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे उत्साह की भावना बढ़ जाती है और परिणामस्वरूप संवेदनात्मक धारणाओं में सुधार होता है।

इन प्रभावों के लिए डेल्टा-9 टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल और कैनाबिडिओल मुख्य रूप से जिम्मेदार होते हैं। कैनाबिनोइड्स के कुछ गुणों का प्रयोग चिंता और दर्द को कम करने के लिए भी किया जा सकता है, इसके अलावा यह सूजन को भी कम करता है। हालांकि अधिकतर कैनाबिस का प्रयोग नशे के लिए किया जाता है। यह कुछ देशों में गैर-कानूनी भी माना जाता है।

मेरिजुआना यूरिन टेस्ट मुख्य तौर पर नशे की जांच करने के लिए किया जाता है। यह यूरिन में गांजे के अलावा इससे संबंधित रसायनों की जांच करने में भी मदद करता है।
(और पढ़ें - यूरिन टेस्ट क्या है)

  1. मेरिजुआना (कैनाबिस) यूरिन टेस्ट क्यों किया जाता है - Marijuana (cannabis) Urine Test Kyu Kiya Jata Hai
  2. मेरिजुआना (कैनाबिस) यूरिन टेस्ट से पहले - Marijuana (cannabis) Urine Test Se Pahle
  3. मेरिजुआना (कैनाबिस) यूरिन टेस्ट के दौरान - Marijuana (cannabis) Urine Test Ke Dauran
  4. मेरिजुआना (कैनाबिस) यूरिन टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब है - Marijuana (cannabis) Urine Test Ke Parinam Ka Kya Matlab Hai

मेरिजुआना (कैनाबिस) यूरिन टेस्ट किसलिए किया जाता है?

मेरिजुआना टेस्ट किसी नौकरी के लिए इंटरव्यू प्रक्रिया के दौरान किया जा सकता है। चूंकि गांजा गैर कानूनी है और इसके आपके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकते हैं इसीलिए कई सारी जगहों पर कर्मचारियों को यह टेस्ट नौकरी से पहले करवाना होता है।

जिन लोगों में इस दवा की विषाक्तता या दुरूपयोग के लक्षण दिखाई देते हैं, उन्हें भी इस टेस्ट को करवाने के लिए कहा जा सकता है। कैनाबिनोइड्स के कुछ साइड इफेक्ट निम्न हैं :

इसके अलावा यह टेस्ट नशे की लत छुड़वाने के लिए चल रहे इलाज का पता लगाने के लिए भी किया जा सकता है।

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मेरिजुआना (कैनाबिस) यूरिन टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

इस टेस्ट के लिए किसी भी विशेष तैयारी की जरूरत नहीं होती है। 

यदि आप किसी भी तरह की दवा, विटामिन या हर्बल सप्लीमेंट ले रहे हैं तो इसके बारे में डॉक्टर को बता दें। सर्दी खांसी की कुछ दवाएं, एंटीबायोटिक, इबुप्रोफेन और जी मिचलाने के लिए ली जाने वाली ड्रोनबिनोल दवाएं इस टेस्ट के परिणाम को प्रभवित कर सकती हैं।

मेरिजुआना (कैनाबिस) यूरिन टेस्ट कैसे किया जाता है?

यूरिन का सैंपल लेने के लिए आपको लैब से एक विशेष कंटेनर दिया जाएगा। यदि किसी भी विशेष निर्देश के अनुसार सैंपल लेना है तो वे इसके बारे में आपको बता देंगे। 

यदि सैंपल कानूनी जांच के लिए इकट्ठे किए जा रहे हैं तो इस दौरान सैंपल लेते समय कोई अन्य व्यक्ति भी होना जरूरी है। ऐसा इसलिए ताकि सैंपल लेने के दौरान व्यक्ति उससे किसी प्रकार की छेड़छाड़ या  उसे संक्रमित न कर पाए।

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मेरिजुआना (कैनाबिस) यूरिन टेस्ट के परिणाम क्या बताते हैं?

सामान्य परिणाम

मेरिजुआना टेस्ट के सामान्य परिणाम को नेगेटिव लिखा जाता है। इसका मतलब है कि दिए गए सैंपल में मेरिजुआना के मेटाबोलाइट मौजूद नहीं है या जो मात्रा पाई गई है वह कट ऑफ वैल्यू से कम है। मेटाबोलाइट किसी भी पदार्थ के टूटने पर बने पदार्थ होते हैं।

आमतौर पर कट ऑफ वैल्यू 3.0 ng/mL होती है। हालांकि यह वैल्यू हर लैब की अलग आ सकती है। कट ऑफ वैल्यू नेगेटिव रिजल्ट को पॉजिटिव रिजल्ट से अलग करती है। इस वैल्यू से नीचे की किसी भी मात्रा को नेगेटिव और अधिक मात्रा को पॉजिटिव माना जाता है।

कभी-कभी टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल कार्बोक्सिलिक एसिड (टीएचसी-सीओओएच) की पहचान करने के लिए भी किया जा सकता है। टीएचसी-सीओओएच डेल्टा-9 टीएचसी का एक बड़ा मेटाबोलाइट है। परिणामों में 15.0 ng/mL से कम मात्रा को सामान्य माना जाता है।

असामान्य परिणाम

जब परिणामों में आई मात्रा कट ऑफ वैल्यू से अधिक हो तो इसे असामान्य (पॉजिटिव) माना जाता है।

टीएचसी-सीओओएच नाम के एक मेटाबोलाइट की जांच करने के लिए एक पुष्टिकरण टेस्ट भी किया जा सकता है। इस मेटाबोलाइट की पहचान यूरिन में प्रयोग के सात दिन बाद भी की जा सकती है। यदि टीएचसी-सीओओएच की वैल्यू 100 ng/mL से अधिक है, तो यह संकेत देता है कि पिछले सात दिनों के भीतर मेरिजुआना का प्रयोग किया गया है। 500 ng/mL से अधिक वैल्यू का मतलब है कि इसका प्रयोग हाल ही में हुआ है और लंबे समय से किया जा रहा है।

चूंकि मेरिजुआना का टीएचसी-सीओओएच मेटाबोलाइट शरीर में लंबे समय तक रहता है इसीलिए यह टेस्ट पुष्टिकरण परीक्षण में अत्यधिक लाभदायी है। ऐसा इसलिए क्योंकि मेरिजुआना के दीर्घकालिक उपयोग के 30 से 60 दिन बाद भी इस टेस्ट की मदद से पुष्टि की जा सकती है।

टेस्ट के परिणामों के आधार पर, आपको ड्रग टेस्टिंग के लिए अन्य द्रवों जैसे लार (थूक) और रक्त की जांच भी करवानी पड़ सकती है। इतना ही नहीं कुछ मामलों में बालों पर टेस्ट भी किए जा सकते हैं।

संदर्भ

  1. University of Rochester Medical Center [Internet]. Rochester (NY): University of Rochester Medical Center; Cannabinoid Screen and Confirmation (Urine)
  2. National Cancer Institute [Internet]. Bethesda (MD): U.S. Department of Health and Human Services; Cannabis and Cannabinoids (PDQ®)–Patient Version
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  4. Langman LJ et al: Clinical Toxicology. In: N Rifai, AR Horvath, CT Wittwer. Tietz Textbook of Clinical Chemistry and Molecular Diagnostics. Sixth edition. St. Louis, MO. Elsevier, 2018, pp 832-887.
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