गर्भवस्था के दौरान आप अपने खान-पान, रहन-सहन में बदलाव कर सकते हैं। शराब के सेवनधूम्रपान को भी बंद कर सकते हैं, लेकिन अपने शिशु को प्रदूषित सांसों से कैसे बचाएंगी? खासतौर से ऐसे समय में जब भारत के लगभग आधे से ज्यादा राज्यों में वायु प्रदूषण के आंकड़े बद से बत्तर होते जा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में शोधकर्ताओं द्वारा वायु प्रदूषण के गर्भावस्था पर हानिकारक प्रभावों को लेकर कई शोध किए जा चुके हैं। इन शोधों में शोधकर्ताओं ने गर्भवती महिला और उसके शिशु पर वायु प्रदूषण के बुरे प्रभाव के बारे में पता लगाने की कोशिश की और पाया कि यह एक बेहद गंभीर मामला है जो शिशु को जन्म से पहले से ही कई रोग दे सकता है। 

वायु प्रदूषण क्या है?
वायु प्रदूषण कई प्रकार से फैल सकता है। हालांकि, इसमें मुख्य रूप से ओजोन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, धूल, गाड़ियों का धुआं, इमारत उत्सर्जन, किसी और का सिगरेट पीना और रसायन शामिल होते हैं। आप इसकी चपेट में कहीं भी, कभी भी आ सकती हैं। 

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वायु प्रदूषण से ग्रस्त व्यक्ति के सामान्य लक्षण

वैसे तो वायु प्रदूषण से हर जीव प्रभावित होता है, लेकिन इसका सबसे अधिक असर गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ता है। अमेरिकन प्रेगनेंसी एसोसिएशन की एक रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण के कारण मां और अजन्में शिशु को निम्न तरह की समस्याएं हो सकती हैं।

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जन्म के समय कम वजन
38 से 40 हफ्तों में जन्में बच्चों का औसत वजन 2.5 से 4 किलो तक होता है। यदि कोई शिशु इससे कम वजन के साथ पैदा होता है तो उसे “लो बर्थ वेट” माना जाता है। चीन की राजधानी बीजिंग दुनियाभर में अत्यधिक वायु प्रदूषण के लिए बदनाम है, 2008 में यहां की गर्भवती महिलाओं पर की गई रिसर्च में पाया गया कि जब शहर में ओलंपिक खेल होने वाले थे, तब सरकार द्वारा वायु प्रदूषण को कम करने की कोशिश की गई। ओलंपिक के उन दो महीनों के भीतर जन्में बच्चे बीजिंग में सामान्य समय पर जन्में बच्चों के मुकाबले 300 ग्राम अधिक वजन के थे। 

प्रीटर्म बर्थ - समय से पहले जन्म होना
यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क में दी स्टॉकहोल्म एनवायरनमेंट इंस्टिट्यूट (एसईआई) की स्टडी के अनुसार वायु प्रदूषण के कारण हर साल करीब 30 लाख बच्चों का जन्म 9 महीने से पहले हो जाता है। समय से पहले जन्में बच्चों में न्यूरोलॉजिकल विकार और उम्र भर शारीरिक विकलांगता का खतरा बना रहता है।

फर्टिलिटी संबंधित समस्याएं
अगर आप अपना परिवार बढ़ाने की सोच रहे हैं तो बता दें कि आप जिस हवा में सांस ले रहे हैं वही आपके लिए खतरनाक है। कई शोध इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि प्रदूषित वायु में सांस लेने से महिलाओं और पुरुषों में प्रजनन क्षमता (फर्टिलिटी) कम हो जाती है। कुछ शोध तो वायु प्रदूषण के कारण गर्भपात का भी दवा करते हैं।

(वीडियो देखें - वायु प्रदूषण से बचने के तरीके)

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