आमतौर पर माना यही जाता है कि महिलाएं अपने बच्चों की वजह से काफी परेशान रहती हैं। लेकिन एक अध्ययन से इस बात की पुष्टि हुई है कि बच्चों से ज्यादा पति अपनी पत्नी को परेशान करते हैं। क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों है? आइए हम आपको इसकी वजह बताते हैं।

घर का काम

महिलाएं हमेशा यही चाहती हैं कि उनका पार्टनर उन्हें घर के काम में सपोर्ट करे। बच्चों की देखरेख करे, घर के जरूरी काम में उसका हाथ बंटाए। लेकिन ऐसा होता नहीं है। अमूमन जिन घरों में महिलाएं वर्किंग होती हैं, ऐसे परिवारों में भी घर की पूरी बागडोर उनके हाथ होती है। घर के हर छोटे काम से लेकर बड़े काम की पूरी जिम्मेदारी पुरुष, महिलाओं की ही मानते हैं। इस वजह से अक्सर घर में क्लेश की स्थिति पैदा हो जाती है, जिससे महिला को स्ट्रेस या तनाव होने लगता है। ऐसी सिचुएशन न आए, इसके लिए पुरुषों को चाहिए कि घर के कामों में अपनी पत्नी का हाथ बंटाएं।

(और पढ़ें - रिश्तों को मज़बूत कैसे बनाएं)

रिश्ते में बोरियत

हमारे यहां अक्सर देखा जाता है कि बच्चे होने के बाद पति-पत्नी की जिंदगी में बोरियत आ जाती है। जबकि दांपत्य जीवन में मिठास भरने के लिए जरूरी है कि दोनों पार्टनर्स एक-दूसरे के प्रति प्यार दिखाते रहें। जबकि ऐसा कम ही होता है। बच्चे होने के बाद महिला पूरी तरह बच्चों में बीजी हो जाती है और पुरुष ऑफिस के कामों में व्यस्त हो जाता है। ये स्थितियां भी महिलाओं को परेशान कर देती हैं। जबकि ऐसे में पति को चाहिए कि वह पत्नी से प्यार जताए, उसे अपनत्व का अहसास कराए ताकि रिश्ते में कभी बोरियत न आ सके।

(और पढ़ें - नए रिश्तों को खुशाल बनाने के टिप्स)

प्लान में छेड़छाड़

चूंकि महिलाएं घर के सारे काम खुद ही करती हैं, ऐसे में प्लानिंग भी खुद ही करती हैं। अगर उनकी प्लानिंग में कोई जरा भी छेड़छाड़ करता है, उन्हें वह पसंद नहीं आता।एक ऑनलाइन  सर्वेक्षण में इस बात का पता चला है कि महिलाएं खुद यह स्वीकार करती हैं कि उन्हें अपनी प्लानिंग में किसी की इंटरफेयरेंस पसंद नहीं आती। ऐसे में अगर उनकी प्लानिंग में जरा भी छेड़छाड़ होती है, तो उन्हें बहुत बुरा लगता है। इस बात से वह तनाव और खींझ से भर जाती है। ऐसे में पति को चाहिए कि वह अपनी पत्नी के द्वारा की गयी प्लानिंग को सपोर्ट करे। उसमें किसी तरह के बदलाव न करे। अगर बदलाव करना ही हो, तो पहले पत्नी को सुझाव दे।

(और पढ़ें - रिश्तों में अंतरंगता लाने के उपाय)

कम बातचीत

कहने की जरूरत नहीं है कि पत्नी चाहे वर्किंग हो  या नाॅन-वर्किंग, दोनों ही स्थिति में हमेशा काम के अतिरिक्त दबाव से परेशान रहती है। ऐसे में उसके पास न तो अपने लिए समय होता है और न ही अपने पार्टनर के लिए। जाहिर है ऐसे में पार्टनर से बातचीत कम होगी, जिससे अंतरंगता में कमी आएगी। पत्नी को चाहिए कि काम के सिलसिले में ही सही अपने पार्टनर से बातचीत जरूर करे। इससे महिलाओं का मन हल्का होता है। साथ ही उन्हें यह भी लगता है कि पति उनकी फिक्र कर रहा है। असल में पत्नी को अपने पार्टनर का बेफिक्र व्यव्हार पसंद नहीं आता। ऐसे में पति को चाहिए कि वह अपनी पत्नी से बात करे, उसकी बातें सुने। इस तरह उसका तनाव भी कम हो जाएगा।

हालांकि यह सच है कि हर महिला छोटी-छोटी बातों से परेशान हो जाती है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि पार्टनर उसे पूरा सपोर्ट करे। जबकि पति अपनी पत्नी को बच्चों से भी ज्यादा परेशान करता है। आप चाहें तो यहां दी गई सभी सलाह की मदद से पत्नी को खुश कर सकते हैं, उन्हें तनाव से दूर रख सकते हैं।

(और पढ़ें : पारिवारिक चिकित्सा क्या है)

ऐप पर पढ़ें