भारत में निर्मित हार्ट स्टेंट की क्वालिटी के बारे में बहुत विवाद होने के बाद, हाल ही में एक और विदेशी स्टेंट ब्रांड के साथ भारतीय स्टेंट की तुलना करने वाला अध्ययन आया है जिसने निष्कर्ष निकाला है कि भारतीय स्टेंट भी विदेशी स्टेंट जितना ही अच्छा है।

अमेरिकी कंपनी एबॉट के एक्सियंस स्टेंट के साथ भारतीय स्टेंट युकॉन चॉइस पीसी के क्लीनिकल ​​परिणामों की तुलना के लिए 10 साल तक हुए अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि ये दोनों हार्ट स्टेंट समान रूप से अच्छे थे। दो महीने पहले प्रस्तुत एक अन्य अध्ययन में भी यह निष्कर्ष निकाला गया था कि एक अन्य भारतीय स्टेंट, सुप्रा फ्लेक्स भी एक्सियंस स्टेंट जितना ही अच्छा था।

शिकागो में आयोजित अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के वैज्ञानिक सत्र में, जर्मनी के कार्डियोलॉजिस्ट ने 2,603 ​​मरीजों के विस्तारित फॉलोअप के परिणाम प्रस्तुत किए। इन मरीजों को ये दो नई पीढ़ी के स्टेंट एवेरोलिमस एल्युटिंग एक्सियंस और सिरोलिमस एल्युटिंग युकॉन चॉइस तथा पहली पीढ़ी सिरोलिमस एल्युटिंग साइफर स्टेंट लगाए गए थे। साइफर अब बाजार में नहीं मिलता है। एएचए पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन से पता चला कि दोनों नई पीढ़ी के स्टेंट के परिणामों में कोई अंतर नहीं था।

फरवरी 2017 में, सरकार ने स्टेंट की कीमतों पर सीमा निर्धारित कर दी थी। जिससे ड्रग एल्युटिंग स्टेंट की कीमतों में तीन-चौथाई तक की कमी आई थी। कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने भारत से अपने स्टेंट वापस लेने की धमकी दी थी। उनका तर्क था कि वे भारतीय स्टेंट से बेहतर हैं और इसलिए अधिक कीमत होनी चाहिए। कई हृदय रोग विशेषज्ञों ने भी भारतीय स्टेंट की गुणवत्ता पर सवाल उठाया था। हालांकि, इन अध्ययनों से यह दिखता है कि भारतीय स्टेंट विदेशी स्टेंट के जितने ही अच्छे हैं, अब तो हृदय रोग विशेषज्ञों ने भी अपने सुर बदलने शुरू कर दिये हैं।

एक बड़े हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी के प्रमुख ने कहा "लंबे समय तक बड़े पैमाने पर होने वाले ऐसे अध्ययन की हमें जरुरत है। अधिक भारतीय कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी विश्वसनीयता स्थापित करने के लिए ऐसे अध्ययन करने चाहिए। हर स्टेंट की क्वालिटी को साबित करने की जरूरत है।" उन्होंने कहा कि अध्ययन में यह भी दिखाया गया है कि बायोडिग्रेडेबल पॉलिमर कोटिंग और स्थायी पॉलिमर कोटिंग वाले स्टेंट के बीच कोई अंतर नहीं था, यह तथ्य विदेशी कंपनियों के इस तर्क का खडंन करता है कि बायोडिग्रेडेबल पॉलिमर कोटिंग वाले स्टेंट को अधिक कीमत मिलनी चाहिए।

प्रसिद्ध हार्ट सेंटर के अध्यक्ष ने बताया कि अच्छी नई पीढ़ी के स्टेंट होने के बाद भी, 3% रोगियों को अभी भी दिल का दौरा पड़ता है और हर साल रीस्टेनोसिस की आवश्यकता होती है। वे कहते हैं, "इस 3% को कम करने के लिए और अनुसंधान किया जा रहा है।"

उन्होंने यह भी बताया कि युकॉन स्टेंट जर्मन प्रौद्योगिकी से भारत में बने हैं, जबकि सुप्रा फ्लेक्स पूरी तरह से स्वदेशी है। पिछले साल यूरो इंटरवेंशन पत्रिका के एक संपादकीय में, उन्होंने लिखा था "कार्डियोलॉजिस्ट के दिमाग में एक धारणा है, जो उनके माध्यम से मरीजों में भी पहुंचती है कि आयातित स्टेंट बेहतर होते हैं।" उन्होंने कहा कि यह वह समय है, जब भारतीय कंपनियां हृदय रोग विशेषज्ञों और मरीजों को साबित करें कि उनके उत्पाद बहुराष्ट्रीय कंपनियों जितने ही सुरक्षित और प्रभावी हैं।

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