अनंतमूल एक प्रकार की लता है, जो भारत के पंजाब और उत्तरी भारत के जंगलों में पहाड़ियों पर काफी मात्रा में पाई जाती है। इसकी शाखाएं सफेद और सुगंधित होती हैं। अनंतमूल की जड़ में हेमीडेस्ट्रोल और हेमीडेस्मोल, टेनिंस, शर्करासपोनिन और अल्प मात्रा में ग्लाइकोसाइड आदि तत्व पाए जाते हैं। अनंतमूल कई बीमारियों के इलाज में फायदेमंद होता है। आइए जानते हैं इसके आयुर्वेदिक नुस्खों के बारे में -

पीलिया में फायदेमंद
पीलिया के रोगियों के लिए अनंतमूल की जड़ एक रामबाण औषधि है। 2 ग्राम अनंतमूल की जड़ की छाल, थोड़ा सा काली मिर्च पाउडर और आधा गिलास पानी के साथ पीसकर 1 सप्ताह तक पीलिया के रोगी को पिलाने से उसकी आंखों और शरीर का पीलापन दूर हो जाता है।

आंख संबंधित समस्या का इलाज
आंखों की सूजन और लालिमा दूर करने के लिए भी अनंत मूल बेहद लाभकारी औषधि है। अनंतमूल की जड़ को पानी में घिसकर आंखों के ऊपर लेप करने से सूजन कम होती है। इसके अतिरिक्त अनंत मूल के पत्तों की राख छानकर शहद के साथ नेत्रों में लेप करने से भी आंख की सूजन दूर होती है या फिर अनंतमूल के ताजे पत्तों को तोड़ने पर जो दूध निकलता है, उसे शहद के साथ मिलाकर लेप करने से भी आंखों में लाभ होता है।

खून को साफ करता है अनंतमूल
खून की सफाई करने में भी अनंतमूल सहायक होता है। 30 ग्राम अनंतमूल को 1 लीटर पानी के साथ उबालकर काढ़ा तैयार कर लें, फिर इसमें 1 ग्राम मिश्री मिलाकर पीने से खून साफ होता है।

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भूख की कमी को दूर करता है
भूख नहीं लगने पर अनंतमूल का चूर्ण 3 ग्राम मात्रा में सुबह-शाम गाय के दूध के साथ लेने से भूख नहीं लगने की समस्या ठीक होती है।

दाद की समस्या का इलाज
दाद की समस्या ठीक करने में भी अनंतमूल फायदेमंद औषधि है। दाद होने पर अनंतमूल के 1 ग्राम चूर्ण को घी के साथ भूनकर 5 ग्राम चीनी के साथ नियमित रूप से सेवन करें। दाद कुछ ही दिनों में ठीक हो जाएंगे।

गले की सूजन में यह नुस्खा अपनाएं
अनंतमूल को पीसकर गले पर लेप करें। इससे गले में सूजन की परेशानी ठीक होती है। यह उपाय करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।

किडनी की पथरी में भी लाभकारी है यह औषधि
पथरी की समस्या होने पर अनंतमूल की जड़ का 5 ग्राम चूर्ण, गाय के दूध के साथ नियमित रूप से लेते रहने से पथरी धीरे-धीरे गल जाएगी। इसके अतिरिक्त पेशाब में जलन होने पर भी इसी नुस्खे को अपना सकते हैं।

गठिया के रोग की कारगर औषधि
गठिया रोग में भी अनंतमूल कारगर औषधि का कार्य करती है। जोड़ों में दर्द हो या गठिया हो, इसके लिए अनंतमूल की जड़ का 5 ग्राम चूर्ण, शहद के साथ रोजाना 2-3 बार सेवन करते रहें। इस उपाय से दर्द ठीक होगा और जोड़ों की सूजन भी कम होगी।

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दमा के रोग का उपचार
दमा की परेशानी फेफड़ों में कफ बढ़ने पर बढ़ती है, ऐसे में अनंत मूल के चूर्ण का सेवन लाभकारी होता है। अनंत मूल में कफनाशक गुण होने के कारण यह दमे के लक्षणों को कम करता है और कफ कम कर दमे की समस्या को ठीक करता है।

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