माना जाता है कि सिंथेटिक या फेदर से भरे तकियों को 18 महीने में और फोम भरे तकियों को प्रत्येक तीन साल में बदलना चाहिए। जबकि ज्यादातर लोग तकिए की स्थिति बिल्कुल खराब होने पर तकिया बदलते हैं। ऐसा करना सही नहीं है। समय रहते तकिया न बदला जाए तो इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती है। अतः आपके लिए यह जानना जरूरी है कि तकिए को कितने दिनों के अंतराल में और कब बदलना चाहिए। अगर आप नहीं समझ पा रहे हैं कि तकिया कब बदलना है तो यहां बताए गए संकेतों पर गौर करें।

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बार-बार करवट बदलना
आपके तकिए पर निर्भर करता है कि आप किस तरह सो रहे हैं। अगर आप तकिए पर सहज महसूस नहीं करेंगे तो पूरी रात करवटें बदलते रहेंगे। हालांकि अलग-अलग लोगों को अलग-अलग तरह के तकियों की जरूरत होती है। उदाहरण के तौर पर जो लोग सीधा सोते हैं, उन्हें पतला तकिया चाहिए होता है ताकि उनकी गर्दन सीधी रह सके। जबकि जो लोग एक ओर करवट लेकर सोते हैं, उन्हें थोड़ा मोटा तकिया चाहिए होता है ताकि सिर को कंधे से अलग रख सकें यानी सिर कंधे की ओर लुढ़के नहीं। जब आप अपने नियमित सोने की पाॅजिशन से समझौता करते हैं तो समझें कि आपके तकिए को बदलने का समय आ गया है। अगर सोते हुए नियमित पाॅजिशन में बदलाव करते हैं या फिर तकिए पर सोने के दौरान असहज रहते हैं तो बिना देरी किए अपने तकिए को बदल लें।

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गर्दन में दर्द
वक्त गुजरने के साथ-साथ तकिया ढीला और पतला हो जाता है। इसका शेप भी बदल जाता है। एक समय तक जो तकिया सोने के लिए आरामदायक लग रहा रहा था, वह अब आरामदायक नहीं लग रहा। दरअसल तकिए की बदली शेप की वजह से पूरी रात आप अपनी गर्दन को घुमाते रहते हैं। नतीजतन सुबह सोकर उठने के बाद आपके पीठ दर्द, गर्दन दर्द और कंधे में दर्द शुरू हो जाता है। कई बार दर्द घुटने और कूल्हों तक पहुंच जाता है। हालांकि यह दर्द नींद से तुरंत उठने के बाद महसूस होता है। ऐसा लगता है कि आपकी गर्दन अकड़ गई है। कुछ देर बाद यह समस्या अपने आप खत्म भी हो जाती है।

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मुंहासे हो जाते हैं
आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि अगर समय-समय पर तकिया नहीं बदला जाये तो इससे चेहरे पर मुंहासे हो सकते हैं। आमतौर पर मुंहासे गंदगी के संपर्क में आने की वजह से होते हैं। मुंहासे आपके मोबाइल, हेलमेट से भी हो सकते हैं। लेकिन मुंहासों का एक बड़ा कारण तकिया और तकिए का कवर है। दरअसल तकिए और तकिए के कवर में गंदगी, तेल सब मौजूद होता है। आपकी त्वचा जैसे ही इसके संपर्क में आती है, आपको समस्या होने लगती है। इस स्थिति से बचने के लिए आपको चाहिए कि सोने से पहले अपने चेहरे को अच्छी तरह धो लें। चेहरे पर सनस्क्रीन, मेकअप आदि कुछ नहीं रहना चाहिए। कोई भी रासायनिक तत्व त्वचा पर लगा हो तो वह आसानी से तकिए तक पहुंच जाता है। कुछ दिनों बाद यह तत्व गंदगी में बदल जाते हैं जो आपकी त्वचा के लिए समस्या पैदा करता है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि इस तरह की समस्या से बचने के लिए सप्ताह में कई बार तकियों के कवर साफ करें।

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सिरदर्द होने लगता है
जब आप बार-बार अपना तकिया धोते हैं, तो इससे तकिए का फोम पतला होने लगता है। नतीजतन तकिए का साइज बदल जाता है। वह फ्लैट हो जाता है। ऐसे में सोने के दौरान आप असहज रहते हैं। सुबह नींद से उठने के बाद आपको सिरदर्द या भारीपन महसूस होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आपका तकिया इतना पतला हो चुका है कि वह आधा फोल्ड हो जाए तो बेहतर है उसे बदल दें।

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संभवतः यहां बताए गए संकेत आपके लिए उपयोगी होंगे ताकि समय रहते आप अपना तकिया बदल सकें। ध्यान रखें कि समय-समय पर तकिया बदलना आपके स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।

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