जिस तरह से धरती पर करोड़ों जीव इंसान की गलतियों की वजह से बेमौत मर रहे हैं, उससे जाहिर है कि पृथ्वी के विनाश के लिए एक दिन मनुष्य ही जिम्मेदार होगा। इसका एक उदाहरण कुछ दिन पहले अमेजन के जंगलों में लगी वह आग थी, जिसने लाखों हेक्टयर में फैले पेड़-पौधों को नष्ट कर दिया, तो अब ऑस्ट्रेलिया, जहां कुछ मानविक भूल और कुछ प्राकृतिक वजहों से यह द्वीप विनाश की चौखट पर खड़ा है। ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी इस आग के बाद बर्बादी की तस्वीरें तबाही के मंजर को बयां करने के लिए काफी हैं।

आंकड़ों के आधार पर देखा जाए तो सिंतबर 2019 से अब तक धधक रही इस आग में झुलसकर लगभग एक अरब जानवर और 28 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा आग के कारण 2 हजार से ज्यादा मकान और एक करोड़ हेक्टेयर में फैली वन संपदा जलकर स्वाह हो चुकी है, लेकिन नुकसान के यह आंकड़े महज यहीं तक सीमित नहीं हैं। जंगल में दहकते शोलों के साथ उठती चिंगारियों के बीच काले धुएं का गुब्बार अब ऑस्ट्रेलिया समेत पूरी दुनिया के लिए एक मुसीबत बन सकता है।

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पूरी धरती का चक्कर लगाएगा धुआं
इस घटना के बीच वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी कर बताया है कि ऑस्ट्रेलिया की आग से निकला धुआं पूरी पृथ्वी का लगभग 40 हजार 75 किलोमीटर का चक्कर लगाएगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि आग लगने के बाद निकला धुआं अब तक पृथ्वी का आधा हिस्सा कवर कर चुका है। नासा के वैज्ञानिक इस धुएं को सैटलाइट के जरिए ट्रैक कर रहे हैं, जिससे पता चलता है कि यह धुंआ अब तस्मान (tasman) सागर और प्रशांत महासागर को पार कर आगे की ओर बढ़ रहा है।

पांच महीने से धधक रहे ऑस्ट्रेलिया के जंगल
गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया में पिछले साल सितंबर 2019 में जंगलों में आग लगी थी। इसके बाद सिडनी, मेलबर्न, एडिलेड और कैनबरा धुएं की मोटी परत से ढक गए थे। नासा के मुताबिक, धुआं न्यूजीलैंड के तटीय इलाके से आगे बढ़कर अब दक्षिण अमेरिका तक पहुंच चुका है, जिससे लोगों को कई तरह की सेहत संबंधी दिक्कतें हो रही हैं।

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धुंआ कैसे सेहत को पहुंचा सकता है नुकसान
आग से निकले धुएं के बाद एयर क्वालिटी लेवल यानि हवा की गुणवत्ता में अंतर आना स्वभाविक है। वातावरण पूरी तरह से दूषित हो चुका है और इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। इसके अलावा इस धुएं के कारण फैले प्रदूषण से अब कई गंभीर बीमारियों का जोखिम भी बढ़ गया है। वायु प्रदूषण के कारण निमोनिया, ब्रोंकाइटिस, सिरदर्द, मितली आना, चक्कर आना, हृदय रोग, लंग कैंसर और श्वसन संबंधित रोग हो सकते हैं।

खतरनाक धुएं से कैसे करें बचाव
myUpchar से जुड़ी डॉक्टर अर्चना निरूला के मुताबिक क्योंकि धुएं ने पूरे वातावरण को दूषित कर दिया है। ऐसे में सीओपीडी (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) और अस्थमा समेत उपरोक्त बीमारियों का जोखिम बढ़ जाएगा। इसलिए बचाव के लिए चेहरे पर मास्क (चेहरे को ढककर) लगाकर ही घर से बाहर निकलें।

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रिपोर्ट के आधार पर देखें तो ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग ने जमकर कहर बरपाया। करोड़ों जानवरों की मौत के बाद अब इस आग से निकला धुआं दुनिया के लिए परेशानी का सबब बन गया है। वातावरण में फैले काले धुएं के कारण हवा जहरीली हो चुकी है, जिससे कई लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां महसूस हो रही हैं। ऐसे में लोगों को स्वंय सजग रहने की जरूरत होगी।

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