स्वादिष्ट हर्बल चाय कई लोगों के लिए एक पसंदीदा पेय बन गई हैं। वास्तव में लोग इनके स्वाद और अविश्वसनीय औषधीय गुणों के कारण सदियों से इनका सेवन करते आए हैं। पीने में स्वादिष्ट होने के साथ साथ यह पोषक तत्वों से भरी हुई है। यह न केवल आपके शरीर में तरल पदार्थ की पूर्ती करती हैं, बल्कि ये अतिरिक्त पोषक तत्वों के साथ भी भरी होती हैं। कॉफी के विपरीत इसमें कैफीन की मात्रा नहीं होती है जिसका सेवन विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देता है।

हर्बल चाय बनाना बहुत ही आसान होता है और ये अनेकों स्वस्थ लाभ प्रदान करती हैं तो चलिए जानते हैं हर्बल चाय के फायदों के बारे में।

  1. ग्रीन टी पीने के फायदे वजन कम करने के लिए - Green tea for weight loss in hindi
  2. अदरक की चाय के फायदे गठिया में - Ginger tea for arthritis pain in hindi
  3. कैमोमाइल चाय के लाभ अनिद्रा में - Chamomile tea cures insomnia in hindi
  4. पुदीने की चाय के फायदे रखे अपच स्वस्थ - Peppermint tea good for indigestion in hindi
  5. तुलसी की चाय के फायदे मसूड़ों में - Tulsi tea helps bad breath in hindi
  6. सेज की चाय पिने के लाभ गले की समस्या में - Sage tea for throat infections in hindi
  7. लेमन बाम चाय के लाभ चिंता के इलाज ले लिए - Lemon balm tea for anxiety in hindi
  8. सिंहपर्णी की चाय के लाभ लीवर के लिए - Dandelion tea for liver cleanse in hindi
  9. गुड़हल की चाय उपयोग करे रक्तचाप को नियंत्रित - Hibiscus tea to lower blood pressure in hindi

स्वस्थ हर्बल चाय की बात करें तो इस सूची में ग्रीन टी सब से ऊपर है। ग्रीन टी वजन घटाने और मोटापा से लड़ने में मदद करती है। मोटापा हृदय रोगों से लेकर मधुमेह तक कई रोगों का प्रमुख कारण है।

ग्रीन टी एपिगलोकेटेशिन गलेट (epigallocatechin gallate) (EGCG) नामक एक कैटेचिन (catechin) से समृद्ध है जो कैलोरी को जलाने और वजन को कम करने के लिए मेटाबोलिज्म को बनाता है।

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ओबेसिटी (International Journal of Obesity) में प्रकाशित 2009 के एक अध्ययन में हरी चाय में वजन घटाने और वजन नियंत्रित करने के सकारात्मक प्रभाव देखे गएँ हैं।

(और पढ़ें - वजन घटाने के घरेलू नुस्खे)

हरी चाय में एंटीऑक्सिडेंट्स के गुण होते हैं जो उम्र से संबंधित बीमारियों से शरीर की रक्षा करने के लिए ऊतक कोशिकाओं को मजबूत करते हैं। यह प्रदूषकों की वजह से सेल के नुकसान को रोकते हैं। हरी चाय कैंसर से लड़ने में भी मदद करती है। यह हृदय रोग को रोकने और मधुमेह के खतरे को कम कर करती है। इसके सेवन से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनती है

ग्रीन टी बनाने की विधि

  1. एक कप में 1 से 2 चम्मच अच्छी गुणवत्ता वाली हरी चाय की पत्तियों को डालें।
  2. अब कप में गर्म पानी डालें।
  3. अब इसे ढक कर 2 से 3 मिनट के लिए छोड़ दें।
  4. अब इसे छान लें फिर इसमें थोड़ा शहद मिला लें और पिएं।
  5. आप रोजाना 3 से 4 कप हरी चाय पी सकते हैं

(और पढ़ें - वजन घटाने के लिए क्या खाएं)

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अदरक किसी भी प्रकार की सूजन को कम करने में मदद करता है। गठिया से पीड़ित लोग अगर अदरक की चाय का सेवन करते हैं तो इसके सेवन से गठिया के दर्द और सूजन को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा यह दर्द से भी लड़ने में मदद करता है।

जर्नल ऑफ़ मेडिसिनल फ़ूड में 2005 में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि अदरक कोशिकाओं के सूजन को कम करता है। इसलिए यह गठिया और अन्य प्रकार के सूजन के लिए प्रभावी उपचार होता है।

अदरक की चाय पीने से खराब पेट ठीक होता है। इसके अलावा तनाव कम करने, सर्दी से लड़ने, मासिक धर्म की ऐंठन को कम करने, प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने, रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य करने, भूख को नियमित करने में भी मदद मिलती है।

अदरक की चाय बनाने की विधि

  1. एक बर्तन में एक बड़ा चमचा अदरक का टुकड़ा और 2 कप पानी डाल लें।
  2. अब पानी को 10 मिनट के लिए उबाल लें।
  3. अब इसे किसी साफ कप में छान लें।
  4. अब आप इसमें थोड़ा शहद और कुछ बूंद नींबू का रस डाल कर अच्छी तरह मिला लें और इसका सेवन करें।
  5. रोजाना 2 या 3 कप अदरक की चाय का सेवन कर सकते हैँ।

कैमोमाइल चाय अनिद्रा और नींद सम्बंधित अन्य विकारों से लड़ने के लिए सर्वश्रेष्ठ हर्बल चाय में से एक है। कैमोमाइल को व्यापक रूप से नींद को बढ़ाने के रूप में जाना जाता है। इसका यह प्रभाव इसमें उपस्थित फ्लेवोनॉयड एपिजेनिन (flavonoid apigenin) के कारण होता है जो मस्तिष्क में बेंजोडाइजेपाइन रिसेप्टर्स (benzodiazepine receptors) से बांधता है। (और पढ़ें – दस्त की दवा है बबूने का फल)

नियमित रूप से कैमोमाइल चाय को पीने से सिर दर्द से राहत मिलती है। इसके अलावा मांसपेशियों का दर्द कम होता है, तनाव नियंत्रित होता है, मासिक धर्म के ऐंठन से राहत मिलती है, पेट की समस्याओं का इलाज होता है, वजन कम करने में मदद मिलती है और प्रतिरक्षा बढ़ती है। (और पढ़ें – सिर दर्द के घरेलु उपाय)

चाय बनाने के लिए ताजी और सूखे कैमोमाइल फूलों का उपयोग किया जाता है।

कैमोमाइल चाय बनाने की विधि

  1. एक कप गर्म पानी में 1 चम्मच सूखे कैमोमाइल या 2 चम्मच ताजा कैमोमाइल फूल डालें।
  2. अब इसे 5 मिनट के लिए ढक कर छोड़ दें और फिर इसे छान लें।
  3. अब इसमें थोड़ा शहद मिलाकर इसे गर्म रहते ही पिएं।

नोट: यदि आप गर्भवती हैं या गर्भवती होने की कोशिश कर रही हैं तो इस जड़ी-बूटी के सेवन से बचें।

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पुदीने की चाय अपच और अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं से पीड़ित होने पर और पाचन तंत्र में सुधार करने में मदद करती है। यह पेट की मांसपेशियों और आंतों को सांत करती है और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम के लक्षण जैसे पेट की ऐंठन और सूजन को दूर करने में भी मदद करती है। इसके अलावा यह आसानी से भोजन को पचाने में मदद करती है और मतली की समस्या से छुटकारा दिलाती है।

मेन्थॉल होने के कारण पुदीने की चाय शरीर और मन पर ठंडा और शांत प्रभाव डालती है। इस जड़ी बूटी में मैंगनीज, ताम्बा और विटामिन सी की अच्छी मात्रा भी होती है। (और पढ़ें – काली चाय के फायदे और नुकसान)

पुदीने की चाय मांसपेशियों की ऐंठन को काम करने, वजन घटाने, तनाव से लड़ने, सांस की बदबू को दूर करने सिरदर्द को कम करने, मौखिक स्वास्थ्य को बनाए रखने और एलर्जी और अस्थमा को रोकने में मदद करती है।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए डाइट चार्ट)

पुदीने की चाय बनाने की विधि

  1. गर्म पानी के पॉट में 1 बड़ा चमचा ताजे पुदीना के पत्ते डालें और 10 मिनट के लिए छोड़ दें।
  2. अब पानी को छान लें।
  3. अब इसे ठंडा होने पर पिएं।
  4. आप प्रतिदिन पुदीना चाय के 3 से 4 कप पी सकते हैं।

तुलसी की खुशबू बदबूदार सांस की समस्या में मदद करती है। तुलसी में एंटीऑक्सिडेंट और जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो मुंह के अंदर गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं और पायरिया और मसूड़ों की अन्य बीमारियों को होने से रोकते हैं।

ओरल हेल्थ एंड डेंटल मैनेजमेंट द्वारा 2015 में प्रकाशित एक लेख में पाया गया कि तुलसी के पत्तों को चबाने से जीवाणुओं की संख्या कम होती है जिससे हैलीटोसिस यानी मुंह से दुर्गंध की समस्या के इलाज में मदद milती है। पत्तियों को चबाने से जो जलीय घोल निकलता है। वो भी बदबूदार सांस से लड़ने में प्रभावी पाया गया है। 

(और पढ़ें – लेमन टी के फायदे)

इसके अलावा तुलसी में विटामिन एविटामिन kविटामिन सी और मैंगनीज पाया जाता है। तुलसी की चाय नियमित रूप से पीने से तनाव को कम करने, मूड को ठीक करने, अपच से राहत पाने, सिरदर्द का इलाज करने, पेट फूलने, भूख में सुधार करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद मिलती है।

तुलसी की चाय बनाने की विधि

  1. एक कप में 2 चम्मच सूखे तुलसी के पत्तों को डालें।
  2. अब पत्तों पर उबला हुआ पानी डालें।
  3. अब इसे 10 से 15 मिनट के लिए ढक कर छोड़ दें।
  4. अब इसे छान कर शहद मिलाकर पी सकते हैं।
  5. आप एक दिन में तुलसी की चाय के 2 से 3 कप पी सकते हैं

सेज की चाय गले की समस्या से पीड़ित होने पर बहुत फायदेमंद है। यह गले में जलन और सूजन से मुक्ति दिलाती है। इसके रोगाणुरोधी गुण सर्दी से लड़ने में मदद करते हैं और गले में हानिकारक जीवाणुओं के विकास को धीमा करके गले की समस्या से छुटकारा दिलाते हैं।

(और पढ़ें –  कफ, सर्दी, जुखाम, गले में खराश, खाँसी से अगर हैं परेशान, तो ज़रूर सुनें बाबा रामदेव की बात)
सेज की चाय नियमित रूप से पीने से यह मूड को अच्छा करती है, चिंता को कम करती है, मौखिक स्वास्थ्य को बनाए रखती है, स्मृति में वृद्धि करती है, रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करती है, दिल के स्वास्थ्य को बढ़ाती है और पाचन को बेहतर करती है।

सेज की चाय बनाने की विधि

  • एक कप में 1 बड़ा चम्मच ताज़ा सेज की पत्तियां या एक छोटा चम्मच सूखे सेज की पत्तियां डालें।
  • अब इसमें उबला हुआ गर्म पानी डालें।
  • अब इसे 5 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • अब इसे छान लें।
  • इसके स्वाद और प्रभाव को बढ़ाने के लिए कुछ नींबू का रस और शहद डाल कर इसका सेवन करें।

ध्यान दें: गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं के साथ-साथ मिर्गी से ग्रस्त लोग सेज का सेवन नहीं करें।

लेमन बाम चिंता का इलाज करने के लिए प्रसिद्ध जड़ी बूटी है। यह दिमाग को शांत कर चिंता कम करने और नींद को बढ़ाने में मदद करती है।

दी मेडिटरेनीयन जर्नल ऑफ़ नुट्रिशन एंड मेटाबोलिज्म में 2011 में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि लेमन बाम के पत्ते का रस हल्के से मध्यम चिंता विकारों, उनके लक्षणों और नींद की कमी को दूर करने में मदद करते हैं।

नियमित रूप से लेमन बाम की चाय पीने से आपकी त्वचा जवान रहती है, स्मृति तेज होती है, जिगर के स्वास्थ्य में सुधार होती है, रक्त शर्करा का स्तर बना रहता है और भूख में भी सुधार होता है। (और पढ़ें –   दिमाग तेज़ कैसे करें)

लेमन बाम चाय बनाने की विधि

  • एक कप में 1 से 2 चम्मच सूखे लेमन बाम डालें।
  • अब आप उसमे उबला हुआ पानी डालें।
  • अब इसे ढक कर छोड़ दें। जब यह ठंडा हो जाए तो इसका सेवन करें।
  • अब प्रतिदिन इस चाय को सिर्फ एक बार पिएँ।
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सिंहपर्णी एक स्वस्थ जड़ी बूटी है जो लीवर को सूधारने, स्वच्छ करने और शुद्ध करने में मदद करती है। यह शक्तिशाली लीवर टॉनिक लीवर में जमे वसा के चयापचय में मदद करती है जिससे लीवर के काम करने की क्षमता बढ़ती है। यह पित्त के प्रवाह को भी बढ़ाती है और लीवर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है।

जर्नल ऑफ़ एथनोफार्माकोलोग्य में प्रकाशित 2010 के एक अध्ययन में पाया गया है कि सिंहपर्णी की जड़ लीवर रोगों के लिए बहुत फायदेमंद होती है।

इस जड़ी बूटी में आयरन, पोटेशियम और बीटा-कैरोटीन जैसे आवश्यक खनिज पाई जाती हैं साथ ही इसमें विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन डी पाया जाता है (और पढ़ें –   लिवर को साफ और स्वस्थ रखने के लिए 10 सर्वोत्तम आहा)

सिंहपर्णी की चाय पीने से वजन कम होता है, रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य करती है, शरीर से विषाक्त पदार्थों को हटाती है, सूजन से लड़ने में मदद करती है, उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करती है और मूत्र संबंधी विकारों को रोकने में फायदेमंद होती है।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए कितना पानी पीना चाहिए)

सिंहपर्णी की चाय की विधि

  • एक कप पानी में दो चम्मच सिंहपर्णी की जड़ के चूर्ण को डालें।
  • अब इसे दो मिनट के लिए उबाल लें।
  • अब इसे स्टोव से उतार लें और लगभग 10 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • अब इसे छान कर पिएं।
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गुड़हल की चाय रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए बहुत ही फायदेमंद है। गुड़हल में एंटीऑक्सीडेंट यौगिक होते हैं जो कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन LDL यानि खराब कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीकरण को रोकने में मदद करते हैं जिससे धमनियों के सख्त होने और हृदय रोग को रोकने में मदद मिलती है।

दी जर्नल ऑफ़ नुट्रिशन में प्रकाशित एक 2010 के अध्ययन में बताया गया है कि गुड़हल की चाय की दैनिक खपत से जिन लोगों में उच्च रक्तचाप होने की संभावना है या जिनमें यह समस्या शुरूआती चरण में है, उनका रक्तचाप काम होता है.

गुड़हल की चाय उच्च कोलेस्ट्रॉल को कम करती है, पाचन में सुधार करती है, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती है, सूजन को कम करती है, लीवर को स्वस्थ रखती है और कैंसर के खतरे को कम करती है। यह चयापचय को तेज कर सकती है और धीरे धीरे वजन घटाने के साथ मदद करती है। 

(और पढ़ें –  उच्च रक्तचाप के लिए बहुत ही उपयोगी जूस)

गुड़हल की चाय बनाने की विधि

  • 2 कप पानी में 2 चम्मच सूखी गुड़हल की पंखुड़ी डालें।
  • अब इसे 10 मिनट के लिए उबाल लें।
  • अब इसे छान लें अब इसमें स्वाद के लिए शहद और थोड़ा नींबू का रस डालें और पिएं।
  • आप प्रतिदिन इस चाय का 2 से 3 कप सेवन कर सकते हैं।

नोट: यदि आप गर्भवती हैं या स्तनपान कराती हैं तो गुड़हल की चाय का सेवन नहीं करें क्योंकि यह आपके लिए समस्या पैदा कर सकती है।

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