स्वस्थ जीवन की कुंजी शारीरिक व्यायाम में छिपी है और व्यायाम के साथ नियमित रूप से दौड़ना उससे भी आवश्यक है। क्योंकि रोजाना दौड़ने से न सिर्फ आप फिट रहते हैं, बल्कि इससे मृत्यु का जोखिम भी कम होता है। ब्रिटिश जरनल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में हाल ही में छपी एक स्टडी बताती है कि दौड़ना कितना जरूरी है।

एक दौड़ और कम होगा मृत्यु का जोखिम
रिसर्च के मुताबिक दौड़ने से किसी भी प्रकार की मृत्यु का जोखिम कम होता है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि किसी भी कारण से और विशेष रूप से हृदय रोगकैंसर से मृत्यु के जोखिम को रोकने में दौड़ना कितना कारगर है। न ही यह स्पष्ट है कि मृत्यु के जोखिम को कम करने के लिए व्यक्ति को कितना दौड़ना चाहिए। क्योंकि ये रिसर्च इस बात की पुष्टि नहीं करती कि व्यक्ति को कितना और कितनी तेज दौड़ना है। मगर दौड़ने से डेथ रिस्क कम होता है, ये शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया है।

  • रिसर्च के जरिए शोधकर्ताओं ने पता लगाने की कोशिश की, कि कैसे दौड़ना मृत्यु के जोखिम को कम कर सकता है। इसके लिए उन्होंने पुराने शोध, कॉन्फ्रेंस प्रजेंटेशन और डॉक्टर थीसिस के अलावा अन्य अकादमिक डाटाबेस का अध्ययन किया।
  • शोधकर्ताओं ने दौड़ने या जॉगिंग करने के बाद मृत्यु के जोखिम (विशेषकर हृदय रोग और कैंसर) के बीच के संबंध का बारीकी से अध्ययन किया।

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क्या कहती है रिसर्च ?
अध्ययनकर्ताओं को इस विषय पर 6 दलों के करीब 14 शोध मिले। कुल 2,32,149 लोगों पर हुए इन शोधों की अवधि (साढ़े पांच से 35 साल) के दौरान 25,951 लोगों की मौत हो गई। 

  • अध्ययनकर्ताओं को रिसर्च के आंकड़ों से पता चला कि रनिंग (दौड़) नहीं करने वाले लोगों (महिला और पुरुष) की तुलना में दौड़ने वाले 27 प्रतिशत लोगों में किसी भी प्रकार की मृत्यु का जोखिम कम था।
  • रिसर्च से पता चला कि दौड़ने से 30 प्रतिशत हृदय रोग और 23 प्रतिशत कैंसर से होने वाली मृत्यु का जोखिम कम हुआ।

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कितना और कितनी तेज रनिंग से होगा फायदा

  • अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि अगर कोई व्यक्ति हफ्ते में एक बार भी 50 मिनट या उससे कम समय के लिए 8 किलोमीटर प्रति घंटे से कम की रफ्तार से भी दौड़ें तो उसे भी फायदा पहुंचता है।
  • शोधकर्ताओं के अनुसार कठिन साप्ताहिक शारीरिक गतिविधि के मुकाबले 25 मिनट कम दौड़ने से भी मौत का खतरा कम हो सकता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि जिन लोगों के पास व्यायाम न करने के लिए समय के आभाव का बहाना है, उनके लिए भी दौड़ना अच्छा विकल्प है।

दौड़ का समय या दूरी बढ़ाने से मौत का खतरा और ज्यादा कम होने का कोई संकेत शोधकर्ताओं को नहीं मिला। हालांकि, यह एक ऑब्जर्वेशनल अध्ययन है और मृत्यु के कारणों को स्थापित नहीं करता।

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क्या है डॉक्टर की राय?
myUpchar से जुड़ी डॉक्टर शहनाज़ ज़फर का भी मानना है कि रनिंग या दौड़ने से मृत्यु के जोखिम को कम किया जा सकता है। क्योंकि रनिंग से कई प्रकार की बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है। जो कि इस प्रकार हैं-

डॉक्टर शहनाज के मुताबिक दौड़ने से काफी मात्रा में कैलोरी नष्ट होती है, जिससे हृदय रोग का खतरा कम होता है। इसके अलावा ब्लड प्रेशर कंट्रोल (नियंत्रण) में रहता है और खून का प्रवाह ठीक रहता है। यही कारण है कि दौड़ना मृत्यु के जोखिम को कम करने में सहायक होता है।

कुल मिलाकर दौड़ना हमारे लिए लाभदायक भी है और जरूरी भी। हालांकि, कितना दौड़ना है और कितनी तेज, इसकी परवाह किए बगैर एक बेहतर रनिंग के जरिए डेथ रिस्क को कम किया जा सकता है।

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