मरक्युरी एक भारी धातु है, जिसके निगलने, सूंघने या त्वचा द्वारा अवशोषित होने पर गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इस धातु की कुछ मात्रा वातावरण में प्राकृतिक रूप से मौजूद होती है। यह लगातार मानवीय क्रियाओं से भी पैदा होता रहता हैं जैसे जीवाश्म ईंधन को जलाने से।

इसके स्रोत और रचना के अनुसार, मरक्युरी के तीन विभिन्न प्रकार होते हैं -

  • धात्विक मरक्युरी (मैटेलिक मरक्युरी) - डेंटल फिलिंग, बैटरी और थर्मामीटर में मौजूद होती है।
  • अजैविक मरक्युरी (इनऑर्गनिक मरक्युरी) - कॉस्मेटिक्स में पाया जाता है जैसे त्वचा को गोरा करने वाली क्रीम में।
  • जैविक मरक्युरी (ऑर्गेनिक मरक्युरी) - अधिकतर समुद्री भोजन में पाया जाता है जैसे मिथाइल मरक्युरी

इन तीनों में से किसी भी प्रकार की मरक्युरी के साथ अत्यधिक समय तक संपर्क में रहना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। ऐसे लोग जो कचरा उठाने वाली फक्ट्रियों या कारखानों में काम करते हैं, जहां मरक्युरी के साथ अधिक संपर्क होता है, उन पर खतरा अधिक होता है और उनमें लंबे समय तक मरक्युरी के दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

कारखानों के धुंए, अस्पताल के पदार्थों के जलने से और पावर प्लांट के आसपास सांस लेने से भी आप मरक्युरी धातु के संपर्क में आ सकते हैं।

मरक्युरी यूरिन टेस्ट शरीर में मौजूद अतिरिक्त धात्विक मरक्युरी या अजैविक मरक्युरी की जांच करता है।

  1. मरक्युरी यूरिन टेस्ट क्यों किया जाता है - Mercury Urine Test Kyu Kiya Jata Hai
  2. मरक्युरी यूरिन टेस्ट से पहले - Mercury urine Test Se Pahle
  3. मरक्युरी यूरिन टेस्ट के दौरान - Mercury urine Test Ke Dauran
  4. मरक्युरी यूरिन टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज - Mercury urine Test Result and Normal Range

मरक्युरी यूरिन टेस्ट मुख्य तौर से शरीर में धात्विक मरक्युरी या अजैविक मरक्युरी की जांच करने के लिए किया जाता है, इसके साथ ही व्यक्ति का शरीर कितना अधिक इस विषाक्त धातु के संपर्क में आया है, इसका पता लगाने के लिए भी किया जाता है।

मरक्युरी के साथ संपर्क से विभिन्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

मरक्युरी से थोड़े समय तक संपर्क होने पर निम्न लक्षण दिखाई देते हैं -

मरक्युरी के साथ लंबे समय तक संपर्क में रहने से निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं -

  • चलने में तकलीफ
  • याददाश्त खोना या ब्रेन फोग
  • नजर से संबंधित समस्याएं
  • चिड़चिड़ापन
  • सुनाई देने से संबंधित समस्याएं
  • अचानक मूड बदलना
  • सूंघने और स्वाद संबंधी समस्याएं
  • बाजू और टांगों में कंपन

यदि आप इस धातु के साथ हाल ही में संपर्क में आए हैं तो भी डॉक्टर आपसे मरक्युरी के स्तर की जांच करवाने के लिए कह सकते हैं (उन लोगों के मामलों में जो ऐसे कारखानों में काम करते हैं, जहां इस धातु का उपयोग होता है)। हो सकता है कि आपको मरक्युरी के संपर्क में आने पर कोई लक्षण दिखाई न दें। लेकिन समय पर जांच करने से डॉक्टर मरक्युरी एक्सपोजर के बारे में जान पाएंगे।

यदि डॉक्टर को स्तनपान कराने वाली महिलाओं में हाल ही में मरक्युरी के साथ संपर्क होने का संदेह होता है तो उनसे भी यह टेस्ट करवाने को कहा जा सकता है।

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इस टेस्ट के लिए किसी विशेष तैयारी की जरूरत नहीं होती। हालांकि, अगर आप कोई भी दवा, हर्ब्स या सप्लीमेंट ले रहे हैं तो इनके बारे में डॉक्टर को जरूर बता दें।

यदि आपने कोई भी इमेजिंग टेस्ट करवाया है, जिसमें आयोडीन या गैडोलीनियम पर आधारित कंट्रास्ट मीडिया का उपयोग हुआ है तो टेस्ट होने के 96 घंटे बाद आप सैंपल लें।

इस टेस्ट के लिए भूखे रहने की जरूरत नहीं होती।

डॉक्टर को अपनी आहार संबंधी आदतों और खुराक के बारे में भी बता दें। किसी विशेष प्रकार के समुद्री भोजन से शरीर में इसका स्तर बढ़ सकता है, इसीलिए यूरिन टेस्ट से दो दिन पहले से ऐसे भोजन न खाएं। यदि आप किसी भी तरह की त्वचा को गोरा करने वाली क्रीम लगाते हैं तो इसके बारे में भी डॉक्टर को बताएं, क्योंकि इनमें से अधिकतर में मरक्युरी होता है।

यह टेस्ट चौबीस घंटे के यूरिन सैंपल इकट्ठे करके किया जाता है। यूरिन सैंपल लेने के लिए आपको एक कंटेनर दिया जाएगा।

यूरिन को आप सुबह से इकठ्ठा करना शुरू करें। दिन के पहले यूरिन को नहीं लेना होता। इसके बाद के 24 घंटे के सारे यूरिन के सैंपल लेने होते हैं।

यह ध्यान रहे कि सैंपल को किसी ठंडी जगह में रखा जाए, आप इसे रेफ्रीजरेटर में भी रख सकते हैं। कंटेनर पर अपना नाम, तारीख और सैंपल लेने का दिन व समय ठीक से लिखें।

दिनभर के सारे सैंपल ले लेने के बाद कंटेनर को परीक्षण के लिए लैब में भेज देना चाहिए।

यदि टेस्ट किसी बच्चे पर किया जा रहा है तो मूत्रमार्ग को ठीक से साफ किया जाना चाहिए और यूरिन लेने के लिए जो बैग दिया गया है उसे ठीक से लगाना चाहिए, ताकि सैंपल किसी भी तरह से संक्रमित न हो। जैसे ही सैंपल ले लिए जाए कंटेनर को लैब में एनालिसिस के लिए भेज दें।

इस प्रक्रिया के दौरान इस बात का ध्यान रहे कि सैंपल में खून या मल के पदार्थ न मिले हों।

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सामान्य परिणाम

चौबीस घंटों में 2 mcg से कम मरक्युरी यूरिन लेवल को सुरक्षित माना जाता है। इसका मतलब यह हो सकता है कि आपके शरीर में इस भारी धातु से जुड़ी कोई भी स्वास्थ्य समस्या नहीं है।

यूरिन में मरक्युरी की मामूली सी मात्रा का मतलब है कि व्यक्ति का मरक्युरी के साथ अत्यधिक संपर्क नहीं हुआ है।

असामान्य परिणाम

यूरिन में मरक्युरी के सामान्य से अधिक स्तर मरक्युरी की विषाक्तता की ओर संकेत कर सकते हैं।

यूरिन में मरक्युरी के 50 mcg/24 घंटे से अधिक स्तर को टॉक्सिक माना जाता है और इसके लिए ट्रीटमेंट की जरूरत होती है।

मरक्युरी के कौन से प्रकार से आपका संपर्क हुआ है, इसे जानने के लिए अन्य टेस्ट किए जा सकते हैं।

संदर्भ

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