शराब का सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है, बाबजूद इसके दुनिया भर में वर्षों से विभिन्न प्रकार के शराब का सेवन किया जाता रहा है। हालांकि, एक प्रकार के शराब को स्वास्थ्य लाभ की दृष्टि से लंबे वक्त से उपयोग में लाया जा रहा है, वह है- वाइन। वाइन में कई प्रकार के ऐसे यौगिक मौजूद होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हो सकते हैं। तमाम प्रकार के शोध में इस बात की पुष्टि हो चुकी है।

विशेषज्ञों ने कई शोध के परिणामस्वरूप पाया कि वाइन की नियत मात्रा यानी प्रतिदिन करीब एक ड्रिंक, स्वास्थ्य को विभिन्न रूप में लाभ पहुंचा सकती है। हालांकि, इसके सेवन के दौरान जिस बात पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है वह है वाइन की मात्रा। कई शोधों के निष्कर्ष में पाया गया कि महिलाओं के लिए प्रतिदिन 1 गिलास (150 मिली) और पुरुषों के लिए 2 गिलास (300 मिली) वाइन का सेवन फायदेमंद हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि नियत मात्रा में वाइन का सेवन त्वचा, हृदय, मस्तिष्क, हड्डियों सहित संपूर्ण स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकता है। दूसरी ओर विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि यदि आपने पहले कभी वाइन नहीं पी है, तो मात्र स्वास्थ्य लाभ के लिए इसे शुरू करने की आवश्यकता नहीं है। फल, सब्जियों, साबुत अनाज, मछली और नट्स से भी भरपूर मात्रा में पोषकता और एंटीऑक्सीडेंट प्राप्त किए जा सकते हैं।

वाइन के प्रकार

वाइन मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं। व्हाइट वाइन और रेड वाइन। दुनियाभर में रेड वाइन को सबसे ज्यादा उपयोग में लाया जा रहा है। विशेषज्ञ भी कई प्रकार से इसे फायदेमंद मानते हैं। मॉडरेटिड मात्रा में रेड वाइन का सेवन हृदय को स्वस्थ्य रखने में मदद कर सकता है। रेड वाइन में मौजूद  एंटीऑक्सिडेंट, कोरोनरी आर्टरी डिजीज से आपकी सुरक्षा करती है। इसके अलावा रेड वाइन में पॉलीफेनोल्स नामक एंटीऑक्सिडेंट पाया जाता है जो हृदय की रक्त वाहिकाओं को सुरक्षित रखने में काफी प्रभावी है।

  1. कौन सी वाइन सबसे अधिक फायदेमंद होती है? - Red wine aur white wine me kaun jyada faydemand?
  2. वाइन का सेवन कितनी मात्रा में करना फायदेमंद होता है? - Kitni quantity me wine ka sevan kiya ja sakta hai?
  3. वाइन के फायदे - Wine peene se kya fayde ho sakte hai?
  4. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है वाइन - Wine me Antioxidant ki bharpoor matra pai jati hai
  5. हृदय को स्वस्थ रखने के लिए वाइन का सेवन है फायदेमंद - Heart Ko healthy rakhne ke liye kare wine ka sevan
  6. मोटापे को दूर रखने में फायदेमंद हो सकती है वाइन - Weight loss karne me sahayak ho sakti hai wine
  7. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती देने में सहायक है वाइन - Immunity booster hai wine
  8. हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए करें वाइन का सेवन - Wine ke sevan se Bones ko milti hai majbooti
  9. वाइन के सेवन से होने वाले संभावित नुकसान - Wine peene ke kya side effects ho sakte hai?

वाइन का नाम सुनते ही लोगों के मन में सवाल आता है कि आखिर कौन सी वाइन के सेवन से ज्यादा फायदा प्राप्त किया जा सकता है- रेड वाइन या व्हाइट? दुनियाभर में वाइन के फायदों को लेकर कई अध्ययन किए जा चुके हैं, लेकिन व्हाइट वाइन पर इतने पर्याप्त शोध नहीं हैं जिससे कोई पुख्ता परिणाम प्राप्त हो सके। ज्यादातर शोध रेड वाइन को लेकर किए गए हैं।

रेड वाइन को दुनियाभर में सबसे फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि इसमें रेसवेराट्रॉल नामक एंटीऑक्सिडेंट की उच्च मात्रा पाई जाती है। यह अंगूर के छिलके में पाया जाने वाला एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है, जो वाइन बनाने की प्रक्रिया के दौरान रेड वाइन में भी पहुंच जाता है। व्हाइट वाइन की तुलना में रेड वाइन में रेस्वेराट्रोल की मात्रा 10 गुना से अधिक होती है। ऐसे में कहा जा सकता है कि रेड वाइन कई मायनों में अधिक फायदेमंद है। हालांकि, व्हाइट वाइन की गुणवत्ता और स्वास्थ्य संबंधी उसके फायदों को जानने के लिए अभी और अधिक शोध की आवश्यकता है।

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वाइन अथवा किसी भी प्रकार के अल्कोहल का सेवन हमेशा कम मात्रा में किया जाना चाहिए। कम मात्रा में यह जितने फायदे दे सकती है, इसकी अत्यधिक मात्रा स्वास्थ्य पर उतने ही नकारात्मक प्रभाव डालती है। वैज्ञानिक अनुसंधान के दौरान निम्नलिखित खुराक पर अध्ययन किया गया है :

हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने के लिए : प्रति दिन 1-2 ड्रिंक (120-240 मिली) वाइन का सेवन किया गया।

याददाश्त को ठीक रखने के लिए : प्रतिदिन वाइन के चार ड्रिंक तक का सेवन किया गया।

पाचन तंत्र को ठीक रखने के लिए : प्रति सप्ताह करीब 75 ग्राम वाइन को सेवन किया गया।

नोट : हर व्यक्ति की क्षमता और उसका स्वास्थ्य अलग होता है। यदि आपको किसी प्रकार की बीमारी है या वाइन का सेवन आप इससे होने वाले फायदों को प्राप्त करने के लिए करना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने चिकित्सक से इस बारे में सलाह अवश्यक ले लें। किसी भी प्रकार के शराब की असंतुलित मात्रा स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।

वाइन कई प्रकार से स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकती है। विभिन्न अध्ययनों में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि वाइन का सेवन जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने में आपकी मदद कर सकती है। वाइन भले ही आज लक्जरी जीवन का उदाहरण बन गया हो, लेकिन प्राचीन समय में पानी की कमी के कारण यही वाइन जीवन की आवश्यकताओं में से एक थी। जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के साथ, हृदय रोग और अल्जाइमर से सुरक्षा देने, डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं से दूर रखने, त्वचा को स्वस्थ रखने और मोटापे से बचाने में भी वाइन फायदेमंद हो सकती है।

आइए जानते हैं वाइन किस प्रकार से हमारे स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकती है।

हम अपने दैनिक जीवन में कई सारे खाद्य और पेय पदार्थों का सेवन करते हैं, जिनमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट की उपस्थिति होती है। वाइन भी एक ऐसा ही पेय है। एंटीऑक्सिडेंट ऐसे यौगिक होते हैं जो इंफ्लामेशन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण कोशिकाओं को होने वाली क्षति से सुरक्षित रखते हैं। एंटीऑक्सिडेंट और फ्री रेडिकल्स के बीच असंतुलन के कारण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस की स्थिति उत्पन्न होती है, इसी वजह से कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है।

अंगूर में पॉलीफेनोल नामक रासायनिक यौ​गिक उच्च मात्रा में पाए जाते हैं, जो एंटीऑक्सिडेंट होते हैं और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस तथा इंफ्लामेशन को कम करने में सहायक होते हैं। चूंकि सफेद अंगूरों की तुलना में लाल अंगूरों की एंटीऑक्सिडेंट क्षमता अधिक होती है, इसलिए माना जाता है कि रेड वाइन पीने से रक्त में एंटीऑक्सिडेंट का स्तर तेजी से बढ़ता है।

40 वयस्कों के साथ दो सप्ताह के अध्ययन में पाया गया कि रोजाना करीब 400 मिली रेड वाइन के सेवन से शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा बढ़ाई जा सकती है। एंटीऑक्सीडेंट का उच्च स्तर कई प्रकार की बीमारियों के खतरे को भी कम करता है। इतना ही नहीं विशेषज्ञों का मानना है कि रेड वाइन पीने से अल्जाइमर और पार्किंसंस रोग का जोखिम कम हो सकता है।

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हृदय रोगियों के​ लिए भी वाइन का सेवन फायदेमंद माना जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि नियत मात्रा में वाइन का सेवन करने वालों में हृदय रोग का खतरा कम होता है।

शोधकर्ताओं का मानना है कि रेड वाइन में पाए जाने वाले पॉलीफेनोल एंटीऑक्सिडेंट में हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और मेटाबॉलिज्म संबंधी बीमारियों के जोखिम को कम करने की शक्ति होती है। कुछ शोध बताते हैं कि रेड वाइन पीने से हाई ब्लड प्रेशर वाले रो​गियों का रक्तचाप कम हो सकता है, जिससे हृदय रोग का जोखिम भी कम हो जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि रेड वाइन तभी फायदेमंद है जब इसका सेवन नियत मात्रा में किया जाए। अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन हृदय पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जिसमें रक्तचाप में वृद्धि और हृदय सबंधित तमाम रोगों का जोखिम बढ़ जाता है।

हृदय के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए वाइन और किस प्रकार से मदद कर सकती है, इस बारे में और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है।

मोटापा से तात्पर्य शरीर पर बहुत अधिक मात्रा में चर्बी जमा होने से होता है। ग्लोबल हेल्थ ऑब्ज़र्वेटरी (जीएचओ) के आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में हर साल 2.8 मिलियन यानी करीब 28 लाख लोग मोटापे के कारण होने वाली बीमारियों से मर जाते हैं। वाइन का सेवन आपको मोटापे के खतरों से सुरक्षित कर सकता है।

विशेष रूप से व्हाइट वाइन में एपिक्टिन, क्वेरसेटिन और रेस्वेराट्रोल नामक एंटीऑक्सिडेंट होते हैं। ये एंटीऑक्सिडेंट कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के साथ पेट पर जमी चर्बी को भी हटाने में मददगार होते हैं। इससे मोटापे की समस्या को कम की जा सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि व्हाइट वाइन पेट से चर्बी हटाने के साथ एंटी इंफ्लामेटरी अवयवों को करती है, जिससे वजन घटाने में मदद मिल सकती है।

मौजूदा समय में प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वाइन का सेवन यहां भी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार रोजाना नियत मात्रा में वाइन का सेवन प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा दे सकती है। वाइन में फ्लेवोनोइड के रूप में एंटीऑक्सिडेंट की उच्च मात्रा मौजूद होती है जो 200 से अधिक प्रकार के वायरस से मुकाबला करने में सक्षम है।

जानकारों का मानना है कि फ्लू और सर्दी के लक्षणों को ठीक करने में रेड वाइन प्रभावी रूप से काम करती है। रेड वाइन में मौजूद पॉलीफेनोल यौगिक, वायरस के शरीर में प्रवेश करने के बाद उसे बढ़ने नहीं देते हैं, जिससे फ्लू का संक्रमण बढ़ने नहीं पाता है। ऐसे कई अन्य प्रकार के संक्रमण फैलाने वाले वायरसों से भी मुकाबला करने में रेड वाइन सक्षम है। विशेषज्ञों का कहना है कि रेड वाइन का सेवन थोड़ी मात्रा में ही करना चाहिए, इसकी अधिक मात्रा शरीर के लिए नुकसानदायक भी हो सकती है।

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वाइन का सेवन हड्डियों के लिए काफी फायदेमंद होता है। कई अध्ययनों से स्पष्ट होता है कि मॉडरेट मात्रा में वाइन पीने से हड्डियों को मजबूती मिलने के साथ घनत्व में सुधार भी होता है। उम्र के साथ-साथ हड्डियां पतली और कमजोर होने लगती हैं। इस संबंध में वाइन के प्रभाव को जानने के लिए किए गए अध्ययन से पता चलता है कि मॉडरेटिड मात्रा में इसका सेवन ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम कर सकती है।

ऑस्टिसेवनयोपोरोसिस हड्डियों से जुड़ी बीमारी है जो रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में होनी वाली प्रमुख समस्या है। प्रतिदिन एक या दो गिलास वाइन का सेवन महिलाओं में हड्डियों के पतले होने के जोखिमों को कम कर सकती है।

वाइन में मौजूद पोषक तत्व इसे कई प्रकार से स्वास्थ्य के लिए लाभकारी बनाते हैं, लेकिन यहां हमेशा ध्यान रखने की आवश्यकता है कि इसका सेवन नियत मात्रा में ही किया जाना चाहिए। दुनियाभर में हर साल सैकड़ों की जान शराब के अत्यधिक सेवन के कारण चली जाती है। एक आंकड़े के मुताबिक अमेरिका में 20 से 64 वर्ष की आयु में होने वाली मौतों में से 10 में से 1 की मौत इसी कारण से होती है। ज्यादा मात्रा में शराब का सेवन कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग, लिवर और अग्नाशय जैसे कई तरह के रोगों के जोखिमों को जन्म दे सकता है।

इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान शराब के सेवन को हानिकारक माना जाता है। यह गर्भ में पल रहे शिशुओं में जन्मजात दोष और अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। गर्भावस्था के दौरान शराब पीने से गर्भपात और भ्रूण में अल्कोहल सिंड्रोम का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए विशेषज्ञों की सलाह है कि यदि आप गर्भवती हैं तो शराब न पिएं।

वाइन का सेवन दमा के लक्षणों को भी बढ़ा सकता है। वाइन में सैलिसिलेट के कारण यह समस्या आ सकती है। इतना ही नहीं शराब का सेवन गाउट का भी मुख्य कारण हो सकता है।

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