रूस दुनिया का ऐसा दूसरा देश बन गया है, जहां कोविड-19 के मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एएफपी और प्रतिष्ठित जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी (जेएचयू) ने अपनी गणना के आधार पर यह जानकारी दी है। एएफपी के मुताबिक, रूस में कोविड-19 के मरीजों की संख्या दो लाख 42 हजार से ज्यादा हो गई है, जबकि उससे पहले दूसरे नंबर पर रहे स्पेन में यह आंकड़ा दो लाख 28 हजार है। वहीं, जेएचयू ने रूस में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या को यह खबर लिखे जाने तक अपडेट नहीं किया था। फिलहाल उसके प्लेटफॉर्म पर यह संख्या दो लाख 32,243 है, जो स्पेन से ज्यादा ही है। 

लेकिन कोरोना मामलों की ट्रैकिंग कर रहे एक और चर्चित प्लेटफॉर्म वर्ल्डओमीटर के मुताबिक, रूस इस मामले में अभी भी तीसरे नंबर पर है, हालांकि वह जल्दी ही दूसरे नंबर पहुंच सकता है। वर्ल्डओमीटर का आंकड़ा बताता है कि स्पेन और रूस के बीच करीब 28,000 मरीजों का ही अंतर रह गया है, जिसे रूस इसी हफ्ते पार कर सकता है। वहां बीते कई दिनों से प्रतिदिन कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 10 हजार से नीचे नहीं गई है, जबकि स्पेन में यह आंकड़ा प्रतिदिन 1,000 से 3,000 के बीच है।

(और पढ़ें - कोविड-19: वुहान शहर के सभी 1.1 करोड़ लोगों का होगा कोरोना वायरस टेस्ट, छह नए मामले सामने आने के बाद चीन ने लिया फैसला)

यानी जल्दी ही रूस से ज्यादा कोविड-19 मरीज केवल अमेरिका में होंगे, जहां कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 की चपेट में आए लोगों की संख्या 14 लाख से ज्यादा हो गई है। मंगलवार को वहां 22 हजार से ज्यादा नए मरीज सामने आए हैं। वहीं, स्पेन में कुल मरीजों का आंकड़ा दो लाख (वर्ल्डओमीटर के मुताबिक) 69,520 हो गया है। बीते 24 घंटों में वहां 1,377 नए मरीजों की पुष्टि हुई है।

स्पेन और रूस में रोजाना दर्ज होने वाले मामलों का अंतर बताता है कि रूस जल्दी ही अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा कोरोना मरीजों वाला देश बन जाएगा। संभव है यह काम इसी हफ्ते हो जाए। हालांकि, मृतकों के मामले में यह देश स्पेन से काफी ज्यादा पीछे है। रूस में अब तक कोरोना वायरस से 2,200 से ज्यादा मरीजों की जान गई है, जबकि स्पेन में मृतकों का आंकड़ा करीब 27 हजार है, यानी 13 गुना ज्यादा।

(और पढ़ें - कोविड-19: महिलाओं से ज्यादा पुरुषों के लिए क्यों घातक है नया कोरोना वायरस? इस शोध में सामने आई बड़ी वजह)

जानकार कहते हैं कि रूस अभी तक अपने यहां लोगों को कोविड-19 से बचाने में काफी हद तक सफल रहा है। उनका कहना है कि रूस ने यूरोप के खराब अनुभवों से सबक लेते हुए कई महत्वपूर्ण कदम पहले ही उठा लिए थे। इनमें विदेशी यात्रियों और संदिग्ध लोगों को तुरंत आइसोलेट करना तथा अस्पतालों को कोविड-19 के लिए विशेष रूप से तैयार करना शामिल है। हालांकि आलोचकों की राय अलग है। उन्होंने रूस में कोरोना वायरस से हुई मौतों के संबंध में जारी किए गए आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि रूस के अधिकारी कोविड-19 से हुई मौतों को छिपा रहे हैं और उनकी गिनती अन्य श्रेणियों में कर रहे हैं।

(और पढ़ें - भारत में कोविड-19 की रोकथाम के लिए गठिया रोग की दवा का ट्रायल शुरू, जानें इस दवा के चयन की वजह)

वेंटिलेटर में आग लगने से पांच कोविड-19 मरीजों की मौत
इस बीच, रूस के एक अस्पताल में वेंटिलेटर में आग लगने से पांच कोविड-19 मरीजों के मारे जाने की खबर है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, रूस के आपातकालीन मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है। उसने बताया कि हादसा मंगलवार को सैंट पीटर्सबर्ग शहर स्थित अस्पताल में हुआ। एक अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी ने बताया है कि अस्पताल के आईसीयू में वेंटिलेटर पर ओवरलोड हो गया था, जिसके चलते उसमें आग लग गई। हादसे के बाद 150 लोगों को अस्पताल से बाहर निकाल लिया गया है।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: अमेरिका के बाद कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मरीज अब रूस में, स्पेन को पीछे छोड़ा- जॉन्स हॉपकिन्स और एएफपी है

ऐप पर पढ़ें