मैग्नीशियम हमारे खाने के कई स्त्रोतों में उपलब्ध होता है। सही मात्रा में इसका उपयोग हमें कई बीमारियों से बचाता है। हमारे शरीर की 300 बायोकैमिकल गतिविधियों को पूरा करने के लिए मैग्नीशियम की जरूरत पड़ती है। अति किसी भी चीज की खतरनाक होती है। शरीर में ज्यादा मैग्नीशियम की मात्रा हो जाने हाइपरमैग्नीशियम जैसी बीमारी हो जाती है।

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हाल ही में 'अल्पर्ट मेडिकल स्कूल ऑफ ब्राउन युनिवर्सिटी' की एक रिसर्च ने मैग्नीशियम के सही मात्रा में उपयोग पर अपनी मोहर लगा दी है। रिसर्च के अनुसार खाने की चीजों में पाए जाने वाले मैग्नीशियम का ज्यादा सेवन दिल को बीमार पड़ने से बचाता है। ये रिसर्च 10.5 सालों के बीच 1,53,000 महिलाओं पर की गई। ये वो महिलाएं थीं, जिनकी रजोनिवृति हो चुकी थी। रिसर्च के दौरान इन महिलाओं का हृदय संबंधी डाटा इकट्ठा किया गया। रिजल्ट कहता है कि मैग्नीशियम के सेवन से इन महिलाओं को किसी भी प्रकार का हृदय रोग नहीं हुआ।

आइए जानते हैं मैग्नीशियम किन-किन खाद्य स्त्रोतों में पाया जाता है और इसके क्या फायदे हैं-

  • गहरे रंग की पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक इत्यादि।
  • कद्दू के बीज और तिल
  • समुद्री शैवाल (समुद्र की चट्टानों पर लगे खरपतवार)
  • सेम और दालें
  • अपरिष्कृत अनाज
  • विशेष रूप से हेलिबेट मछली
  • दूध, दही व अन्य दुग्ध उत्पादों से
  • डार्क चॉकलेट
  • एवोकाडो
  • काली बीन्स
  • बादाम, काजू और मूंगफली

मैग्नीशियम से होने वाले फायदे -

  • मैग्नीशियम हृदय गति को नियंत्रित करने में मदद करता है
  • हार्ट फेल जैसी समस्याओं से बचाता है
  • हाई ब्लड प्रेशर से बचाता है
  • टाइप 2 डायबिटीज में शरीर को स्वस्थ रखता है
  • ऑस्टियोपोरोसिस यानि हड्डियों की बीमारी से बचाता है
  • माइग्रेन जैसे गंभीर सिरदर्द से सुरक्षित रखता है

मैग्नीशियम का सही मात्रा में इस्तेमाल फायदेमंद है-
'ऑफिस ऑफ डायटरी सप्लिमेंट्स अमेरिकन नेशनल इंस्टीटियूट ऑफ हेल्थ' के अनुसार रोज मैग्नीशियम की इतनी मात्रा का सेवन करना चाहिए।

  • 1-3 सालों में बच्चों को 80 मिलीग्राम
  • 4-8 साल के बच्चों को 130 मिलीग्राम
  • 9-13 साल के बच्चों को 240 मिलीग्राम
  • 14-18 साल के लड़कों को 410 और लड़कियों को 360 मिलीग्राम
  • 400-420 मिलीग्राम व्यस्क पुरुषों को
  • 310-320 मिलीग्राम व्यस्क महिलाओं को
  • 350-360 मिलीग्राम गर्भवती महिलाओं को 

मैग्नीशियम का ज्यादा सेवन कैसे पहुंचाता है नुकसान
मैग्नीशियम हमें तंदुरुस्त रखने के लिए बहुत जरूरी है, लेकिन ज्यादा मैग्नीशियम कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकता है। मैग्नीशियम के ज्यादा प्रयोग से पाचन क्रिया बिगड़ना, सुस्ती आना और दिल की धड़कनों में अनियमितता जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

मैग्नीशियम के दुष्प्रभाव स्वस्थ लोगों में कम दिखाई पड़ते हैं। जो लोग किडनी से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या से जूझ रहे होते हैं उनका शरीर ज्यादा मैग्नीशियम सोखता है। ऐसा अक्सर किडनी फेल होने वाले व्यस्कों में देखा गया है। मैग्नीशियम का ओवरडोज बहुत ही घातक साबित हो सकता है। पहली स्टेज में हाइपरमैग्नीशिया का पता लगाकर मरीज को सही इलाज उपलब्ध करवाया जा सकता है।

शरीर में मैग्नीशियम की कमी पर सप्लिमेंट लिए जा सकते हैं। ये डोज 600 मिलीग्राम तक के होते हैं। कई बार नसों के जरिए शरीर को तरल रूप में मैग्नीशियम दिया जाता है। सेहत पर मैग्ननीशियम की कमी का बुरा असर दिखने पर लक्षणों के आधार पर सही इलाज उपलब्ध करवाया जाता है। 

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