महाराष्ट्र कोविड-19 संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित भारतीय राज्य रहा है। इस समय यहां कोरोना वायरस के ट्रांसमिशन की वजह से बिगड़े हालात काफी हद तक नियंत्रित लग रहे हैं। लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नई चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि हालांकि महाराष्ट्र में कोविड-19 महामारी 'तुलनात्मक रूप से' नियंत्रित कर ली गई है, लेकिन इसकी संभावित तीसरी लहर किसी 'सुनामी' की तरह एक बड़ा स्वास्थ्य संकट पैदा कर सकती है। उद्धव ठाकरे ने कोरोना वायरस के ट्रांसमिशन पर किए मौजूदा नियंत्रण का श्रेय महाराष्ट्र के स्वास्थ्यकर्मियों और लोगों को दिया। उन्होंने कहा कि राज्य के निवासियों ने कोविड-19 को लेकर जिस तरह की सख्ती और अनुशासन दिखाया, उसके चलते यहां बीमारी को अब जाकर नियंत्रित किया जा सका है। हालांकि यह कहते हुए उद्धव ठाकरे ने इस बात को लेकर नाराजगी भी जताई कि लोग अब मास्क नहीं पहन रहे हैं और दिवाली के बाद सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं कर रहे हैं।

खबरों के मुताबिक, रविवार को महाराष्ट्र के लोगों के लिए जारी किए एक वीडियो संदेश में सीएम ठाकरे ने कहा, 'पहले हमने अपने सभी त्योहार सावधानी के साथ मनाए हैं। गणोशोत्सव हो या दशहरा। दिवाली के समय भी मैंने आपसे पटाखे न छुड़ाने की अपील की थी, जिसका आपने पालन किया। और इसकी वजह से कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई अब हमारे नियंत्रण में है। हमें दिवाली के बाद और सावधानियां बरतनी होंगी। कोरोना वायरस का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है। कई देशों में इसकी दूसरी लहर देखी जा रही है।' उद्धव ठाकरे ने आगे कहा, 'हम एक खतरनाक मोड़ पर हैं। यहां हमें तय करना होगा कि हम (वापस) लॉकडाउन की तरफ जाना चाहते हैं या कोविड-19 से जुड़े सभी अनिवार्य सेफ्टी प्रोटोकॉल्स का पालन करना चाहेंगे।'

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संदेश में उद्धव ठाकरे ने लोगों से अपील की कि वे अनलॉक के चलते आम लोगों के लिए खोल दिए गए धार्मिक स्थलों पर बड़ी संख्या में इकट्ठा न हों। उन्होंने महाराष्ट्र के लोगों से कहा कि वे जहां तक संभव हो बाहर निकलने से परहेज करें और अगर ऐसा करते हैं तो भीड़ से अलग होकर चलें। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सीएम ठाकरे ने कहा, 'अनलॉक की प्रक्रिया का मतलब यह नहीं है कि महामारी खत्म हो गई है। भले ही धार्मिक पूजा से जुड़े स्थल फिर से खोल दिए गए हैं, लेकिन वहां इकट्ठा होने से परहेज करें। महामारी के दौरान अधिकतर लोगों ने कई त्योहार भीड़ में जाने बिना ही मनाए हैं। हम वायरस को बढ़ने से रोकने में कामयाब रहे हैं, लेकिन अब लापरवाह नहीं हो सकते।' 

इसके बाद ठाकरे ने कहा कि कोरोना वायरस की दूसरी और तीसरी लहर किसी 'सुनामी की तरह ताकतवर' होगी। उन्होंने दिल्ली का हवाला देते हुए कहा, 'दिल्ली में बढ़ रहे मामले चिंता का विषय हैं। अहमदाबाद में भी नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। मैं (महाराष्ट्र में) एक और लॉकडाउन नहीं चाहता। लेकिन आपको भी स्थिति की गंभीरता को समझना होगा।' मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर युवाओं को प्रभावित करती है, जो बाद में संक्रमण को बुजुर्गों तक पहुंचाते हैं। ठाकरे ने लोगों से कहा, 'आज मामलों की संख्या कम है, लेकिन हम एक चौराहे पर खड़े हैं। हम किस ओर जाना चाहते हैं? हमें जांच-परख करने के बाद अपनी गतिविधियों को अंजाम देना होगा।'

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इसके साथ ही राज्य सरकार के मुखिया के रूप में उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के स्वास्थ्यकर्मियों, अधिकारियों और अन्य जरूरी मेडिकल स्टाफ को कोविड-19 से निपटने में उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया है। लेकिन साथ में यह भी कहा, 'अगर हमारे पास पर्याप्त बेड नहीं हुए तो हमारे स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित हो जाएंगे। फिर हमें कोई नहीं बचा सकता। फिलहाल ऐसी स्थिति नहीं है, लेकिन हमें बहुत सावधान रहना होगा। हम अब तक (सभी) स्कूल खोलने की स्थिति में नहीं आए हैं। अभी हम एक सिरे पर पहुंचे हैं। मैं फिर से कोई लॉकडाउन नहीं लगाना चाहता।'

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सार्स-सीओवी-2 वायरस ने अब तक 17 लाख 80 हजार से ज्यादा लोगों को संक्रमित किया है। इनमें से 46 हजार 623 लोगों की मौत हो गई है। हालांकि 16 लाख 51 हजार से अधिक मरीजों को संक्रमण से मुक्त भी करार दिया गया है। रविवार को महाराष्ट्र में 5,700 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं और 50 नई मौतों की पुष्टि की गई है। इसी दौरान 4,060 संक्रमितों को स्वस्थ घोषित किया गया है। इससे राज्य में कोविड-19 का रिकवरी रेट 92.7 प्रतिशत हो गया है। हालांकि मृत्यु दर अभी भी 2.6 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत (1.46 प्रतिशत) से ज्यादा है।

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पंजाब में दूसरी लहर निश्चित: अमरिंदर सिंह
एक तरफ महाराष्ट्र में कोविड-19 की अगली लहर को एक प्रकार की सुनामी बताया जा रहा है, तो दूसरी तरफ पंजाब में दूसरी कोरोना लहर को 'निश्चित' करार दिया गया है। खबर के मुताबिक, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने खुद कहा है कि राज्य में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आना निश्चित है। उनका कहना है कि फिलहाल कोई भी यह नहीं बता सकता कि यह दूसरी लहर कब आएगी, लेकिन उनके मुताबिक इसका आना तय है। बीते शनिवार को दिल्ली-एनसीआर और अन्य राज्यों की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए अमरिंदर सिंह ने यह बात कही थी। इसके साथ ही उन्होंने पंजाब के स्वास्थ्य विभाग और कर्मचारियों पर भरोसा जताया। सीएम ने कहा कि ये लोग किसी भी तरह की चुनौती से निपटने में सक्षम हैं और सरकार दूसरी लहर के खिलाफ सभी संभावित कदम उठाएगी।

गौरतलब है कि पंजाब में कोरोना वायरस अब तक एक लाख 46 हजार से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर चुका है। इनमें से 4,614 लोगों की मौत हो गई है। हालांकि एक लाख 35 हजार से अधिक मरीजों को संक्रमण से बचा भी लिया गया है। रविवार को पंजाब में 679 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं और 19 नई मौतों की पुष्टि की गई है। इसी दौरान यहां 497 संक्रमितों को स्वस्थ घोषित किया गया है। इससे राज्य में कोविड-19 का रिकवरी रेट 92.3 प्रतिशत हो गया है। हालांकि मृत्यु दर अभी भी 3.2 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत (1.46 प्रतिशत) से लगभग दो प्रतिशत ज्यादा है।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने अगली संभावित लहर को 'सुनामी की तरह ताकतवर' बताया, अमरिंदर सिंह भी बोले- पंजाब में दूसरी लहर 'निश्चित' है

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