इस पृथ्वी पर रहने वाले हर व्यक्ति के कुछ न कुछ अधिकार होते हैं। जिसके साथ वो अपना जीवन यापन करता है। हालांकि, ऐसे कम ही लोग हैं, जिन्हें अपने अधिकारों की पूरी जानकारी होगी या उनके बारे में पता होगा। यही वजह है कि लोगों को उनके अधिकारों के बारे में बताने और जागरुक करने के उद्देश्य से हर साल 10 दिसंबर को विश्वभर में मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है।

क्यों मनाया जाता है मानवाधिकार दिवस?
दरअसल साल 1945 में संयुक्त राष्ट्र यानि यूएन की स्थापना के बाद से ये संकल्प लिया कि विश्व को एक साथ लाने और उन मुद्दों को हल करने की आवश्यकता है, जो वैश्विक स्तर पर युद्ध लड़ने के बजाय लोगों में मेल-जोल बढ़ा सकें। 1948 तक, एक समिति को विशेष रूप से मानवाधिकारों का पालन करने का काम सौंपा गया था, जिस पर हस्ताक्षर करने वाले सभी सदस्य काम करेंगे। हालांकि, इसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 10 दिसंबर 1948 को मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा को अपनाया।

  • मानवाधिकार दिवस का मकसद अधिकारों के प्रति लोगों में जागरुकता लाना है और साथ ही उन अधिकारों के होने वाले हनन को रोकना भी। ताकि सामाजिक स्तर पर हर व्यक्ति को जीने का पूर्ण अवसर मिल सके।
  • मानवाधिकार के क्षेत्र में नोबेल शांति पुरस्कार और संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार मानव अधिकार दिवस पर दिए जाते हैं और दुनियाभर के कई सरकारी और गैर-सरकारी संगठन इस अवसर को मनाने के लिए विशिष्ट अभियान चलाते हैं।

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एलजीबीटी समुदाय का समर्थन करें
वैश्विक स्तर पर एलजीबीटीक्यूआईए (LGBTQIA- लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर) समुदाय को कई देशों में मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन का सामना पड़ता है। विशेष रूप से उन देशों में, जहां ये समुदाय अब भी मान्यता प्राप्त नहीं हैं और हाशिए पर हैं। इसका मतलब ये कि इस समुदाय को अधिकार (स्वास्थ्य सेवा के अधिकार सहित) दिलाने के लिए पूरी दुनिया को अब भी एक लंबा रास्ता तय करना है। हालांकि, खुद से एक बेहतर कदम उठाया जाए तो आप भी बाकी लोगों को शिक्षित कर इस फर्क को कम कर सकते हैं।

जागरुकता से आएगा बदलाव
आपको, अनजान लोगों को शिक्षित करने के लिए कागजी तौर पर शिक्षक बनाने की आवश्यकता नहीं है, विशेष रूप से स्वस्थ और सुरक्षित जीवन जीने के अधिकार के लिए। खासकर छोटे बच्चों को अच्छी सीख देकर भी बदलाव लाया जा सकता है। खुलेतौर पर उन्हें यौन स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में समझाने की कोशिश करें। जब स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में जागरुकता की बात आती है, तो आपकी ओर से थोड़ा सा प्रयास एक लंबा रास्ता तय कर सकता है।

बच्चियों और महिलाओं की सुरक्षा करें
बच्चियों और महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए ठोस प्रयासों के बावजूद, वास्तविक प्रगति बहुत कम है। इसलिए दूसरों की परवाह किए बिना आप बच्चियों के अधिकारों के लिए अपनी भागेदारी सुनिश्चित कर सकते हो, क्योंकि जो बाकी लोगों के पास अधिकार हैं, वही अधिकार बच्चियों के पास भी हैं। लड़कियों और महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचने में मदद करें और मासिक धर्म व प्रजनन स्वास्थ्य पर चर्चा करें, ताकि वो अपने शरीर और बीमारी के बारे में शर्म महसूस करना बंद कर सकें।

इस मानवाधिकार दिवस पर याद रखें कि परिवर्तन आपके साथ शुरू होता है। आपके अधिकार अन्य सभी की तरह ही अपर्याप्त हैं और आप थोड़े से बदलाव करके बहुत बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं, जो बाकी दुनिया के साथ आपके सम्मान, स्वीकार और सह-अस्तित्व को दर्शाता है।

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