संध्या माथुर जीवनभर मोटी रही हैं, लेकिन जब संध्या माथुर को उनके डॉक्टर ने उन्हें कहा कि जल्द से जल्द आपको अपना वजन कम करना पड़ेगा या फिर जिंदगी भर बीमारियों के बीच में रहना सीख लें, तब संध्या माथुर ने वजन कम करने का फैसला लिया। 

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आइये आपको संध्या माथुर के वेट लॉस से संबंधित आगे की कहानी बताते हैं -

आपने वजन घटाने का फैसला कब लिया?

मैं 2015 में अपने डॉक्टर के पास गयी। उन्होंने मुझे वजन मापने वाली मशीन पर खड़ा होने के लिए कहा। जब डॉक्टर ने मेरा वजन देखा तो उन्होंने बोला कि अगर आपको अपनी बीमारियों को दूर रखना है तो आपको 20 किलो वजन अपना घटाना होगा। इससे मेरी आंखें खुल गयी और फिर मैंने सुबह शाम चलना (दो किलोमीटर से शुरुआत की) शुरू किया और साथ ही एक वेट लॉस डाइट चार्ट बनाया। वजन कम करते हुए आज मुझे 22 महीने हो गए हैं, 44 साल की उम्र में 30 किलो वजन घटाकर बहुत फिट महसूस करती हूँ।

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आप क्या खाती थीं?

मैं बहुत फ्रेश और साधारण शाकाहारी खाना खाती थी। मैं शराब नहीं पीती थी व धूम्रपान नहीं करती थी और बाहर हफ्ते में सिर्फ एक बार खाना खाती थी। मैंने कुछ इस तरह अपने खाने की सूची को तैयार किया था -

  • मैं पूरे दिन में 12 ग्लास पानी पीती थी और दो सुबह सोकर उठने के बाद पीती थी।
  • सुबह 5:45 बजे - सुबह की सेर के लिए निकलने से पहले दूध
  • सुबह 8 बजे - नारियल पानी
  • सुबह 10 बजे नाश्ते में - दूध के साथ मूसली या ओट्स या पोहा या सैंडविच या गोंड का लड्डू (ज्यादातर सर्दियों में खाती थी)।
  • दोपहर 12 बजे - एक संतरा और एक सेब
  • दोपहर 2 बजे खाने में - दो रोटी, दाल और सब्जियां, दही और कुछ सलाद। मैं हफ्ते में एक बार राजमा, छोले या पनीर बनाकर खाती थी।
  • शाम को 5 बजे - फल (संतरा या सेब या एक कटोरा पपीता या खरबूज या तरबूज) या मुट्ठीभर मूंगफली या काजू या बादाम या चीज़ सैंडविच।
  • रात 7 बजे खाने में - कुछ-कुछ दोपहर के खाने की तरह या सूप और टोस्ट या इडली सांबर खाती थी।
  • रात 9 बजे - एक कप गुनगुना दूध (और गेहूं के बिस्किट, वो भी तब जब मुझे भूख लगती थी)।
  • रात 10 बजे से सुबह के 5:30 बजे - मैं 7:30 घंटे की नींद लिया करती थी।
  • डाइट से हटकर आहार - केक एक टुकड़ा या जरा सी आइस क्रीम या ताजा-ताजा बना हुआ पठीशप्ता (एक लोकप्रिय बंगाली मिठाई), लेकिन मैं इन्हें कम मात्रा में ही खाती थी।

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आप क्या वर्कआउट करती थीं?

मैं पूरे दिन में 10,000 कदम चला करती थी, पैदल चलने के बाद मैं योगाभ्यास करती थी, हफ्ते में तीन दिन डांस किया करती थी और अगले तीन दिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग किया करती थी। साथ ही, मैं यह सुनिश्चित करती थी कि पूरे दिन में मैं चुस्त रहूं। ऑफिस में लम्बे समय तक काम करने के दौरान मैं हर आध घंटे में थोड़ी देर के लिए टहलती थी। मैं 12 महीने तक बस पैदल चली और धीरे-धीरे मेरा वजन घटना शुरू हो गया। पहले छः महीने में मेरा सिर्फ दो किलो वजन कम हुआ था, फिर तेजी से मेरा वजन घटने लगा। 18 महीने के बाद जब मैं 72 किलो के आसपास थी तो मैंने योग करना शुरू किया।

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आप इस दौरान कैसे प्रेरित रहीं?

मैं जब शॉपिंग करती थी तो अधिक बड़े कपड़ों की जगह कम साइज के कपड़ों को खरीदने के लिए जाती थी। इससे मुझे प्रेरित रहने में मदद मिलती थी। साथ ही मैं अपने रूटीन में बदलाव करती रहती थी, जब मुझे बोर महसूस होता था तो मैं वजन कम करने के लिए डांस कर लिया करती थी।

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वजन घटाने के बाद आपने क्या सीखा?

वजन कम करने का मतलब यह नहीं है कि आपने शुरू किया और कुछ दिनों बाद छोड़ दिया। "डाइट पर रहना" बहुत बड़ी गलतफ़हमी है। जीवनशैली को बेहतर बनाने के लिए फिटनेस बेहद जरूरी है। स्वच्छ खाना और हमेशा चुस्त रहना बहुत आवश्यक है। जितना वजन होना चाहिए उसके अनुसार मेरा वजन बिल्कुल सही है, लेकिन अब मुझे अपनी बॉडी को टोन करना है और यह धीरे-धीरे ही सम्भव है।

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आशा करते हैं कि आपको संध्या माथुर के बारे पढ़ कर प्रेरणा मिली होगी और अब आप अपना वजन घटाने का सफर ज़रूर शुरू करेंगे।

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