अम्फन चक्रवात को पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भारी तबाही मचाए अभी सिर्फ 10 दिन का ही वक्त बीता है कि एक और चक्रवात फिर से भारत के तटीय इलाकों से टकराने के लिए तैयार खड़ा है। इस बार बारी है देश के पश्चिमी समुद्री किनारे की। भारतीय मौसम विभाग ने महाराष्ट्र और गुजरात के तटवर्ती इलाकों में रेड अलर्ट जारी किया है क्योंकि चक्रवात निसर्ग आज यानी 3 जून को इन तटीय इलाकों से टकराने वाला है।

अरब सागर में गहरे दबाव का क्षेत्र बनने के कारण यह चक्रवात उत्पन्न हुआ है। करीब 100 सालों में ऐसा पहली बार हो रहा है जब देश की आर्थिक राजधानी मुंबई शहर, इस तरह के इतने बड़े प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहा है। भारतीय मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इस चक्रवात की वजह से महाराष्ट्र और गुजरात दोनों ही राज्यों में भारी बारिश की आशंका व्यक्त की है। वहीं दूसरी तरफ एनडीआरएफ ने पहले ही तटीय इलाकों से लोगों को निकालने और चक्रवात की वजह से होने वाले नुकसान को कम से कम करने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। 

चक्रवात के बाद कई तरह की बीमारियों का खतरा
मेडिकल जर्नल प्रीहॉस्पिटल एंड डिजास्टर मेडिसिन में साल 2015 में प्रकाशित एक स्टडी में इस बात पर फोकस किया गया है कि जब कोई चक्रवात आता है तो उसकी वजह से लोगों को तुरंत जो शारीरिक या मानसिक आघात पहुंचता है उसके अलावा भी चक्रवात जैसे इतने बड़ी प्राकृतिक आपदा की वजह से कई तरह की संक्रामक बीमारियां होने का खतरा, दूषित पानी की वजह से होने वाली बीमारियों का खतरा, खाने की कमी और असंक्रामक बीमारियों का इलाज और भी मुश्किल हो जाता है। 

महज 10 दिन पहले आए अम्फन चक्रवात के परिणामों पर नजर डालें तो महाराष्ट्र और गुजरात के हर एक नागरिक को सभी तरह के जरूरी कदम उठाते हुए इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए कि इस दौरान वहां पर किसी भी तरह की दुर्घटना, चोट या बिजली का झटका लगने जैसी घटनाएं न हों। इस आर्टिकल में हम आपको कुछ जरूरी ऐहतियाती कदमों के बारे में बता रहे हैं जिसका पालन करके आप निसर्ग चक्रवात के दौरान, उससे पहले और उसके तुरंत बाद खुद को और परिवार के सदस्यों को सुरक्षित रख सकते हैं।

1. चक्रवात आने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

  • कमजोर और ढीली चीजें चक्रवात के दौरान उड़ सकती हैं या अव्यवस्थित हो सकती हैं जिसकी वजह से चोट लगने, संपत्ति का नुकसान होने और यहां तक की संक्रमण का भी खतरा हो सकता है। लिहाजा छत, दरवाजे या खिड़कियां अगर कमजोर या ढीले हों तो उन्हें टाइट करवा लें। इसके अलावा आसपास मौजूद पेड़ या पेड़ की शाखाएं जिनसे नुकसान का खतरा हो उनकी भी छंटाई की जाए।
  • आपके घर में बारिश का पानी आने का कोई रास्ता न हो और साथ ही आसपास के गटर पूरी तरह से साफ हों ताकि बारिश का पानी जमने का खतरा न हो। बारिश का पानी जमने की वजह से काई या फफूंदी लगने, बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण, फंगस से होने वाले संक्रमण का खतरा तो रहता ही है। साथ ही पानी में मच्छर के पनपने पर मलेरिया और डेंगू का भी खतरा बढ़ जाता है।
  • घर के बाहर लगे एसी यूनिट, कूलर, पाइपलाइन और छत पर लगी टंकियों को अच्छी तरह से सुदृढ़ कर लें ताकि सुविधाओं में बाधा या संपत्ति का नुकसान कम से कम हो। 
  • घर के सभी बिजली कनेक्शन को अच्छे से चेक करें ताकि बिजली का झटका लगने, शॉक लगने, आग लगने या चिंगरी निकलने का खतरा न हो।
  • अगले 2-3 दिन के लिए आपके घर में पावर बैकअप, पीने का साफ पानी और खाने-पीने की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। चक्रवात के दौरान बिजली, पानी, खाना और इंटरनेट की सुविधाएं बाधित हो जाती हैं। लिहाजा इस बात का ध्यान रखें कि कम से कम 3 दिन के लिए आपके पास पर्याप्त बैकअप हो।
  • अपने वाहनों को घर के बाहर छोड़ने की बजाए किसी गैरेज के अंदर या सुरक्षित जगह पर रखें जहां पर शटर हो क्योंकि चक्रवात के दौरान हवा की रफ्तार बेहद तेज होती है जिस कारण कार ही नहीं बल्कि कई बार तो ट्रक तक पलट जाती है जिस कारण जानमाल को काफी नुकसान हो सकता है।

2. चक्रवात के आने से पहले इन चीजों को अपने पास स्टॉक में रखें

  • टॉर्च और अतिरिक्त बैटरी
  • मोबाइल फोन रिचार्ज करने के लिए पावर बैंक
  • जरूरी दवाइयां जैसे- बुखार के लिए, खांसी के लिए, बैंडेज, एंटीसेप्टिक क्रीम और लोशन, दर्दनिवारक दवाएं और मांसपेशियों को आराम दिलाने वाले स्प्रे आदि।
  • मच्छर भगाने वाली क्रीम या स्प्रे, मच्छरदानी आदि ताकि पानी जमा होने पर अगर उसमें मच्छर पैदा होने लगे तो आप उन मच्छरों से और उनसे होने वाली बीमारियों से बच सकें।
  • पानी की बोतलें, खाने-पीने की सूखी चीजें जिन्हें बिना पकाए रेडी-टू-ईट के तौर पर खा सकते हैं और वॉटरप्रूफ बैग ताकि इन चीजों को सुरक्षित रखा जा सके।
  • खिड़कियों को सील करने के लिए मास्किंग टेप।

3. चक्रवात के दौरान रहें सतर्क

  • चक्रवात के दौरान किसी भी परिस्थिति घर से बाहर न निकलें। इस दौरान घर से निकलने पर चोट लगने या जान तक जाने का खतरा हो सकता है।
  • बारिश, तूफान और चक्रवात के दौरान खुले हुए बिजली के सॉकेट को बिलकुल न छूएं क्योंकि इससे भी बिजली का झटका लगने का खतरा हो सकता है।
  • चक्रवात के बारे में सही और अपडेटेट जानकारी ही दूसरों के साथ शेयर करें। किसी भी तरह की गलत जानकारी या अफवाहों को शेयर न करें।

4. चक्रवात के बीत जाने के बाद क्या करें

  • चक्रवात या तूफान के बीत जाने के तुरंत बाद भी घर से बाहर न निकलें। जब तक आधिकारिक तौर पर परिस्थितियों को सुरक्षित घोषित न कर दिया जाए तब तक घर में ही रहें। हो सकता है कि कोई खतरनाक पेड़ या बिजली का तार आपके घर के आसपास हो जो आपके लिए खतरनाक साबित हो।
  • जब तक आप घर के सभी पावर पॉइंट को चेक न करवा लें उन्हें न छुएं क्योंकि बिजली का झटका लगने का खतरा हो सकता है।
  • चक्रवात के बाद हो सकता है कि पानी भी दूषित हो गया हो। लिहाजा पानी को तौलिए से छानने के बाद कम से कम 10 मिनट तक उबालें और उसके बाद ही उसे पीने में इस्तेमाल करें। 
  • अपने गैस-स्टोव को ऑन करने से पहले चेक कर लें कि कहीं गैस की कोई लीकेज तो नहीं हो रही।
  • चक्रवात की वजह से अगर आपके घर और आसपास के इलाके में चीजों के टूटने की वजह से मलबा या कचरा जमा हो गया हो तो पड़ोसियों की मदद से और सामुदायिक स्तर पर उसकी सफाई में मदद करें।
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