कोरोना वायरस को लेकर लगभग हर दिन अलग-अलग तथ्य सामने आ रहे हैं, जिसमें संक्रमण से जुड़ी बड़ी रोचक जानकारियां देखने को मिल रही है। एक नई रिसर्च में पता चला है कि बच्चों के साथ रहने से वयस्कों में गंभीर कोविड-19 संक्रमण का जोखिम कम होता है। रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी से अगस्त महीनों के बीच 65 साल से कम उम्र के 90 लाख (9 मिलियन) वयस्कों पर यह अध्ययन किया गया। इसमें पता चला कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ रहने वाले वयस्कों में कोरोना के गंभीर संक्रमण या इस बीमारी से मरने का खतरा कम था। इस रिसर्च से जुड़े एक वैज्ञानिक के अनुसार उन्होंने पाया "स्कूल से घर वापस आने वाले बच्चों से भी कोई खतरा नहीं है।"

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संक्रमण से मरने की आशंका लगभग 25% कम
लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन (एलएसएचटीएम) और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा यह रिसर्च की गई। इसमें उन्होंने पाया कि बहुत छोटे या प्राइमरी-स्कूल में पढ़ने वाले उम्र के बच्चों के साथ रहने वाले वयस्कों को कोविड-19 संक्रमण का कोई खतरा नहीं था। वास्तव में जो लोग बिना बच्चों के रहते हैं उनकी तुलना में बच्चों के साथ रहने वाले लोगों में कोविड-19 संक्रमण के चलते मरने की आशंका लगभग 25% कम थी। इससे शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि बच्चों की देखभाल करने वाले लोगों में स्वस्थ रहने की अच्छी आदतें इसके प्रमुख कारकों में से एक हो सकती हैं।

वहीं, माध्यमिक स्कूल में पढ़ने वाले उम्र के बच्चों के साथ रहने वाले लोगों में कोविड-19 संक्रमण का खतरा बहुत कम (8 प्रतिशत) था। लेकिन अस्पताल में भर्ती होने का कोई खतरा नहीं था। इन लोगों के बीमारी से मरने की आशंका 27 प्रतिशत कम थी। यहां शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि शायद ये इसलिए है, क्योंकि वो लोग जो बच्चों के साथ नहीं रहते उनकी तुलना में बच्चों के साथ रहने वाले लोग स्वास्थ्य के प्रति सजग थे और हेल्दी भी थे। हालांकि, शोधकर्ताओं ने धूम्रपान, सामाजिक-आर्थिक नुकसान, नस्ल और पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं जैसे अन्य कारकों को भी ध्यान में रखा। इस रिसर्च को अभी तक किसी मेडिकल जर्नल में प्रकाशित नहीं किया गया।

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बच्चों के साथ रहने वाले लोग अधिक स्वस्थ
लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन में नैदानिक ​​महामारी विज्ञान के प्रोफेसर लियाम स्मिथ का कहना है, "हम जानते हैं कि जो लोग बच्चों के साथ रहते हैं वे आमतौर पर अधिक स्वस्थ होते हैं। साथ ही उनके किसी भी तरह से मरने का जोखिम भी कम होता है।" दूसरी ओर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में डेटालैब के निदेशक और इस रिसर्च के शोधकर्ता डॉ. बेन गोल्डकेयर का कहना है कि टीम दूसरे लॉकडाउन के दौरान डेटा का विश्लेषण करना जारी रखेगी, जिसके तहत सोसाइटी के कई क्षेत्रों को बंद रखा गया, लेकिन स्कूल खोल दिए गए। इसके साथ ही गोल्डकेयर कहते हैं "यह महत्वपूर्ण है कि हम जल्द से जल्द इन नीतिगत हस्तक्षेपों पर आधारित आंकड़ों को हासिल करें, क्योंकि कोविड की कहानी यह है कि कितने ही संक्रमित लोग हमारे आसपास हैं लेकिन अब हम बीमारी के साथ 'जीना' सीख रहे हैं।"

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: बच्चों के साथ रहने वाले वयस्कों में कोरोना के गंभीर संक्रमण का जोखिम कम- रिसर्च है

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