रसोई में खाना बनता है इसलिए घर के इस हिस्से को सबसे ज्यादा साफ रखना चाहिए। अमूमन हर घर की रसोई में साफ-सफाई और गर्म बर्तन आदि पकड़ने के लिए सूती कपड़ों या तौलिए का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये चीजें आपको बीमार बना सकती हैं। संभव है कि तौलिए का बार-बार इस्तेमाल करने से उसमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं। यदि आप तौलिए को नियमित साफ नहीं करते हैं, तो ये परिवार के अन्य सदस्यों की सेहत को भी प्रभावित कर सकता है।

अमेरिकन सोसायटी ऑफ माइक्रोबायोलॉजी की वार्षिक बैठक में एक नया अध्ययन प्रस्तुत किया गया। इसमें शोधकर्ताओं ने जाना कि सबसे ज्यादा बैक्टीरिया रसोई में मौजूद तौलिए में होते हैं। इसलिए लोगों को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है कि रसोई में रखे तौलिए का उपयोग कैसे किया जा रहा है। अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि रसोई के तौलिए में ई. कोलाई व अन्य बैक्टीरिया ज्यादा होते हैं, जिनके जरिए फूड पॉइजनिंग और अन्य खाद्य जनित बीमारियां फैल सकती हैं। 

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मॉरीशस विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने रसोई में एक महीने तक इस्तेमाल किए गए करीब 100 तौलियों पर परीक्षण किया, जिन्हें एक महीने तक धोया नहीं गया था। इस दौरान उन्होंने पाया कि लगभग आधे से ज्यादा तौलियों में बैक्टीरिया मौजूद थे।

"मॉरीशस विश्वविद्यालय में हेल्थ साइंस के वरिष्ठ लेक्चरर और इस अध्ययन के प्रमुख लेखक सुशील डी. बिरंजिया-हर्दोयल ने कहा कि "रसोई के तौलिए का इस्तेमाल किन-किन कार्यों में होता है, ये किस तरह कीटाणुओं के संपर्क में आते हैं और किचन में तौलियों से कितना काम किया जाता है, इन सब बातों को ध्यान में रखकर ये जांच की गई है।"

कैसे बढ़ता है बैक्टीरिया?

जिन 49 तौलियों में बैक्टीरिया पाया गया था उनमें से 36.7 प्रतिशत कोलीफॉर्म बैक्टीरिया, 36.7 प्रतिशत एंटरोकोकस और 14.3 प्रतिशत स्टैफिलोकोकस ऑरियस (एस. ऑरियस) नामक बैक्टीरिया पाए गए। इसके अलावा इन तौलियों को इस्तेमाल करने वालों लोगों को भी बैक्टीरिया ने प्रभावित किया था। हालांकि, शोधकर्ताओं ने पाया कि तौलियों में बैक्टीरिया के जो प्रकार और संख्या पाई गई थी वो इस बात पर निर्भर करते थे कि परिवार कितना बड़ा है, घर में बच्चे कितने समय तक रहते हैं, वहां रहने वाले लोग कैसा खाना खाते हैं, वहां रसोई में किस तरह का कपड़ा इस्तेमाल किया जाता है और उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति कैसी है।

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उदाहरण के लिए, एस. ऑरियस (आमतौर पर त्वचा, नाक और गले पर पाया जाने वाला) नामक बैक्टीरिया उन घरों की रसोई के तौलिए में ज्यादा पाया गया जहां बच्चों की संख्या अधिक थी और जो सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर थे।

इसके अलावा शोधकर्ताओं ने पाया कि जिस तौलिए का प्रयोग एक काम के लिए किया जाता है उससे ज्यादा बैक्टीरिया उन तौलियों में था, जिनका इस्तेमाल कई तरह के कार्यों जैसे बर्तन व हाथ पोंछने, गर्म बर्तन पकड़ने या स्लैब को साफ करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा गीले तौलिए में सूखे तौलिए की तुलना में अधिक बैक्टीरिया होते हैं। 

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बैक्टीरिया का सेहत पर असर

अधिकांश बैक्टीरिया हमारी सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। कुछ रोगजनक जैसे ई. कोलाई और एस. ऑरियस का संबंध फूड पॉइजनिंग से होता है जिसके कारण जी मिचलाना, उल्टी, दस्त, पेट दर्द और बुखार हो सकता है और यह लक्षण कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक रह सकते हैं।

क्या है बचाव 

नियमित रूप से रसोई के तौलिए की साफ-सफाई करें। जिस तौलिए से केवल एक काम किया जाता है उसमें कम बैक्टीरिया होते हैं। इससे पता चलता है कि यदि तौलिए को साफ रखा जाए तो हानिकारक बैक्टीरिया के प्रभाव से बचा जा सकता है।

कभी भी हाथ पोंछने वाले तौलिए को दूसरों के साथ शेयर न करें क्योंकि इससे कीटाणु हाथ के जरिए फैल सकते हैं। बच्चों या बुजर्गों को घर में स्वच्छता के प्रति सबसे अधिक चौकन्ना रहना चाहिए, क्योंकि उनके बीमार होने का खतरा ज्यादा रहता है। हालांकि, रसोई को पूरी तरह से रोगाणु-मुक्त रखना मुश्किल हो सकता है, लेकिन तब भी तौलिए और हाथ को नियमित रूप से धोना आपको बीमारियों से सुरक्षित और सेहतमंद रख सकता है।

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