जब खान-पान और फिटनेस की बात आती है तो लोग असमंजस में पड़ जाते हैं कि किस पर विश्वास करें और किस पर नहीं। ऐसे में फिटनेस एक्सपर्ट और हेल्थ वेबसाइट लुभा ही लेती हैं और हमें उनकी सलाहों पर विश्वास भी हो ही जाता है। ऐसे में वैज्ञानिकों द्वारा की गई रिसर्च का क्या और पीढ़ियों से चली आ रही घरवालों की सलाहों को भी नकार नहीं सकते।

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आपको एक हस्ती के बारे में बताते हैं जो सोशल मीडिया पर आपकी खाने से जुड़ी सारी गलफहमियां दूर कर देंगी। लुसी माउंटेन जिन्हें पहले इंस्टाग्राम पर फैशन फिटनेस फूडी के नाम से जाना जाता था। ये अपने अकाउंट से लोगों के सारे भ्रम दूर करती हैं। इनकी सलाह पर जाने से पहले फिटनेस गुरू की बातों पर जरा गौर फर्मा लेते हैं।

फिटनेस गुरूओं की सलाहें -

  • फ्लेवर्ड दही न खाएं, इसमें एक बैग डार्क चॉकलेट से भी ज्यादा शुगर होता है
  • माइक्रोवेव में बने पॉपकॉर्न न खाएं वरना सेहत पर पड़ेगा बुरा असर
  • कम वसा और वसा रहित खाना ही लें, नहीं तो मोटे हो जाएंगे
  • किसी भी तरह के अप्राकृतिक मीठे का सेवन न करें जैसे शुगर फ्री ड्रिंक्स
  • फ्रोजन फूड भी न खाएं, इनमें से जरूरी विटामिन घटा दिए जाते हैं
  • व्हाइट ब्रेड न लें, क्योंकि इनमें कार्ब हो सकता है
  • बाहर का खाना न खाएं

इनके द्वारा दी गई सलाहें, वजन और अपनी सेहत से परेशान लोगों के लिए पत्थर की लकीर हो जाती हैं। कुछ लोग जब जिम जाना शुरू करते हैं तो खुद को डाइटिशियन समझ लेते हैं। अपने भाई-बहनों, रिश्तेदारों और दोस्तों को क्या खाएं, क्या न खाएं इस पर सलाह देते रहते हैं। इस तरह सभी लोगों में ये खाने से जुड़े मिथ प्लेग की तरह फैल जाते हैं।

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लोग अपनी डाइट से कार्ब घटाने की गलती कर देते हैं
ज्यादातर डाइटिशियन लोगों को अपनी डाइट से कार्ब कम करने की सलाह देते हैं। वहीं फिटनेस एक्सपर्ट लूसी माउंटेन इस बात को अपने तरीके से समझाती हैं। वो कहती हैं कि सभी कार्ब सेहत के लिए हानिकारक नहीं होते, लेकिन फिर भी बहुत से फिटनेस गुरू इन्हें नकारते हैं। माउंटेन अपनी एक पोस्ट में कहती हैं कि ज्यादा कार्ब की कैटेगरी वाले फूड वो फूड हैं, जिनमें पोषक तत्वों का घनत्व अपने प्रतिद्वंद्वी फूड के मुकाबले कम होता है। सभी तरह के खाने में थोड़ा कार्ब और कार्बोहाइड्रेट होना आम बात है। तो अब बात कार्ब बिल्कुल कम करने और खत्म करने की नहीं है, बात है सही फूड लेने की जो आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरी कर सके।

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डाइट कैंप्स पर अंधाधुंध विश्वास न करें
अपनी दूसरी पोस्ट पर माउंटेन अपने फॉलोअर्स को वार्निंग देते हुए कहती हैं कि डाइट कैंप्स जैसे कि इंटरमिटेंट फास्टिंग और कैलोरी काउंटिंग पर ज्यादा निर्भर न रहें। कैलोरी काउंटिंग अपने साथ की गई सबसे बड़ी ज्यादती है। बार-बार कैलोरी का वास्ता देकर डाइट एक्सपर्ट आपकी पसंद की सारी चीजें ले लेते हैं।

आखिर खाएं तो खाएं क्या 
कहानी का सार ये है कि जो आपको पसंद है जरूर खाएं। बिना कैलोरी और कार्ब की परवाह किए। अपनी सलाह लोगों पर थोपकर लोगों को उन्हें आनंद देने वाली चीजों को खाने से न रोकें। उन्हें उनकी जिंदगी उनकी पसंद से जीने दें। जिंदगी बहुत छोटी है इसलिए हर चीज का आनंद लें।

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