डायबिटीज के ट्रीटमेंट में इस्तेमाल होने वाली दवा मेटाफॉर्मिन महिलाओं में कोविड-19 से मौत के खतरे को उल्लेखनीय रूप से कम कर सकती है। अमेरिका के यूनिविर्सिटी ऑफ मिनेसोटा मेडिकल स्कूल और यूनाइटेड हेल्थ ग्रुप के शोधकर्ताओं ने अध्ययन कर महिलाओं में कोविड-19 से मरने के कम खतरे और मेटाफॉर्मिन के बीच संबंध होने का पता लगाया है। यह अध्ययन कोविड-19 को लेकर हुई दुनिया के सबसे बड़ी ऑब्जर्वेशनल स्टडी में से एक है। गौरतलब है कि टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों का ब्लड शुगर लेवल बराबर रखने के लिए मेटाफॉर्मिन का इस्तेमाल काफी आम है। यह दवा इन्फ्लेमेशन से जुड़े प्रोटीनों को भी कम करने का काम करती है। इनमें टीएनएफ-अल्फा नामक प्रोटीन भी शामिल है, जिसे लेकर कहा जाता है कि इससे कोविड-19 बीमारी गंभीर हो सकती है।

नए अध्ययन में कोविड-19 के मरीजों में मेटाफॉर्मिन के प्रभाव का पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं ने जनसंख्या विशेष का विश्लेषण किया है। इसमें यूनाइटेडहेल्थ ग्रुप में डी-आइडेंटिफाइड मरीजों से जुड़े डेटा का इस्तेमाल किया गया है। शोधकर्ताओं ने करीब 6,000 टाइप 2 डायबिटीज या मोटापे के मरीजों के मेडिकेशन की जांच की है, जो कोविड-19 के चलते अस्पताल में भर्ती हुए थे। इस विश्लेषण में यह पता लगाया गया कि इन लोगों में कम मृत्यु दर का संबंध मेटाफॉर्मिन के इस्तेमाल से है या नहीं।

(और पढ़ें - फाइजर के बाद अब सिरम इंस्टीट्यूट ने सरकार से कोविड-19 वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति मांगी)

आपके स्वास्थ्य के लिए हमारी myUpchar Ayurveda Madhurodh डायबिटीज टैबलेट आसानी से उपलब्ध हैं। अपना आर्डर आज ही करें, और रक्त शर्करा को नियंत्रित करके स्वस्थ जीवन का आनंद लें!

 

खबर के मुताबिक, इस विश्लेषण में वैज्ञानिकों ने जाना है कि कोविड-19 के चलते जिन डायबिटीज और मोटापे से ग्रस्त महिलाओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, उनमें मेटाफॉर्मिन के कारण कोरोना संक्रमण से मरने का खतरा कम था। अध्ययन की मानें तो अस्पताल में भर्ती होने से पहले ये महिलाएं बीते 90 दिनों से मेटाफॉर्मिन का सेवन कर रही थीं। इसके चलते उनमें कोरोना वायरस से मरने का खतरा 21 प्रतिशत (डायबिटीज) और 24 प्रतिशत (मोटापा) कम था। वहीं, यह दवा नहीं लेने वाली महिलाओं में यह खतरा तुलनात्मक रूप से ज्यादा पाया गया है। इसके अलावा, पुरुषों में किसी भी प्रकार से मृत्यु दर कम होने का कोई स्पष्ट साक्ष्य नहीं मिला है।

(और पढ़ें - कोविड-19: इस नए एंटीवायरल ड्रग से महज 24 घंटों में समाप्त हुआ कोरोना वायरस का ट्रांसमिशन)

इन परिणामों पर अध्ययन से जुड़े शोधकर्ताओं का कहना है कि इस प्रकार की ऑब्जर्वेशनल स्टडी से किसी तरह का निष्कर्ष नहीं निकाला जानी चाहिए। लेकिन इनसे उपचार विशेष से संबंधित साक्ष्य इकट्ठा करने में मदद जरूर मिलती है। इस अध्ययन में किया गया ऑब्जर्वेशन बताता है कि क्यों पुरुषों की अपेक्षा महिला कोरोना मरीजों में कोविड-19 से मरने का खतरा अपेक्षाकृत कम है। स्टडी की मानें तो इसका कारण मेटाफॉर्मिन का सेवन हो सकता है। अब शोधकर्ता इस साक्ष्य को और पुख्ता करने के लिए आगे क्लिनिकल ट्रायल के तहत मेटाफॉर्मिन का ह्यूमन ट्रायल करने जा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने एफडीए के समक्ष आवेदन दिया था, जिसे उसने मंजूरी दे दी है।

(और पढ़ें - कोविड-19 वैक्सीन पर बोले पीएम नरेंद्र मोदी- लंबा नहीं होगा इंतजार, अगले कुछ हफ्तों में तैयार हो सकता है टीका)


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें महिलाओं में कोविड-19 से मौत के खतरे को कम कर सकती है मेटाफॉर्मिन: दि लांसेट है

ऐप पर पढ़ें