जिमों में चेस्ट-डे को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन शरीर की सबसे बड़ी मांसपेशियों का व्यायाम किया जाता है। चूंकि, छाती की मांसपेशियां बड़ी होती हैं, ऐसे में उनका व्यायाम भी कठिन होता है। बेंच प्रेस व्यायाम को छाती की मांसपेशियों के लिए सबसे उचित और प्रभावी माना जाता है। हालांकि, जब तक इसके अलग-अलग रूपों को अभ्यास में न लाया जाए तब तक छाती के व्यायाम को पूरा नहीं कहा जा सकता है। इंक्लाइन बेंच प्रेस इस व्यायाम का एक ऐसा ही नवीनतम रूप है जो पूरी छाती की मांसपेशियों को लक्षित करने के साथ अपेक्षाकृत अधिक तनाव उत्पन्न करता है।

बेंच प्रेस व्यायाम के विभिन्न रूपों को प्रयोग में लाकर आप छाती के अलग-अलग हिस्सों की मांसपेशियों का व्यायाम कर सकते हैं। मौजूदा वक्त में आपको भले ही जिमों और फिटनेस सेंटर में बेंच प्रेस के अलग-अलग रूपों का प्रयोग आसानी से देखने को मिल जाए, लेकिन यह कुछ साल पहले इतना लोकप्रिय नहीं हुआ करता था। शुरुआती दिनों में बेंच प्रेस फर्श पर किया गया था, बाद में इसके रूपों में नवीनता आती गई और अब बेंच प्रेस को कई तरीकों से किया जा रहा है। छाती की मांसपेशियों के विकास के लिए डिप्स को भी एक विकल्प के तौर पर देखा जा सकता है।

फिटनेस की दुनिया में इंक्लाइन बेंच की शुरुआत तमाम विविधताओं के साथ हुई। इंक्लाइन बेंच प्रेस को एक शानदार कंपाउंड व्यायाम के रूप में भी देखा जा सकता है, क्योंकि इस एक व्यायाम से छाती की मांसपेशियों के साथ कंधों और ट्राइसेप्स का भी व्यायाम हो जाता है। एक जोड़ी डंबल या बारबेल के साथ इंक्लाइन बेंच पर इस व्यायाम को किया जा सकता है। इंक्लाइन बेंच प्रेस व्यायाम काफी आसान है और इसे फ्लैट बेंच प्रेस की तरह से किया जा सकता है।

  1. इंक्लाइन बेंच प्रेस व्यायाम के प्रकार - Incline Bench Press Exercise kitne types ka hota hai?
  2. इंक्लाइन बेंच प्रेस व्यायाम के लाभ - Incline Bench Press Exercise ke Fayde
  3. इंक्लाइन बेंच प्रेस व्यायाम करने का सही तरीका - Incline Bench Press Exercise karne ka correct form
  4. इंक्लाइन बेंच प्रेस व्यायाम के दौरान सावधानियां - Incline Bench Press Exercise ke dauraan Precautions
  5. इंक्लाइन बेंच प्रेस के वैल्पिक व्यायाम - Incline Bench Press ke Alternative Exercise

इंक्लाइन बेंच प्रेस को भी कई तरह से किया जा सकता है। छाती के ऊपरी हिस्से की मांसपेशियां इस व्यायाम में सक्रिय अवस्था में आती हैं।

  • डम्बल इंक्लाइन बेंच प्रेस
  • बारबेल इन्क्लाइन बेंच प्रेस
  • वाइड-ग्रिप इंक्लाइन बेंच प्रेस
  • क्लोज-ग्रिप इन्क्लाइन बेंच प्रेस
  • स्मिथ मशीन इन्क्लाइन बेंच प्रेस
  • वेट प्लेट इन्क्लाइन बेंच प्रेस
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इंक्लाइन बेंच की बनावट के कारण व्यायाम के दौरान शरीर के ऊपरी हिस्से की मांसपेशियों में तनाव उत्पन्न होता है। छाती की मांसपेशियों के आकार को बढ़ाने के साथ यह व्यायाम कंधे, ट्राइसेप्स और कोर की मांसपेशियों के विकास और मजबूती में भी काफी सहायक है। इंक्लाइन बेंच प्रेस व्यायाम ऊपरी शरीर की मांसपेशियों को लक्षित करने के साथ-साथ शरीर के निचले हिस्सों में स्थिरता लाने में भी मदद करता है।

बेंच का इंक्लाइन यानी की ऊपर की ओर का झुकाव शारीरिक शक्ति को बढ़ाने में भी मदद करता है, जिसकी मदद से आप स्क्वॉट्स, डेडलिफ्ट और लेग प्रेस जैसे व्यायामों में अधिक भार उठा सकते हैं। बेंच का झुकाव जितना सीधा होगा, उतना ही यह आपकी छाती के बजाय कंधे पर असर डालता है। यही कारण है कि हर समय बेंच का कोण सही और आरामदायक होना चाहिए।

किसी भी बड़े स्तर के व्यायाम से पहले मांसपेशियों का अच्छे से वार्म-अप करना बेहद जरूरी होता है। यह भी सुनिश्चित करें कि मांसपेशियां पूरी तरह से खुल गई हैं, जिससे व्यायाम के दौरान लगने वाली चोट का कोई खतरा नहीं है। जिस व्यायाम का आप अभ्यास करने जा रहे हैं, वार्म अप के रूप में बिना किसी वजन के भी उस व्यायाम को किया जा सकता है।

किन मांसपेशियों  पर होता है असर

  • प्राइमरी : छाती का ऊपरी हिस्सा
  • माध्यमिक : कंधे और ट्राइसेप्स

किन उपकरणों की आवश्यकता होगी

  • एक जोड़ी डम्बल/ एक बारबेल/ स्मिथ मशीन/ वेटेड प्लेट
  • इंक्लाइन बेंच या ऐसा बेंच, जिसे विभिन्न कोणों पर झुकाया जा सके

कौन कर सकता है यह व्यायाम

इंटरमीडिएट (प्रशिक्षु स्तर के लोग)

सेट और रैप

10-15 रैप के 3 सेट

डम्बल के साथ इंक्लाइन बेंच प्रेस

  • इंक्लाइन बेंच पर पीठ के बल लेट जाएं और अच्छी ग्रिप के साथ दोनों हाथों में डम्बल ले लें।
  • अब अपने कंधों के समानांतर डंबलों को उठाएं और ऊपर ले जाकर दोनों को स्पर्श कराएं। कुछ सेकंड के लिए ऐसे ही रुकें।
  • धीरे-धीरे डंबल को नीचे की ओर अपनी छाती तक लेकर आएं। यह एक रैप है।

टिप्स : यदि आप एक साथ दोनों डम्बल नहीं उठा सकते हैं, तो दोनों डम्बलों को एक एक करके (अल्टरनेट डंबल प्रेस की तरह) उठाने का प्रयास करें।

बारबेल के साथ इंक्लाइन बेंच प्रेस

बारबेल के साथ इंक्लाइन बेंच प्रेस करके छाती के दोनों ओर की मांसपेशियों को एक ही समय में लक्षित किया जा सकता है। इस व्यायाम को करने के लिए सबसे पहले हथेलियों की अच्छा ग्रिप बनाते हुए बारबेल को पकड़ें और फ्लैट बेंच प्रेस की तरह अभ्यास को दोहराएं। बारबेल को नीचे की ओर लाते समय इसे छाती के बिल्कुल नीचे वाले हिस्से से स्पर्श कराएं।

छाती के विभिन्न भागों के लिए इस व्यायाम को अलग अलग कोणों से भी किया जा सकता है। अगर आप छाती को चौड़ा करना चाहते हैं तो बारबेल को कंधों की चौड़ाई से थोड़ी दूरी पर पकड़ें। हालांकि, यदि छाती के आंतरिक हिस्से और बीचों-बीच की मांसपेशियों पर तनाव उत्पन्न करना चाहते हैं तो कंधों की चौड़ाई से थोड़े पहले ही बारबेल पर पकड़ बनाएं।

विभिन्न कोणों के साथ इस व्यायाम को करने से छाती की मांसपेशियों को तेजी से विकसित करने के साथ अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।

स्मिथ मशीन के साथ इंक्लाइन बेंच प्रेस

शुरुआती स्तर के लोगों के लिए स्मिथ मशीन की मदद से व्यायाम करना अच्छा होता है। इससे संतुलन बनाने में आसानी होती है, साथ ही आप अधिक से अधिक वजन के साथ अभ्यास कर सकते हैं। इस व्यायाम के लिए इंक्लाइन रूप में 45 डिग्री पर स्मिथ मशीन के नीचे बेंच को सेट करें। अपनी क्षमता के अनुसार बारबेल को भी सेट करें और उस पर वजन लगाएं। अब बारबेल इन्कलाइन बेंच प्रेस की तरह इस व्यायाम को करें।

वजन वाले प्लेटों के साथ इंक्लाइन बेंच प्रेस

  • बेंच पर लेटते हुए दोनों हाथों में अच्छी ग्रिप बनाते हुए वेटेड प्लेटों को पकड़ें। दोनों हथेलियों को एक-दूसरे के सामने की स्थिति में रखें।
  • अब इन प्लेटों को कंधों से ऊपर की ओर उठाएं। कुछ सेकंड इसी स्थिति में रुकें।
  • धीरे-धीरे प्लेटों को शुरुआती स्थिति में लेकर आएं। यह एक रैप है।

टिप्स : आमतौर पर देखने को मिलता है कि बारबेल को नीचे की ओर लाते वक्त इसे पेट या गर्दन के पास स्पर्श कराते हैं। इस बारे में भी पूरी जानकारी जरूरी है। ध्यान रखें बारबेल को नीचे की ओर लाते समय इसे कॉलर बोन से थोड़ा नीचे तक लाएं। वहीं वजन को उठाते समय बारबेल कंधों की सीध में होना चाहिए।

इंक्लाइन बेंच प्रेस, फ्लैट बेंच प्रेस का नवीनतम रूप है। ध्यान रखें यदि आपके कंधे या कॉलर की हड्डी में पहले किसी भी तरह की चोट लगी है, तो इस व्यायाम को करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। भारी वजन उठाते समय अपनी मदद के लिए किसी प्रशिक्षक को पास में जरूर रखें। बेंच प्रेस या इससे संबंधित सभी व्यायामों को करने के लिए मांसपेशियों में अधिक ताकत और स्थिरता की आवश्यकता होती है। अगर आपको वजन उठाते समय किसी तरह की कठिनाई महसूस हो रही है तो सबसे पहले कोर मांसपेशियों को ताकत देने वाले व्यायाम कर इन्हें मजबूत बनाएं।

वजन उठाने के दौरान आपकी मदद के लिए अगर कोई मौजूद नहीं है तो स्मिथ-मशीन के साथ इस व्यायाम का अभ्यास करें। सुनिश्चित करें कि व्यायाम से पहले आपने अच्छी तरह से वार्मअप कर लिया है। इस तरह के व्यायाम के लिए शरीर में लचीलापन बहुत आवश्यक होता है।

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बेंच प्रेस व्यायाम में समय-समय पर संशोधन किए जाते रहे हैं, जिसके अपने अनेक फायदे हैं। हालांकि, इसके अलावा भी कई ऐसे व्यायाम हैं, जिनकी मदद से छाती की मांसपेशियों को विकसित किया जा सकता है।

  • फ्लैट बेंच प्रेस
  • केबल क्रॉस-ओवर
  • डेक्लाइन पुश-अप्स
  • लीवरेज इंक्लाइन चेस्ट प्रेस (मशीन चेस्ट प्रेस)

निष्कर्ष :

छाती की मांसपेशियों के विकास और मजबूती के लिए इन्क्लाइन बेंच प्रेस एक उत्कृष्ट व्यायाम है। चूंकि यह एक कंपाउंड व्यायाम भी है ऐसे में शरीर की अन्य मांसपेशियों के समूह को भी इस व्यायाम का लाभ मिलता है।

अधिकांश जिमों और फिटनेस सेंटरों में इस व्यायाम को करते हुए लोग आपको दिख जाएंगे। इस व्यायाम से शारीरिक शक्ति में भी वृद्धि होती है ऐसे में इसमें एक बार अभ्यस्त हो जाने के बाद आपके लिए कंधे के साथ-साथ अपेक्षाकृत अन्य कठिन व्यायाम भी आसान हो जाएंगे।

संदर्भ

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