पर्याप्त नींद हमारे बेहतर स्वास्थ्य से सीधे तौर पर जुड़ी है। हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कई बार इस बात को दोहराया है कि अच्छी नींद से स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं को दूर किया जा सकता है। वहीं, एक रिसर्च में बेहतर नींद से जुड़े एक और लाभ का पता चला है। दरअसल, शोधकर्ताओं का दावा है कि हेल्दी स्लीप पैटर्न वाले वयस्कों में हार्ट फेलियर का जोखिम कम होता है। रिपोर्ट के मुताबिक अनहेल्दी स्लीप पैटर्न वाले वयस्कों की तुलना में जो लोग पर्याप्त नींद लेते हैं, उन्हें हार्ट फेलियर होने का खतरा 42 प्रतिशत कम होता है।

आज इस लेख में आप जानेंगे कि हार्ट फेलियर और नींद के बीच क्या संबंध है -

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  1. क्या होना चाहिए स्लीप पैटर्न?
  2. क्या था रिसर्च का आधार?
  3. कैसे तैयार किया स्लीप पैटर्न का स्कोर?
  4. सारांश
हार्ट फेल से बचाती है पर्याप्त नींद के डॉक्टर

चिकित्सा के क्षेत्र की प्रमुख पत्रिका "सर्कुलेशन" में इस अध्ययन को प्रकाशित किया गया है। रिसर्च में बताया गया है कि हेल्दी स्लीप पैटर्न का मतलब सुबह वक्त से जगना और दिनभर में 7 से 8 घंटे की नींद लेने से है। इसमें अनिद्रा (नींद न आना)खर्राटे और दिन के समय अत्यधिक नींद का अनुभव न होना शामिल हैं। अमेरिका की तुलेन यूनिवर्सिटी में शोधकर्ता लू क्यूई का कहना है "हमारी रिसर्च, ओवरऑल स्लीप पैटर्न में सुधार के साथ हार्ट फेल की समस्या को रोकने के महत्व को उजागर करती है।"

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दरअसल यह एक ऑर्ब्जवेशनल स्टडी है, जिसमें हेल्दी स्लीप पैटर्न और हार्ट फेलियर के बीच के लिंक (संबंध) की जांच की गई। इस दौरान शोधकर्ताओं ने साल 2006 से 2010 के बीच चार लाख से अधिक (4,08,802) यूके बायोबैंक प्रतिभागियों के डेटा का विशेषलण किया, जिनकी उम्र 37 से 73 साल के बीच थी। वहीं, 1 अप्रैल 2019 तक हार्ट फेलियर से जुड़ी जानकारी इकट्ठा की गई। शोधकर्ताओं ने 10 साल के औसतन फॉलो-अप के दौरान हार्ट फेलियर से जुड़े पांच हजार से अधिक (5,221) मामले दर्ज किए।

इसके बाद वैज्ञानिकों ने नींद की गुणवत्ता के साथ-साथ ओवरऑल स्लीप पैटर्न का विश्लेषण किया। रिपोर्ट के मुताबिक नींद की गुणवता से जुड़े लक्षणों में कई बिंदुओं को शामिल किया गया था, जिसमें नींद की अवधि, अनिद्रा, खर्राटे और नींद से संबंधित अन्य फीचर शामिल थे। रात में जागना और दिन में नींद आना भी इस स्टडी का हिस्सा थे।

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शोधकर्ता क्यूई के मुताबिक "हेल्दी स्लीप पैटर्न से जुड़ा जो स्कोर तैयार किया था वो नींद के व्यवहार के पांच अहम बिंदुओं पर आधारित था।" इस दौरान टचस्क्रीन क्वेश्चनर (प्रश्नावली) के माध्यम से नींद के व्यवहार से जुड़ी जानकारी भी इकट्ठा की गई। इसके अलावा नींद की अवधि को तीन समूहों में परिभाषित किया गया, जैसे कि छोटी अवधि या  दिन में सात घंटे से कम नींद, एक दिन में आठ घंटे तक की नींद और लंबे समय तक या दिन में 9 घंटे या उससे अधिक समय की नींद लेना।

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रिसर्च के निष्कर्षों से पता चला कि जो लोग हेल्दी स्लीप पैटर्न से जुड़े थे उनमें अनहेल्दी स्लीप पैटर्न वाले लोगों के मुकाबले हार्ट फेलियर का जोखिम 42 प्रतिशत कम था। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि हार्ट फेलियर का जोखिम स्वतंत्र रूप से जुड़ा था। मतलब जो लोग सुबह वक्त पर उठते थे उनमें आठ प्रतिशत जोखिम की कमी थी। वहीं जो लोग रोजाना 7 से 8 घंटे सोते थे उन्हें 12 प्रतिशत कम खतरा था। दूसरी ओर जिन लोगों को बार-बार अनिद्रा का अनुभव नहीं होता था, उनमें यह जोखिम 17 प्रतिशत कम था। इसके साथ ही जिन लोगों ने कभी दिन में सोने की बात नहीं कही थी उनमें हार्ट फेलियर का जोखिम 34 प्रतिशत कम था। वहीं, शोधकर्ताओं ने अन्य अज्ञात सुधारकों पर भी ध्यान दिया जो निष्कर्षों को प्रभावित कर सकते हैं।

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