भारत की एक बड़ी फार्मास्यूटिकल कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज ने रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी को लेकर अहम जानकारी दी है। डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के मुताबिक भारत में कोविड-19 के लिए स्पूतनिक वी वैक्सीन से जुड़े फेज-3 का ट्रायल अगले साल मार्च से मई के आखिर तक खत्म हो सकता है। कंपनी ने ऐसी उम्मीद जताई है कि अप्रुवल और डेटा वेलिडेशन (सत्यापन) के आधार पर इसे पूरा कर लिया जाएगा। गौरतलब है कि अभी हाल ही में ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने दवा निर्माता कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज को स्पूतनिक वी के ह्मयूमन क्लीनिकल ट्रायल (मानव नैदानिक परीक्षणों) के संचालन के लिए मंजूरी दी थी। डॉ. रेड्डीज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ईरेज़ इजरायली ने एक मीडिया ब्रीफिंग में जानकारी देते हुए बताया कि दिसंबर तक चरण 2 परीक्षणों को पूरा करने की उम्मीद है।
अप्रुवल वैक्सीन से जुड़े प्रमाणों पर निर्भर - ईरेज
ईरेज इजरायली ने कंपनी के क्यू2 परिणामों की घोषणा के बाद बताया "हमें मार्च तक कहीं चरण -3 खत्म कर देना चाहिए और फिर निश्चित रूप से यह डाटा की क्षमता पर निर्भर करता है, जिससे इस वैक्सीन को अप्रुवल या मंजूरी मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकिया को पूरा होने में मार्च अंत या अप्रैल और मई के आखिर तक का समय लग सकता है। हालांकि, यह पूरी तरह से वैक्सीन से जुड़े प्रमाण पर निर्भर करता है जो कि अगल-अलग ट्रायल के संयोजन से जुड़ा है। इसमें चरण-2, वैश्विक चरण -3 और भारत में चरण-3 शामिल हैं। इसके साथ ही ईरेज इजरायली ने बताया कि कंपनी को क्लीनिकल ट्रायल-2 के लिए 100 और ट्रायल-3 के लिए 1,400 वॉलिंटियर्स (स्वयंसेवकों) को शामिल करने की आवश्यकता है।
भारत में वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक को लेकर हुई थी डील
डॉ. रेड्डीज, रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) और रसियास सॉवरेन वेल्थ फंड ने पिछले महीने ही भारत में स्पूतनिक-वी के क्लीनिकल ट्रायल और इसके वितरण के लिए एक साझेदारी में की थी। इस साझेदारी के रूप में आरडीआईएफ, भारत में रेगुलेटेरी अप्रुवल के तहत डॉ. रेड्डीज को वैक्सीन की 10 करोड़ (100 मिलियन) खुराक की आपूर्ति करेगा।
गौरतलब है कि बीते 11 अगस्त को गामलेया नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा विकसित स्पूतनिक-वी वैक्सीन को रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा रजिस्टर्ड किया गया था। इस तरह यह वैक्सीन ह्यूमन एडेनोवायरल वैक्टर प्लेटफॉर्म पर आधारित कोविड-19 के खिलाफ दुनिया का पहली रजिस्टर्ड वैक्सीन है। स्पूतनिक-वी वर्तमान में रूस में चरण 3 नैदानिक परीक्षणों से गुजर रही है और इसमें 40 हजार लोगों पर इसका परीक्षण होना है।
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