कोविड-19 महामारी की शुरुआत में संक्रमण के प्रसार को कम करने को लेकर दुनियाभर के देशों ने तमाम तरह के प्रतिबंध लगाए थे। कई तरह के पब्लिक इवेंट यानी सार्वजनिक कार्यकर्मों को पूर्णत बंद कर दिया गया। लेकिन गुजरते समय के साथ भारत समेत दुनिया के कई देशों में इन प्रतिबंधो को अनलॉक किया जा रहा है। हालांकि, विशेषज्ञों ने इसके बाद संक्रमण के तेजी से फैलने की आशंका जताई है। शोधकर्ताओं की मानें तो अगर पब्लिक इवेंट को कम किया जाए तो संक्रमण की दर में कमी आ सकती है। चिकित्सा क्षेत्र की प्रमुख पत्रिका "द लांसेट" में प्रकाशित एक अध्ययन के तहत शोधकर्ताओं को इससे जुड़े सबूत मिले हैं।   

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एक मॉडलिंग अध्ययन के अनुसार, सार्वजनिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाकर कोविड​​ रिप्रोडक्शन नंबर (आर नंबर) को कम किया जा सकता है। बता दें कि यहां आर नंबर से मतलब वायरस संचरण के एक प्रमुख उपाय से हैं। शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि पब्लिक इवेंट पर रोक से संक्रमण की दर को एक महीने से भी कम वक्त में 24 फीसद तक कम किया जा सकता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि आर नंबर एक से अधिक होने का मतलब संक्रमण के बढ़ने को दर्शाता है और एक से कम नंबर संक्रमण में कमी का संकेत देता है। 

क्या कहती है रिसर्च ?
131 देशों के डेटा के आधार पर किया गया शोध बताता है कि स्कूल और कार्यस्थलों की पाबंदी से वायरस के प्रसार में कमी आती है। इसके अलावा सार्वजनिक कार्यक्रमों और एक जगह पर 10 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध, घर में रहने और आने-जाने की गतिविधियों को सीमित करने जैसे व्यक्तिगत उपाय सार्स-सीओवी-2 वायरस को कम करने में महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, शोधकर्ताओं का ये भी कहना है कि अगर इन सभी उपायों का एक साथ पालन किया जाए तो यह संक्रमण को कम करने की दिशा में अधिक प्रभावी साबित होंगे। 

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ब्रिटेन की एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हरीश नायर का कहना है, "हमने पाया कि अलग-अलग उपायों को एक साथ लागू करना कोविड-19 संक्रमण के प्रसार को कम करने में सबसे अधिक प्रभावशाली है। जैसा कि हम वायरस के दोबारा से फैलने का अनुभव करते हैं। इससे पता चलता है कि नीति निर्माताओं को आर संख्या को कम करने के लिए इन उपायों को एक साथ लागू करने पर विचार करने की जरूरत है।" इसके साथ ही वो कहते हैं, "हमारा अध्ययन इस बात की जानकारी दे सकता है कि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए किन उपायों को लागू किया जाए या किन उपायों को हटाया जाए। हालांकि, इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थानीय स्थितियों या संदर्भ पर भी निर्भर करेगा। वहीं, किसी भी समय आर नंबर स्थानीय स्वास्थ्य सेवा क्षमता, सामाजिक और आर्थिक उपायों को प्रभावित करता है। 

स्कूलों से प्रतिबंध हटाना ठीक नहीं- रिपोर्ट
हालांकि, जब इन उपायों को व्यक्तिगत रूप से देखते हैं तो सार्वजनिक कार्यकर्मों पर प्रतिबंध से 28 दिनों के बाद ही आर नंबर में 24 प्रतिशत की कमी आती है। यह शोधकर्ताओं का भी सुझाव है क्योंकि उनका अनुमान है कि इससे संक्रमण (सुपर स्प्रेडर) को बड़े स्तर पर फैलने से रोका जा सकता है। सभी देशों में सार्वजनिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध को पहले उपाय के तौर पर लागू किया जाना चाहिए। शोधकर्ताओं के अनुसार, दस से अधिक लोगों की सभा और स्कूलों को फिर से खोलना आर नंबर में वृद्धि से जुड़ा है। ये मजबूत उपाय हैं जहां से प्रतिबंधों को नहीं हटाना चाहिए। 

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रिपोर्ट से पता चला है कि स्कूलों को फिर से खोलने से महज 28 दिनों में ही आर नंबर में 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई। शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी कि वे कुछ देशों में स्कूलों को फिर से खोलने के लिए लागू की गई अलग-अलग सावधानियों की गणना करने में असमर्थ रहे। उन्होंने कहा कि कुछ उपाय स्कूलों को फिर से खोलने के लिए आवश्यक हैं। उदाहरण के लिए क्लास के आकार को सीमित करना, डिस्टेंसिंग को मापना, नियमित रूप से साफ-सफाई करना, व्यक्तिगत हैंडवाशिंग, फेस मास्क और स्कूल आते समय थर्मल तापमान की जांच करना।

प्रोफेसर हरीश नायर का कहना है, "हमने स्कूलों को फिर से खोलने के बाद आर नंबर में वृद्धि देखी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वृद्धि विशिष्ट आयु समूहों के लिए जिम्मेदार है या नहीं। यहां कक्षाओं के भीतर और बाहर सोशल डिस्टेंसिंग के उपायों के पालन में पर्याप्त अंतर हो सकता है। बावजूद इसके सार्स-सीओवी-2 वायरस के ट्रांसमिशन के लिए स्कूल की विशिष्ट भूमिका को समझने के लिए अभी अधिक डेटा की आवश्यकता है।" शोधकर्ताओं का कहना है कि ट्रांसमिशन (संचरण) के लिए प्रॉक्सी के रूप में आर नंबर का उपयोग करने की भी सीमाएं हैं, क्योंकि सटीक अनुमान लगाना मुश्किल है। खासकर जब प्रसार कम हो।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: वैज्ञानिकों का दावा, पब्लिक इवेंट पर प्रतिबंध से 24 फीसदी तक कम हो सकती है कोरोना संक्रमण की दर है

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