कोविड-19 महामारी की वजह बना कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 अगले एक दशक तक हम इन्सानों के साथ मौजूद रहने वाला है। यह कहना है कोविड-19 की चर्चित वैक्सीन बीएनटी162बी2 बनाने वाली जर्मन कंपनी बायोएनटेक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) उगुर साहिन का। बीते हफ्ते हुई एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह पूछे जाने पर कि आम लोगों का जीवन कब तक सामान्य होगा, उगुर साहिन ने कहा कि यह जानलेवा वायरस आने वाले दस सालों तक इन्सानों के साथ मौजूद रहने वाला है। कॉन्फ्रेंस में साहिन ने कहा, 'हमें सामान्य जीवन की एक नई परिभाषा बनाने की जरूरत है। (क्योंकि) यह वायरस हमारे साथ अगले दस सालों तक रहेगा।'

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उगर साहिन ने यह भी कहा कि उनकी कंपनी की वैक्सीन को यूनाइटेड किंगडम (यूके) में सामने आए कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन वीयूआई 2020/12 के हिसाब से एडजस्ट किया जा सकता है। बायोएनटेक के सीईओ की मानें तो इसके लिए करीब छह हफ्तों का समय लगेगा। यहां बता दें कि बायोएनटेक ने अमेरिका की बड़ी दवा कंपनी फाइजर के साथ मिलकर कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज और रोकथाम के लिए बीएनटी162बी2 नामक कोविड वैक्सीन तैयारी की है, जिसे लेकर दावा है कि यह टीका कोविड-19 के खिलाफ 95 प्रतिशत क्षमता रखता है। रिपोर्टों के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक 45 से ज्यादा देश इस वैक्सीन को कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए अप्रूवल दे चुके हैं। यूके इस वैक्सीन को मंजूरी देने वाला पहला देश है। बाद में अमेरिका, कनाडा समेत दुनिया के कई देशों ने बीएनटी162बी2 को इमरजेंसी अप्रूवल दिया है।

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लेकिन अब यूरोप में कोरोना वायरस का नया म्यूटेशन सामने आ गया है, जिसके बाद इसकी रोकथाम को लेकर तमाम वैक्सीनों की क्षमता पर फिर से विचार किया जा रहा है। इसमें कई मेडिकल विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों और वैक्सीन निर्माताओं ने कहा है कि नया वायरस पिछले स्ट्रेन्स की अपेक्षा ज्यादा जानलेवा नहीं लगता, लिहाजा मौजूदा वैक्सीनों की क्षमता नए म्यूटेशन से प्रभावित नहीं होंगी। इसी मुद्दे पर कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए बायोएनटेक के शीर्ष पदाधिकारी ने कहा, 'सैद्धांतिक रूप से, मैसेंजर टेक्नोलॉजी की खूबी है कि हम एक वैक्सीन को सीधे तौर पर तैयार कर सकते हैं, जो बिल्कुल इस नए म्युटेशन की नकल करती हो। हम तकनीकी रूप से छह हफ्तों के अंदर नई वैक्सीन उपलब्ध करा सकते हैं।' हालांकि साहिन ने यह विश्वास भी जताया कि यूके में पाया गया नया कोविड-19 स्ट्रेन मौजूदा वैक्सीन की क्षमता को प्रभावित नहीं कर पाएगा। गौरतलब है कि सार्स-सीओवी-2 का नया स्ट्रेन वीयूआई 2020/12 दुनियाभर में फैलना शुरू हो गया है। भारत में भी इसका एक संदिग्ध मामला सामने आ चुका है। खबर है कि दक्षिण कोरिया में भी इसके पहले मामले की पुष्टि हो चुकी है। दुनियाभर के वैज्ञानिक अब यह जानने में लगे हुए हैं कि यह पिछले स्ट्रेन्स से ज्यादा जानलेवा है या नहीं।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें 'कोरोना वायरस अगले दस साल तक हमारे साथ रहेगा, सामान्य जीवन की नई परिभाषा की जरूरत' है

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