पिछले कुछ सालों में दुनियाभर में मोटापा लाइफस्टाइल से जुड़ी सबसे बड़ी बीमारी के रूप में उभरा है। मोटापा सिर्फ वयस्कों में ही नहीं बल्कि बच्चों में भी एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है। अगर बचपन में ही बच्चे में मोटापे की समस्या हो तो वयस्क होने पर भी यह समस्या ठीक नहीं होती और मोटापे के कारण व्यक्ति का शरीर कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ जाता है। 

ऐसे में अगर आपका बच्चा 12 साल से कम उम्र का है तो आपको उसकी बढ़ती हाइट पर नजर रखने की जरूरत है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि हाल ही में हुई एक नई स्टडी में अनुसंधानकर्ताओं ने पाया है कि जो बच्चे अपनी उम्र के हिसाब से अपेक्षाकृत अधिक लंबे होते हैं, उनमें मोटापा बढ़ने का खतरा भी अधिक होता है। इस नई स्टडी को ओबेसिटी नाम के जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

(और पढ़ें : बच्चे की उम्र के अनुसार उसकी लंबाई और वजन का चार्ट)

2-13 साल के 28 लाख बच्चों की जांच की गई
इस स्टडी के दौरान अनुसंधानकर्ताओं ने करीब 28 लाख बच्चों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड की जांच की जिनकी शुरुआत में 2 से 13 साल की उम्र के बीच जांच की गई थी। जब इन बच्चों की दोबारा से जांच की गई औसतन 4 साल बाद (लेकिन 13 साल बाद तक) तो जिन बच्चों की हाइट अधिक थी उनमें कम हाइट वाले बच्चों की तुलना में अधिक बॉडी मास इंडेक्स होने की संभावना पायी गई।

लंबे बच्चों में मोटापे का प्रसार 5 गुना अधिक था
उदाहरण के लिए, स्टडी की शुरुआत में जो बच्चे सबसे पतले थे उनमें दूसरी बार जांच करने पर मोटापे का प्रसार सबसे लंबे बच्चों में, सबसे कम हाइट वाले बच्चों की तुलना में 5 गुना अधिक था (3.1% बनाम 0.6%)। वहीं दूसरी तरफ स्टडी की शुरुआत में ही जिन बच्चों का वजन सबसे अधिक था उनमें दूसरी बार परीक्षण करने पर मोटापे की संबंधित प्रचलित दर 89.5 प्रतिशत बनाम 53.4 प्रतिशत थी। दूसरी बार जांच करने पर लम्बी हाइट और मोटापे के बीच का संबंध उन बच्चों में सबसे अधिक पाया गया जिनकी शुरुआत में जांच की गई थी, जब वे 7 साल से कम उम्र के थे।

(और पढ़ें : मोटापा बढ़ा रहा ब्रेन डैमेज का खतरा, किशोरों में जोखिम अधिक)

12 साल तक के बच्चों की हाइट पर जरूर रखें नजर
इससे पहले भी हाइट और मोटापे को लेकर हो चुकी कई स्टडीज से यह बात पता चली है कि बचपन में बच्चे की हाइट का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और शरीर के मोटापे के साथ सहसम्बद्ध है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के डेविड एक फ्रीडमैन जो इस स्टडी के लीड ऑथर हैं उनका कहना है कि, 'स्टडी से ताल्लुक रखने वाले करीब आधे बच्चों का प्रारंभिक बॉडी मास इंडेक्स इससे स्वतंत्र है, ऐसे में हाइट का इस्तेमाल एक आसान तरीका हो सकता है सटीक रूप से यह वर्गीकृत करने के लिए कौन से बच्चे मोटापे का शिकार होंगे और कौन से नहीं।' 

लिहाजा डॉक्टरों या हेल्थ प्रफेशनल्स को इस बात की पहचान करनी चाहिए कि अगर 12 साल की उम्र से पहले बच्चे की लंबाई उसकी उम्र से अधिक हो रही है तो यह बाद में मोटापे के बढ़ते जोखिम का मार्कर बन सकता है।

(और पढ़ें : मोटापा घटाने के घरेलू उपाय)

बच्चों में इन कारणों से होता है मोटापा
बच्चों में मोटापा होने की मुख्य वजह उनका अधिक खाना और एक्सरसाइज न करना है। इसके अलावा अनहेल्दी डायट जैसे- फास्टफूड का सेवन करना, चीनी वाले पेय पदार्थ जैसे- कोल्डड्रिंक या सॉफ्ट ड्रिंक का अधिक सेवन करना, चिप्स, तले-भुने स्नैक्स, चॉकलेट, केक, मिठाई आदि चीजें अधिक खाने वाले बच्चों में भी मोटापा तेजी से बढ़ता है। 

जिन बच्चों के माता-पिता या परिवार के अन्य सदस्य मोटे होते हैं उन बच्चों में भी मोटापा होने की संभावना अधिक होती है। लेकिन कई बार एक्सरसाइज न करने या शारीरिक गतिविधियों में रुचि न लेने से भी बच्चे का वजन बढ़ने लगता है। अगर बच्चा घर से बाहर निकलकर न खेले और दिनभर टीवी-कम्प्यूटर और मोबाइल के आगे वक्त बिताए तो इससे भी उसका वजन बढ़ता है और मोटापे की समस्या हो सकती है। इसके अलावा जो बच्चे तनाव, बोरियत या नकारात्मक भावना को दूर करने के लिए अधिक खाते हैं उन्हें भी मोटापे की समस्या हो सकती है।

बच्चे को मोटापे से बचाने का तरीका

  • बच्चे को जितना हो सके शारीरिक गतिविधि में शामिल होने के लिए प्रेरित करें
  • बच्चे को पौष्टिक और संतुलित आहार खिलाएं
  • बच्चे को घर के बाहर का खाना, जंक फूड, फास्टफूड आदि से दूर ही रखें
  • बच्चों को बहुत ज्यादा मीठी चीजें जैसे- चॉकलेट, आइसक्रीम, पैकेट वाला जूस, आदि न दें

(और पढ़ें : वजन और मोटापा कम करने के लिए करें ये योगासान)

सम्बंधित लेख

बच्चों में कैल्शियम की कमी क...

Dr. Pradeep Jain
MD,MBBS,MD - Pediatrics
25 वर्षों का अनुभव

बच्चों में हर्निया के लक्षण,...

Dr. Pradeep Jain
MD,MBBS,MD - Pediatrics
25 वर्षों का अनुभव

नवजात शिशु के बाल झड़ना

Dr. Pradeep Jain
MD,MBBS,MD - Pediatrics
25 वर्षों का अनुभव
ऐप पर पढ़ें