नवरात्र के दौरान उपवास रखना बहुत ही पवित्र माना जाता है और यह देवी दुर्गा को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इसके धार्मिक पहलू के अलावा, इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है क्योंकि उपवास रखने से अतिरिक्त टोक्सिन पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। इससे हमें बेहतर प्रतिरक्षा और चयापचय में मदद मिलती है। मधुमेह वाले रोगियों को नवरात्र में उपवास का फैसला अपने डाइटीशियन से परामर्श करने के बाद ही करना चाहिए क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है। यह सलाह इसलिए दी जाती है क्योंकि आपका मधुमेह टाइप (Type-1 or Type-2) बाकी की तुलना में अलग हो सकता है और आपको इसके लिए अतिरिक्त दवाएं या सावधानी बरतने की आवश्यकता हो सकती है।

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कभी-कभी मधुमेह वाले रोगी की स्थिति उपवास रखने से खतरनाक हो जाती है जैसे कि टाइप 1 डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों को उपवास नहीं करना चाहिए क्योंकि उपवास उनके स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक जटिलताएं पैदा कर सकता है। हालांकि, टाइप 2 डायबिटीज होने वाले लोगों को उपवास का जोखिम अपेक्षाकृत कम होता है। इसलिए वे कुछ उपायों का पालन करते हुए उपवास कर सकते हैं। इसके अलावा उपवास के दौरान दिन में कई बार ब्लड शुगर लेवल की जाँच करना सुनिश्चित करें।

आइए जानते हैं मधुमेह रोगियों के लिए स्वस्थ उपवास रखने के लिए कुछ सुझाव -

  1. नवरात्रि में मधुमेह रोगी खाएं थोड़े थोड़े अंतराल के बाद
  2. नवरात्रि में डायबिटीज रोगी खाएँ धीरे धीरे अवशोषित होने वाले खाद्य पदार्थ
  3. नवरात्रि में उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों से बचें मधुमेह रोगी
  4. नवरात्रि में चाय और कॉफी का सेवन ना करें मधुमेह रोगी
  5. सारांश

अक्सर कहा जाता है कि "किसी भी चीज़ की अति बुरी होती है" यह मधुमेह रोगियों के मामले में भी सच है। यदि आपको मधुमेह है, तो आपको उत्सव के भोजन के साथ-साथ उपवास दोनों में एक ही समय में ज़्यादा खाने से बचना चाहिए। उपवास रखना आपकी मर्जी पर निर्भर करता है और यदि उपवास रखना चाहते हैं, तो लंबे समय के लिए आपको भूखा रहने की सलाह नहीं दी जाती है। आपको थोड़े थोड़े समय के बाद कुछ खा लेना चाहिए, ऐसा करने से आपके रक्त शर्करा का स्तर बना रहेगा।

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उपवास करने वाले मधुमेह रोगियों को, उपवास शुरू करने से पहले धीमी गति से अवशोषित (absorb) होने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। उपवास के समय इस प्रकार के खाद्य पदार्थों के सेवन से आपका पेट लंबे समय तक भरा रहेगा, आपको भूख भी कम लगेगी और आपका रक्त शर्करा का स्तर भी बना रहेगा। इस दौरान आप फल, सब्जियों और सलाद का सेवन कर सकते हैं।

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मधुमेह रोगी जो इंसुलिन लेते हैं, दिन के दौरान रक्त शर्करा के निम्न स्तर का अनुभव कर सकते हैं। इसलिए उपवास के दौरान जब आप भोजन करते हैं, तब आवश्यकता से अधिक मात्रा में पेट भर कर खाने का खतरा अधिक होता है। परंपरागत रूप से, लोग ऐसे में बहुत अधिक कैलोरी युक्त आहार का सेवन करते हैं जैसे साबूदाना पापड़, टिक्की, पकोड़ा और तले हुए आलू। ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन आपको देखकर करना चाहिए क्योंकि इससे आपके रक्त शर्करा के स्तर पर प्रभाव पड़ सकता है। मधुमेह से पीड़ित लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे उपवास के दौरान ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें जिनमें वसा और शुगर की मात्रा कम हो। इसके लिए आप कम तेल से बने भोजन और नॉन-स्टिक पैन का उपयोग करके ग्रिलिंग, बेक किए हुए भोजन खाने का प्रयास कर सकते हैं। 

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उपवास के दौरान यदि आप कम ऊर्जावान महसूस करते हैं तो चाय और कॉफी का बहुत अधिक सेवन करने से बचें। बल्कि पूरे दिन नींबू पानी, नारियल पानी और छाछ जैसे पानी और शक्कर मुक्त पेय पीते रहें। कैफीन के सेवन से बचें क्योंकि ये आपके शरीर को डीहाइड्रेट कर सकती है। उपवास के समय खुद को हाईड्रेटेड रखना बहुत ही ज़रूरी होता है। इसलिए बहुत सारा पानी पिएं जो आपके स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है।

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नवरात्र के दौरान डायबिटीज के मरीज को अपना खास ध्यान रखना चाहिए। समय-समय पर थोड़ा-थोड़ा खाते रहना चाहिए। लंबे समय तक भूखे रहने से डायबिटीज के मरीज की स्थिति बिगड़ सकती है। इसलिए, नवरात्र में व्रत के दौरान डाइट पर जरूर ध्यान दें। बेहतर तो यही होगा कि अगर डायबिटीज का मरीज व्रत रख रहा है, तो आहार विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले।

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