हर कोई अपनी और अपनों की सुरक्षा के लिए चिंतित रहता है। इसके लिए अपनी ओर से भरसक प्रयास भी करता है कि स्वयं और अपनों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो। इसे सुरक्षा की भावना कहते हैं और इन्शुरन्स का कॉन्सेप्ट भी यही है। यदि डिक्शनरी में इन्शुरन्स का मतलब ढूंढने जाएंगे तो वह होगा - एक ऐसी व्यवस्था, जिसमें कोई संस्था आपको होने वाले किसी भी तरह के नुकसान की भरपायी करती है। फिर चाहे वह बीमारी हो, मौत हो या फिर किसी तरह का अन्य नुकसान। मौत के मामले में चुकाए गए प्रीमियम को बीमित व्यक्ति के परिजनों को लौटा दिया जाता है। इस तरह की सुरक्षा की बढ़ती मांग के चलते ही सबसे पहले लाइफ इन्शुरन्स यानी जीवन बीमा और फिर जनरल इन्शुरन्स का कॉन्सेप्ट सामने आया। शुरुआत में इन्शुरन्स सेक्टर पूरी तरह से सरकार के अंतर्गत था, लेकिन बाद में इसे चलाने के लिए एक अलग संस्था की जरूरत महसूस की गई। इस तरह से इन्शुरन्स रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आईआरडीए) का गठन हुआ।
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