फेफड़ों का काला होना - Black Lung Disease in Hindi

Dr. Nabi Darya Vali (AIIMS)MBBS

October 31, 2020

January 09, 2021

फेफड़ों का काला होना
फेफड़ों का काला होना

कोल वर्कर्स निमोकोनिओसिस (सीडब्ल्यूपी) को ब्लैक लंग डिजीज के नाम से भी जाना जाता है। यह बीमारी आनुवंशिक या संक्रामक नहीं है। यह समस्या तब होती है जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक कोयले की धूल के संपर्क में रहता है। इस स्थिति में फेफड़ों में धूल के कण चले जाने से स्कार हो जाते हैं और सांस लेने में परेशानी होती है। ब्लैक लंग डिजीज दो प्रकार के होते हैं : सिंपल (साधारण) और कॉम्प्लीकेटेड (जटिल)।

 

ब्लैक लंग डिजीज के संकेत और लक्षण क्या हैं? - Black Lung Disease ke symptoms in hindi

कोयले की खान में काम करने वाले सभी व्यक्तियों में ब्लैक लंग डिजीज की समस्या नहीं होती है। एक अनुमान के मुताबिक, संयुक्त राज्य अमेरिका में कोयला खान में काम करने वाले लगभग 16 प्रतिशत लोगों में फेफड़ों से जुड़ी समस्या पाई गई है।

इस बीमारी के विकसित होने में वर्षों या दशकों लग सकते हैं। कुछ ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जिनमें सेवानिवृत्त (रिटायर्ड) होने तक लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। (बीमारी से पीड़ित ज्यादातर लोगों की उम्र 50 वर्ष से अधिक है)

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ब्लैक लंग डिजीज का कारण क्या है? - Black Lung Disease ke causes in hindi

ब्लैक लंग डिजीज को नौकरी से जुड़ी बीमारी माना जाता है। यहां नौकरी से जुड़ी बीमारी का मतलब है कि आप जहां काम करते हैं वहां के वातावरण की वजह से बीमारी का ट्रिगर होना।

जैसे कोयले की खान में काम करने वाले श्रमिकों के फेफड़ों में (सांस के जरिए) कोयले की धूल जाने का ​जोखिम ज्यादा रहता है, इसलिए ब्लैक लंग डिजीज का खतरा उन्हीं में होता है जो कोयले की खान में काम करते हैं।

इस स्थिति में जब प्रतिरक्षा प्रणाली धूल के कणों से लड़ने और इन्हें शरीर से बाहर निकालने की कोशिश करती है, तब प्रतिक्रिया के रूप से सूजन की समस्या हो सकती है। कुछ समय के बाद इस सूजन की वजह से स्कार (शारीरिक चोट ठीक होने या सर्जरी के बाद जो निशान रह जाता है उसे स्कार कहते हैं) हो सकते हैं, जिसे फाइब्रोसिस के रूप में भी जाना जाता है। बीमारी की गंभीरता इस बात पर निर्भर करती है कि कितनी मात्रा में धूल फेफड़ों तक पहुंची है।

ब्लैक लंग डिजीज का निदान कैसे किया जाता है? - Black Lung Disease ka diagnosis in hindi

डॉक्टर मेडिकल हिस्ट्री चेक करेंगे और आपसे आपके काम के बारे में भी पूछ सकते हैं। यदि आप कोयले की धूल के संपर्क में आते जाते हैं तो वे सीने का एक्स-रेसीटी स्कैन या दोनों टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं। इससे उन्हें फेफड़ों में सूजन, किसी तरह के धब्बे या अन्य किसी परेशानी का पता चल सकता है।

फेफड़े कितनी अच्छी तरह से काम कर रहे हैं इस बात का पता करने के लिए वे पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट का उपयोग कर सकते हैं।

(और पढ़ें - फेफड़ों के रोग)

ब्लैक लंग डिजीज का इलाज कैसे किया जाता है? - Black Lung Disease ka treatment in hindi

इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन उपचार का लक्ष्य आमतौर पर लक्षणों को कम करना, फेफड़ों को और अधिक नुकसान से रोकना और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।

डॉक्टर वायुमार्ग को खुला रखने के लिए दवा लिख सकते हैं। यदि अस्थमा से मिलते-जुलते लक्षण हैं तो वे इनहेलर का इस्तेमाल करने की सलाह दे सकते हैं।

यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो डॉक्टर इस आदत को तुरंत छोड़ने के लिए कह सकते हैं, क्योंकि धूम्रपान फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है और लक्षणों को बदतर बना सकता है।

बेहतर तरीके से सांस लेने के लिए डॉक्टर 'पल्मोनरी रिहैब्लिटेशन प्रोग्राम' की सलाह दे सकते हैं। दुर्लभ मामलों में, लंग ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ सकती है।

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