बालों के सफेद होने का कोई सटीक कारण नहीं है, लेकिन कुछ ऐसे कारक जरूर हैं, जो इस समस्या को पैदा करते हैं. आगे ऐसे सभी कारकों के बारे में बताया गया है.
माता-पिता या परिवार में किसी भी पीढ़ी में इस तरह की समस्या रही है, तो यह आगे भी बनी रह सकती है.
आयरन और कॉपर जैसे मिनरल्स की कमी के कारण भी कम उम्र में ही बाल सफेद हो सकते हैं.
शरीर में विटामिन-बी12 की कमी के शिकार अधिकतर लोगों में कम उम्र में ही बाल सफेद होने की समस्या देखी गई है.
रिसर्च से पता चला है कि तनाव के वक्त बनने वाले हार्मोन (एड्रेनालाईन व कोर्टिसोल) मेलानोसाइट कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं, जिससे बाल सफेद होने लगते हैं.
क्लोरोक्वीन (मलेरिया की दवा), ट्राइपरानॉल (कोलेस्ट्रॉल कम करने की दवा) व डिक्सीजरीन (मनोरोग की दवा) आदि दवाओं का एक साइड इफेक्ट है बालों का रंग सफेद होना.
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