आजकल ज्यादातर लोगों को आंखें कमजोर होने की शिकायत रहती है. कई लोग चश्मा लगने से भी परेशान होते हैं. आंखें बहुत ही नाजुक होती हैं. इसीलिए, इनका ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत है. बदलतें लाइफस्टाइल के कारण आंखों पर भी बहुत प्रभाव पड़ रहा है. जिससे आंखों से जुड़ी कई सारी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं.

आज इस लेख में जानेंगे कि आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए कौन-कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए.

  1. आंखों के लिए एक्सरसाइज - Exercise for eyes in Hindi
  2. आंखों की एक्सरसाइज करने के फायदे - Benefits of eye exercises in Hindi
  3. ध्यान रखने योग्य बातें
  4. सारांश
आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज के डॉक्टर

आजकल ज्यादातर लोगों का समय कंप्यूटर स्क्रीऩ, लैपटॉप, मोबाइल और अन्य गैजेट्स पर बीतता है, जिससे आंखें बहुत प्रभावित होती है. इस कारण आई स्ट्रेन, ड्राई आइस, धुंधला दिखना जैसी समस्याएं होनी शुरू हो जाती हैं. ऐसे में आप आंखों की कुछ एक्सरसाइज करके इन दिक्कतों से निजात पा सकते हैं.

(और पढ़ें - आंखों की रोशनी बढ़ाने के उपाय)

पलक झपकाना - Blinking

अगर आप अपनी आंखों का फोकस रखते हुए उन्हें तरोताजा रखना चाहते हैं, तो पलक झपकाने की एक्सरसाइज आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है. आंखों को तेज करने के लिए यह एक बहुत आसान तरीका है, कंप्यूटर, टेलीविजन मोबाइल फोन और गैजेट्स का उपयोग करने वाले लोग अपनी पलकें कम ही झपकाते हैं. इसलिए समय-समय पर पलकें झपकाते रहें. पलक झपकाने से आंखों को आराम मिलता है. साथ ही आंखों का तनाव भी कम होता है.

जूमिंग - Zooming

इस एक्सरसाइज को आंखों का फोकस बढ़ाने के लिए काफी असरदार माना जाता है, यह आंखों की रोशनी को तेज करने के साथ साथ आंखों की मांसपेशियों को भी मजबूत करने में मददगार होती है. ज़ूमिंग करने के लिए -

  • एक जगह आराम से कमर सीधी करके बैठ जाएं.
  • अपने हाथ को सामने की ओर ले जाएं और थंप्सअप करते हुए उस पर ध्यान केंद्रित करें.
  • धीरे-धीरे अंगूठे को अपनी आंखों के पास तब तक लाएं, जब तक की आपके चेहरे से अंगूठे की दूरी 3 इंच ना रह जाएं. 
  • फिर धीरे-धीरे अपने अंगूठे को खुद से उतनी दूर ले जाएं, जितना आप ले जा सकते हैं.
  • पूरे दिन में अपनी इच्छानुसार कभी भी कुछ मिनटों के लिए यह एक्सरसाइज करें.

(और पढ़ें - ड्राई आई सिंड्रोम का इलाज)

फोकस चेंज - Focus Change

यह एक्सरसाइज लोगों को बैठकर ही करनी चाहिए. फोकस चेंज एक्सरसाइज आई स्ट्रेन को ठीक कर सकता है.

  • सीधे बैठ जाएं और कोई एक वस्तु खुद से कुछ दूरी पर रख लें.
  • अपनी एक उंगली को अपनी आंख के सामने कुछ इंच दूरी पर रखें.
  • उंगली पर टकटकी लगाए अपना ध्यान केंद्रित करें.
  • धीरे-धीरे उंगली को अपने चेहरे से दूर ले जाएं और दूर रखी वस्तु पर अपना ध्यान केंद्रित करें, फिर वापस से अपना ध्यान अपनी उंगली पर केंद्रित करे और उंगली को वापस अपने आंखों के पास ले आएं.
  • तीन बार इस एक्सरसाइज को दोहराएं.

फोकस 8 - Focus Eight

यह एक्सरसाइज भी बैठकर करनी चाहिए. यह आंखों को तेज करता है और आई स्ट्रेन को कम करने में मदद करता है.

  • सीधे बैठ जाएं और 10 इंच की दूरी पर किसी एक बिंदु पर अपना ध्यान केंद्रित करें. 
  • उस बिंदु पर ध्यान केंद्रित करते हुए 30 सेकंड तक अपनी आंखों को 8 आकृति के आकार की तरह घुमाएं और फिर दिशा बदलते हुए दोबारा ये एक्सरसाइज करें.

पेंसिल पुशअप - Pencil Pushup 

पेंसिल पुशअप एक सरल ऑक्युलर (Ocular) एक्सरसाइज है, जिसमें दोनों आंखों को एक ही जगह पर ध्यान केंद्रित करवाना होता है. यह एक्सरसाइज कन्वर्जेंस इंसफिशिएंसी (Convergence insufficiency) के मरीजों के लिए है, जो पास के काम दोनों आंखों से एकसाथ नहीं कर पाते. इसमें किसी पास की वस्तु पर ध्यान केंद्रित करते हुए आंखें अंदर की तरफ घूमती हैं. इसको आप खड़े होकर या बैठकर भी कर सकते है. इसे करने के लिए -

  • एक पेंसिल लें और उसको अपनी हाथ की लंबाई जितनी दूरी पर लेकर जाएं.
  • पेंसिल की नोक पर अपना ध्यान केंद्रित करें.
  • जब तक फोकस हो सकें करें और पेंसिल को धीरे-धीरे अपनी नाक की तरफ लेकर आएं. जब धुंधला दिखने लगे तो, रुक जाएं.
  • फिर धीरे-धीरे पेंसिल को खुद से अपने हाथों की लंबाई जितनी दूर ले जाएं.
  • इस प्रक्रिया को 20 बार दोहराएं.

इस एक्सरसाइज को पेंसिल के आकार के समान किसी भी वस्तु का भी उपयोग किया जा सकता है. इस एक्सरसाइज को करने से आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद मिलती है.

विजन थेरेपी - Vision Therapy

यह एक्साइज डॉक्टर की देखरेख में ही की जाती है. इस थेरेपी को खासकर आंखों की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए किया जाता है. यह आंखों की समस्याओं जैसे, कन्वर्जेंस इंसफिशिएंसी, स्ट्रैबिस्मस (Strabismus), एंबीलिया (Amblyopia), डिस्लेक्सिया (Dyslexia) में भी सहायक हो सकता है.

(और पढ़ें - आंखों में दर्द का इलाज)

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आंखों की एक्सरसाइज से आंखों के तनाव को दूर करने में मदद मिलती है. साथ ही आंखों को आराम भी मिलता है. खासकर तब, जब काम करने के दौरान आपको आंखों से संबंधित दिक्कत महसूस होती है. यह आंखों की रोशनी को भी बढ़ाने में मदद करती है. आंखों की मांसपेशियां को भी मजबूत बनाती है. आंखों को स्वस्थ रखने के लिए इन एक्सरसाइज को रोजाना किया जा सकता है.

(और पढ़ें - आंखों की थकान का इलाज)

अगर आप अपनी आंखों की रौशनी बढ़ाना चाहते हैं या केवल आंखों को स्वस्थ ही रखना चाहते हैं तो इन बातों का ध्यान रखें -

  • नियमित रूप से समय-समय पर अपनी आंखों का चेकअप करवाते रहना चाहिए.
  • विटामिन ए स्वस्थ आंखों के लिए बहुत ही जरूरी पोषक तत्व है. इसलिए, आंखों की रोशनी के लिए विटामिन ए युक्त भोजन खाएं. 
  • चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस से आंखें कमजोर नहीं होती है. अगर आपको इनकी जरूरत है, तो इन्हें जरूर पहनें. 
  • अगर आपको धुंधला दिखाई देता है, आंखें लाल होना, आंखों में दर्द, रोशनी खोना, पलकों की सूजन आदि महसूस होता है, तो देरी न करें, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

(और पढ़ें - आंखों में सूजन का इलाज)

शोधकर्ताओं का मानना है कि आंखों की एक्सरसाइज आंखों की समस्याओं का "प्राकृतिक" इलाज है और आंखों की रोशनी को बढ़ाता है. घर पर आसानी से आंखों की एक्सरसाइज की जा सकती है. जिससे आंखों की समस्याओं जैसे- डिजिटल आई स्ट्रेन, स्ट्रबिस्मुस इत्यादि से निजात पाया जा सकता है.

(और पढ़ें - भेंगेपन की सर्जरी)

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