थायरोक्सिन बाइंडिंग ग्लोब्युलिन टेस्ट क्या है?

थायराइड ग्रंथि दो तरह के हार्मोन बनाती है - ट्रायडोथाइरोनिन (टी3) और थायरोक्सिन (टी4)। ये हार्मोन हमारे वजन, विकास, आंतरिक तापमान और ऊर्जा के स्तरों को नियंत्रित करते हैं।

थायरोक्सिन-बाइंडिंग ग्लोब्युलिन एक प्रोटीन है जो कि शरीर में थायराइड हार्मोन को बांधता है और संचारित करता है। इसका प्राथमिक कार्य टी3 और टी4 के सही स्तरों को बनाए रखना और उतार-चढ़ाव से बचाए रखना है।

थायराइड बाइंडिंग ग्लोब्युलिन टेस्ट आपके शरीर में इस प्रोटीन के स्तर की जांच करने के लिए किया जाता है।

थायराइड बाइंडिंग ग्लोब्युलिन के स्तरों में बदलाव से थायराइड के ठीक तरह से कार्य न कर पाने के कारण या फिर सेक्स हार्मोन जैसे एस्ट्रोजन और एंड्रोजन में बदलाव के कारण होता है।

  1. थायरोक्सिन बाइंडिंग ग्लोब्युलिन टेस्ट क्यों किया जाता है - Thyroxine binding globulin (TBG) test kyu kiya jata hai
  2. थायरोक्सिन बाइंडिंग ग्लोब्युलिन टेस्ट से पहले - Thyroxine binding globulin (TBG) test se pahle
  3. थायरोक्सिन बाइंडिंग ग्लोब्युलिन टेस्ट के दौरान - Thyroxine binding globulin (TBG) test ke dauran
  4. थायरोक्सिन बाइंडिंग ग्लोब्युलिन टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब है - Thyroxine binding globulin (TBG) test ke parinam ka kya matlab hai

थायरोक्सिन बाइंडिंग ग्लोब्युलिन टेस्ट क्यों किया जाता है?

यदि आपके शरीर में थायराइड ग्रंथि के ठीक तरह से कार्य न कर पाने के लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर इस टेस्ट को करने की सलाह दे सकते हैं। यह टेस्ट हाइपोथायरायडिज्म (थायराइड ग्रंथि का सामान्य से कम कार्य करना) और हाइपरथायराइडिज्म (थायराइड ग्रंथि का सामान्य से अधिक कार्य करना) के परीक्षण का काफी अच्छा विकल्प है।

हाइपोथायरॉइडिज्म के निम्न लक्षण हैं -

हाइपरथायराइडिज्म के लक्षण निम्न हैं -

  • बार बार मूड में बदलाव
  • सोने में कठिनाई
  • गर्मी के प्रति संवेदनशीलता
  • अत्यधिक सक्रीय होना
  • चिंता, घबराहट और चिड़चिड़ाहट
  • लगातार प्यास लगना
  • कामेच्छा का कम होना
  • थकान

यह टेस्ट नवजात शिशु में कंजेनिटल हाइपोथायराइडिज्म की जांच करने के लिए भी किया जाता है। कंजेनिटल हाइपोथायराइडिज्म आनुवंशिक रूप से थायराइड बाइंडिंग ग्लोब्युलिन की कमी के कारण होता है।

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थायरोक्सिन बाइंडिंग ग्लोब्युलिन टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

इस टेस्ट के लिए किसी विशेष तैयारी की जरूरत नहीं है।

हालांकि, यदि आप किसी भी तरह की दवा ले रहे हैं, तो इसके बारे में डॉक्टर को बता दें। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ दवाएं इस टेस्ट के परिणामों को प्रभावित कर सकती हैं।

निम्न दवाएं थायरोक्सिन बाइंडिंग ग्लोब्युलिन को बढ़ा सकती हैं -

  • गर्भनिरोधक गोलियां जिनमें एस्ट्रोजन होता है
  • कुछ एंटी साइकोटिक दवाएं
  • मेथाडोन
  • नशीले ड्रग्स जैसे हेरोइन

निम्न दवाएं थायरोक्सिन बाइंडिंग ग्लोब्युलिन को कम कर सकती हैं -

  • सेलिसिलेट्स की अधिक खुराक, जिसमें एस्पिरिन होती है
  • हार्मोन जैसे टेस्टोस्टेरोन और एंड्रोजन
  • प्रेड्नीसोन
  • फेनीटोइन 
  • डेपाकोट/डेपाकेन

डॉक्टर आपसे कुछ दवाएं लेने से मना भी कर सकते हैं या कुछ खुराक छोड़ने के लिए भी कहा जा सकता है। किसी भी दवा को खुद लेना बंद न करें।

डॉक्टर एक कीटाणुरहित सुई के जरिए आपकी बांह की नस से रक्त की थोड़ी से मात्रा ले लेंगे।

इस टेस्ट के अतिरिक्त प्रभाव नहीं है। हालांकि, कुछ लोगों को टेस्ट के बाद सुई लगी जगह पर थोड़े समय के लिए नील भी पड़ सकता है। टेस्ट के बाद आपको चक्कर भी आ सकता है।

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सामान्य परिणाम -

थायरोक्सिन बाइंडिंग ग्लोब्युलिन के सामान्य परिणाम निम्न है -

  • पुरुष - 12-26 mcg/mL
  • महिला - 11-27 mcg/mL

असामान्य परिणाम -

थायरोक्सिन बाइंडिंग ग्लोब्युलिन के सामान्य से अधिक स्तर निम्न स्थितियों से जुड़ा हुआ हो सकता है -

थायरोक्सिन बाइंडिंग ग्लोब्युलिन का स्तर नवजात शिशुओं में अधिक हो सकता है।

थायरोक्सिन बाइंडिंग ग्लोब्युलिन का सामान्य से कम स्तर निम्न वजहों से हो सकता है -

  • हाइपरथायरायडिज्म
  • कुपोषण
  • किडनी की स्थितियां
  • एक्रोमेगली (ग्रोथ हार्मोन के अत्यधिक उत्पादन के कारण हुआ एक विकार)
  • इनहेरिटेड थायरोक्सिन बाइंडिंग ग्लोब्युलिन की कमी

थायरोक्सिन बाइंडिंग ग्लोब्युलिन का स्तर सामान्य से कम किसी सर्जरी के बाद भी हो सकता है।

संदर्भ

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