जब लोग दुनिया में सबसे घातक बीमारियों के बारे में सोचते हैं, तो उनका दिमाग शायद ऐसी बीमारियों की ओर जाता है जो लाइलाज हैं या फिर जो समय-समय पर सुर्खियों में बनी रहती हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि सुर्खियों में रहने वाली ये कई बीमारियां दुनियाभर में होने वाली मौतों के 10 कारणों में शामिल नहीं हैं। फिलहाल इस लेख में बताया जा रहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार, दुनिया भर में सबसे अधिक मौतों का कारण बनने वाली पांच बीमारियां कौन-सी हैं। 

कोरोनरी आर्टरी डिजीज

दुनिया में सबसे घातक बीमारी कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD) है, जिसे इस्केमिक हृदय रोग भी कहा जाता है। 2000 से 2015 के बीच दुनिया भर में करीब 15.5 फीसदी मौतों का कारण सीएडी था। यह तब होता है जब हृदय को खून पहुँचाने वाली रक्त वाहिकाएं संकुचित (सिकुड़) जाती हैं। सीएडी से सीने में दर्द, हार्ट फेल और अनियमित दिल की धड़कन हो सकती है।

आप उचित दवाइयों के प्रयोग और हृदय को स्वस्थ रखकर सीएडी को रोक सकते हैं। इसके लिए उपचार निम्नवत हैं:

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स्ट्रोक

स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क की कोई धमनी ब्लॉक हो जाती है या रिसने लगती है। इससे मस्तिष्क की कोशिकाओं में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है जिस वजह से वे कुछ ही मिनटों में खत्म होना शुरू हो जाती हैं। यदि इसका समय पर इलाज न किया जाए तो मरीज लंबे समय के लिए शारीरिक रूप से असक्षम हो सकता है। 2000 से 2015 के बीच दुनिया भर में करीब 11.1 फीसदी मौतों का कारण स्ट्रोक था। 

स्ट्रोक के कुछ जोखिम कारकों को उचित दवाओं और जीवनशैली में कुछ बदलाव करके कम किया जा सकता है। सामान्य तौर पर, यदि अच्छी आदतों को अपनाया जाए तो, इसके जोखिमों को कम किया जा सकता है। स्ट्रोक के खतरे को कम करने के लिए जीवनशैली में नियमित व्यायाम और संतुलित आहार को शामिल करें। इसके अलावा धूम्रपान से बचें क्योंकि ये गतिविधियां स्ट्रोक का खतरा बढ़ाती हैं।

डायबिटीज मेलिटस

डायबिटीज (शुगर) कई बीमारियों का समूह है जो कि इंसुलिन के उत्पादन और इसके उपयोग को प्रभावित करता है। टाइप 1 डायबिटीज में, अग्नाशय इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है, हालांकि इसके पीछे का कारण ज्ञात नहीं है। जबकि टाइप 2 डायबिटीज में, अग्नाशय पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं हो पाता है। टाइप 2 डायबिटीज कई कारणों से हो सकती है, जिनमें खराब आहार, व्यायाम की कमी और अधिक वजन होना शामिल है। 2000 से 2015 के बीच दुनिया भर में करीब 2.8 फीसदी मौत का कारण डायबिटीज थी। 

वैसे तो डायबिटीज को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन नियमित रूप से व्यायाम करके और पोषणयुक्त आहार का सेवन करके इसके लक्षणों की गंभीरता को कम किया जा सकता है। आहार में अधिक फाइबर वाली चीजों को शामिल करें, इससे ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। 

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अल्जाइमर

जब आप अल्जाइमर के बारे में सुनते हैं, तो सबसे पहले दिमाग में यही ख्याल आता है कि इस बीमारी की वजह से याददाश्त कमजोर हो जाती है। ये लगातार बढ़ने वाली बीमारी है जो याददाश्त को नष्ट करती है और सामान्य मानसिक कार्यों में बाधा उत्पन्न करती है।

वर्तमान में अल्जाइमर रोग को रोकने का कोई तरीका नहीं है। अब तक हुए शोधों से यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये बीमारी कुछ लोगों में क्यों होती है और बाकी इससे क्यों बच जाते हैं। हालांकि वे इस बात का पता लगाने के साथ-साथ इसका उपचार ढूंढ़ने पर भी काम कर रहे हैं। 2000 से 2015 के बीच दुनिया भर में करीब 2.7 फीसदी मौत का कारण अल्जाइमर था। 
दिल को स्वस्थ रखने वाले आहार का सेवन कर इस रोग के जोखिम को कम किया जा सकता है। आप फल और सब्जियों को आहार में शामिल करें और ऐसे मीट एवं डेयरी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें जिसमें सैचुरेटेड फैट कम हो। इसके अलावा उन चीजों को खाएं जिनमें गुड फैट ज्यादा होता है जैसे कि नट्स, जैतून का तेल। इससे न केवल हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है बल्कि यह मस्तिष्क को अल्जाइमर रोग से भी बचाता है।

दस्त के कारण पानी की कमी

यदि आपको कई दिनों तक दस्त की समस्या रहती है, तो आपके शरीर में पानी और नमक की बहुत कमी हो जाती है। इसकी वजह से डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) हो जाता है जिससे मृत्यु तक हो सकती है। डायरिया आमतौर पर दूषित पानी या भोजन के माध्यम से फैलने वाले वायरस या बैक्टीरिया के कारण होता है। 2000 से 2015 के बीच दुनियाभर में करीब 2.5 फीसदी मौत का कारण दस्त की वजह से हुई पानी की कमी को माना गया था। 
यूनिसेफ के अनुसार, साफ-सफाई का ध्यान रखकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। हाथ साफ रखने से भी डायरिया के मामलों को 40 फीसदी तक कम किया जा सकता है। इसके अलावा शुरुआती अवस्था में दवाई लेना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।

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