एक स्वस्थ शरीर के लिए स्वच्छ हवा का होना बहुत जरूरी है। आज हम जिस हवा में सांस लेते हैं वह दूषित हो चुकी है। इससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कम से ज्यादा खतरनाक प्रदूषण स्तर जानने के लिए कई मानक तय कर रखे हैं। इसके तहत जहां कहीं भी पार्टिक्युलेट मैटर यानी 'पीएम 2.5' नियंत्रित में होता है, वहां हवा को साफ माना जाता है। लेकिन अब एक नई जानकारी सामने आई है, जिसके मुताबिक वायु प्रदूषण का कोई भी स्तर हमारे लिए सुरक्षित नहीं है। पर्यावरण विषय से जुड़ी जानी-मानी पत्रिका 'लांसेट प्लेनेटरी हेल्थ' ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। पत्रिका के नए एडिशन के अनुसार, हवा में मौजूद सूक्ष्म कणों 'पीएम 2.5' में 10 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर की वृद्धि भी कार्डियक अरेस्ट होने का खतरा एक से चार प्रतिशत तक बढ़ा सकती है। 

यह अध्ययन जापान में किया गया था जो कार्डियक अरेस्ट, पीएम 2.5, कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड से संबंधित था। इसका एक प्रमुख उद्देश्य डब्ल्यूएचओ के मानकों के अनुसार वायु प्रदूषण और कार्डियक अरेस्ट के बीच संबंध की जांच करना भी था। अध्ययन में लगभग एक लाख लोगों को शामिल किया गया। इनमें से एक चौथाई लोगों में कार्डियक अरेस्ट की समस्या पाई गई, जिनमें ज्यादातर बुजुर्ग थे। रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया कि पार्टिक्युलेट मैटर का कम स्तर भी स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।

पत्रिका के मुताबिक सिडनी स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर और अध्ययन के सह-लेखक कजुआकी नेगिशी ने इन तथ्यों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण का कोई भी स्तर सुरक्षित नहीं है। उनके मुताबिक हवा की गुणवत्ता जितनी होनी चाहिए, उस मानक पर होने के बावजूद लोगों में कार्डियक अरेस्ट होने के जोखिम बढ़ रहे हैं।

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क्या है पार्टिक्युलेट मैटर?
पीएम 2.5 हवा में मौजूद धूल के सबसे छोटे कण हैं। बताया जाता है कि इनका आकार (या डायमीटर) 2.5 माइक्रोमीटर से भी कम होता है। ये एक इनसान के बाल की मोटाई का करीब तीन प्रतिशत है। जानकार बताते हैं कि ये इतने छोटे होते हैं कि इन्हें केवल इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप की मदद से देखा जा सकता है। सांस के जरिये बार-बार शरीर के अंदर जाने से ये व्यक्ति को हृदय और फेफड़ों से जुड़ी कई बीमारियों दे सकते हैं। वायु प्रदूषण से जुड़ी खबरों, शोधों, अध्ययनों और अन्य प्रकार की रिपोर्टों में इनका जिक्र अक्सर होता है।

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क्या है कार्डियक अरेस्ट?
कार्डियक अरेस्ट एक ऐसी स्थिति है जिसमें इनसान का हृदय कार्य करना बंद कर देता है। उसे सांस लेने में दिक्कत होती है वह बेहोश होने लगता है। विशेषज्ञों के मुताबिक अचानक कार्डियक अरेस्ट आमतौर पर हृदय में एक इलेक्ट्रिकल डिस्टर्बेंस (विद्युत तरंगों में अशांति) से होता है। ऐसा होने पर हृदय की पंपिंग में बाधा आती है। इससे शरीर के बाकी हिस्सों में रक्त प्रवाह बंद हो जाता है। सही और समय पर इलाज नहीं मिलने से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।

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वायु प्रदूषण से बचने के लिए आप निम्नलिखित उपाय को अपनाएं:

  • घर में इनडोर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
  • प्रदूषण का स्तर अधिक होने पर बाहर व्यायाम करने से बचें। 
  • ऑफिस या घर जाने के लिए बाइक या कार पूल (किसी के साथ शेयर करना) करें।
  • ट्रैफिक वाली जगहों पर जाने से बचें।
  • अगर आप किसी ऐसी जगह पर हैं जहां प्रदूषण से बचना मुश्किल है, तो अपने मुंह और नाक पर रूमाल या कपड़ा लगाकर चलें।
  • एंटीऑक्‍सीडेंट युक्‍त चीजें जैसे कि फल और सब्जियां खाएं। इससे भी वायु प्रदूषण से शरीर पर पड़ने वाले दुष्‍प्रभाव से बचने में मदद मिल सकती है।
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