स्टूल फॉर हैंगिंग ड्रॉप टेस्ट क्या है?

हैंगिंग ड्रॉप टेस्ट मल के सैंपल में गतिशील सूक्ष्मजीवों (जो स्वयं ही किसी कोशिका में बढ़ने लगते हैं) की जांच करने के लिए किया जाता है। यह आमतौर पर दस्त और प्यूरूलेंट एंटेरोकोलाइटिस की जांच करने के लिए किया जाता है। एंटेरोकोलाइटिस छोटी आंत और पेट की दीवारों को प्रभावित करता है और पाचन पथ में सूजन का भी कारण बन सकता है।

इसमें दस्त का कारण बनने वाले कुछ बैक्टीरिया शामिल है, जिनमें बेसिलस सरस, विब्रियो कोलेराए, साल्मोनेला एंटेरीटीडीस, एस्केरीचिया कोलाई शामिल हैं।

ये बैक्टीरिया सूक्ष्म और रंगहीन होते हैं इसीलिए इन्हें सूक्ष्मदर्शी की मदद से देखना भी आसान नहीं होता है। सभी बैक्टीरिया में ब्रोनियन मूवमेंट होता है जो एक कंपन युक्त गति है, यह सैंपल में चारों तरफ पानी के मॉलिक्यूल होने के कारण होती है। गतिशील बैक्टीरिया में फ्लैजेला नामक एक संरचना होती है, जो इन्हें चलने फिरने में मदद करती है। इसलिए ये बैक्टीरिया और अधिक गतिशील दिखाई दते हैं।

  1. स्टूल फॉर हैंगिंग ड्रॉप टेस्ट क्यों किया जाता है - Why Stool Hanging Drop test is done in Hindi
  2. स्टूल फॉर हैंगिंग ड्रॉप टेस्ट से पहले - Before Stool Hanging Drop test in Hindi
  3. स्टूल फॉर हैंगिंग ड्रॉप टेस्ट के दौरान - During Stool Hanging Drop test in Hindi
  4. स्टूल फॉर हैंगिंग ड्रॉप टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब है - What does Stool Hanging Drop test result mean in Hindi

स्टूल फॉर हैंगिंग ड्रॉप टेस्ट क्यों किया जाता है?

यदि आपको दस्त से जुड़े निम्न लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर इस टेस्ट को करने की सलाह दे सकते हैं :

यदि आपको एंटेरोकोलाइटिस के कुछ सामान्य लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर इस टेस्ट को करने की सलाह दे सकते हैं :

  • पेट के आसपास सूजन
  • दस्त
  • जी मिचलाना
  • उल्टी
  • बुखार
  • थकान
  • स्वस्थ महसूस न होना

इसके अलावा कुछ अन्य लक्षण भी दिखाई देे सकते हैं, जैसे गुदा से खून आना।

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स्टूल फॉर हैंगिंग ड्रॉप टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

कुछ विशेष दवाओं को लेने से इस टेस्ट के परिणाम प्रभावित हो सकते हैं। इन दवाओं में टेट्रासाइक्लीन, एंटी-प्रोटोजोनल ड्रग्स, सल्फोनामाइड, लैक्सेटिव, एंटासिड, मैग्नीशियम हाइड्रोक्साइड, कैस्टर आयल और बेरियम सलफेट आदि शामिल होते हैं। इन्हें टेस्ट से एक दो हफ्ते पहले नहीं लेना चाहिए। जब तक डॉक्टर न कहें दवाएं लेना बंद न करें।

स्टूल फॉर हैंगिंग ड्रॉप टेस्ट कैसे किया जाता है?

दस्त की तीव्र अवस्था के दौरान इस टेस्ट के लिए स्टूल सैंपल लिया जाएगा। डॉक्टर आपको सैंपल लेने के लिए एक कीटाणुरहित कंटेनर या एक टाइट ढक्कन वाला कप देंगे। इस टेस्ट के लिए आधा कप पानी जैसे मल का सैंपल या ठीक तरह से बने मल का 20-40 ग्राम पर्याप्त होगा। किसी संक्रमण की पहचान से पहले कई सारे सैंपल लेने की जरूरत हो सकती है।

मल के सैंपल को किसी ठंडी जगह पर रखें और यह ध्यान रहे कि लैब में भेजने से पहले यह सूखना नहीं चाहिए। सैंपल पर अपना नाम, उम्र, लिंग और सैंपल लेने की तारीख लिख कर एक लेबल लगा दें। ध्यान रहे कि यह सैंपल धूल या अन्य कणों से दूषित न हो। सैंपल लेने के आधे घंटे के भीतर ही इसे लैब में ले जाएं। ऐसा इसीलिए क्योंकि प्रेरक सूक्ष्मजीव प्रकाश के प्रति संवेदनशील होते हैं और अधिक समय तक बाहर रखने से ऐसा हो सकता है कि इनकी पहचान न हो पाए।

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स्टूल फॉर हैंगिंग ड्रॉप टेस्ट के परिणाम क्या बताते हैं?

सामान्य परिणाम 

ब्रवोनियन मूवमेंट या किसी भी तरह की कोई गति न होने का मतलब है कि सैंपल में प्रेरक सूक्ष्मजीव मौजूद नहीं हैं।

असामान्य परिणाम

यदि सैंपल में कोई भी व्यवस्थित हलचल (जैसे जिगजैग) महसूस हो रही है, तो टेस्ट रिजल्ट पॉजिटिव आ सकता है। यदि टेस्ट पॉजिटिव है तो इसमें निम्न गतिशील सूक्ष्मजीव दिखाई दे सकते हैं :

  • साल्मोनेला एसपीपी
  • कैंपीलोबैक्टर एसपीपी
  • जिआरडिया लैंबलिया
  • वी. कोलेरी
  • इ. कोलाई
  • एंटामोइबा हिस्टोलीटिका

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