कोविड-19 के इलाज को लेकर अब तक कई संभावित ड्रग्स का इस्तेमाल किया गया है। रेमडेसिविर उन दवाओं में से एक है जिसको लेकर वैज्ञानिकों को बड़ी उम्मीद है। हालांकि, ये दवा कोरोना वायरस के गंभीर मामलों और मृत्यु दर को रोकने में कितनी प्रभावी है, इसको लेकर वैज्ञानिकों के अलग-अलग तर्क हैं। लेकिन इस बीच अमेरिका ने संक्रमण के इलाज के लिए रेमडेसिविर को मंजूरी दे दी है। वहीं, अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भी रेमडेसिविर के उपयोग को लेकर मंथन में जुटा है। मीडिया खबरों की मानें तो संगठन रेमडेसिविर के इस्तेमाल पर दिशानिर्देश तैयार कर रहा है और उन्हें तीन से चार सप्ताह में जारी कर सकता है।

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दवा की प्रभावशीलता की जांच करेगा डब्ल्यूएचओ
अस्पताल में कोविड-19 के रोगियों पर इस साल के शुरू में डब्ल्यूएचओ के एक बड़े अध्ययन में पाया गया कि दवा का मरीजों के जीवित रहने की दर पर कोई प्रभाव नहीं था। डब्ल्यूएचओ की शीर्ष अधिकारी जेनेट डायज ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि तीन से चार हफ्ते के अंदर दवा को लेकर दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।" उन्होंने कहा कि गिल्ड साइंसेज द्वारा बनाई गई इस दवा (रेमडेसिविर) की प्रभावशीलता के सभी सबूतों को देखने के लिए डब्ल्यूएचओ पैनल अगले सप्ताह एक प्रोग्राम आयोजित करेगा। 

डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि यूएस एफडीए ड्रग रेगुलेटर ने वैश्विक स्वास्थ्य निकाय के अध्ययन के नतीजों को मंजूरी नहीं दी है। साथ ही उन्होंने कहा "हम मानते हैं कि हमारे परिणाम बहुत मजबूत हैं। साथ ही उम्मीद करते हैं कि जो लोग अन्य देशों के साथ-साथ दुनियाभर के नियामकों में उपचार के दिशानिर्देश दे रहे हैं, वे अन्य सबूतों के अलावा हमारे अध्ययन के परिणामों पर ध्यान देंगे। चूंकि, आपको फैसला लेने से पहले एक दवा के लिए वैश्विक सबूत देखने की जरूरत है।"

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अभी और चिंताजनक हो सकती है स्थिति- डब्ल्यूएचओ
दूसरी ओर डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कोविड-19 महामारी के कारण हालात और खराब होने की आशंका जताई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम ग्रेब्येयिसस का कहना है कि दुनिया अब कोविड-19 महामारी के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। कुछ देश खतरनाक दौर में हैं जो कि कोविड स्ट्रेन के चलते स्वास्थ्य सेवाओं के बिगड़ने की आशंकाओं का सामना कर रहे हैं।

एक समाचार सम्मेलन में टेड्रोस ने कहा, "हम लोग इस महामारी के चिंताजनक दौर में हैं। विशेषकर उत्तरी हेमिसफेयर (उत्तरी गोलार्ध) में स्थिति खतरनाक हो सकती है। इसके तहत अगले कुछ महीने काफी मुश्किल भरे होने वाले हैं। वहीं कुछ देशों में हालात तो काफी गंभीर हैं। जैसा कि मैंने इस साल फरवरी में कहा था और इसे मैं आज फिर से दोहरा रहा हूं।"

टेड्रोस ने कहा कि यह कोई ड्रिल नहीं है। हालात खराब हैं और इसलिए हम दुनियाभर के नेताओं से अपील करते है कि वह स्थिति को संभालने के लिए तुरंत एक्शन लें और स्कूल को दोबारा बंद करें। ताकि महामारी के चलते भविष्य में होने वाली अनावश्यक मौतों को रोका जा सके। इसके साथ ही आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं को बिगड़ने से भी रोका जाए। टेड्रोस ने आगे कहा, "अभी हम अक्टूबर महीने में ही हैं और कुछ देशों में संक्रमण तेजी से फैल चुका है। इसके चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। आईसीयू बेड तेजी से भर रहे हैं या क्षमता से अधिक मरीजों को भर्ती किया जा रहा है।" 

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