हम में से ज़्यादातर लोग कम से कम एक बार जिम जाकर अपना वजन कम करने का ज़रूर सोचते हैं। हम जिम जाना शुरू भी कर देते हैं और पहले कुछ दिनों में अपने वजन को कम करने के लिए उत्साहित भी होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे ये दिलचस्पी कम होने लगती है।

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ऐसे में हमारे पास एक और विकल्प है "योग"। वजन कम करने लिए योगासन बहुत प्रभावी होते हैं। योग अच्छे स्वास्थ्य के लिए सर्वश्रेष्ठ है और हमारे शरीर के लिए उपयोगी भी है। यह न केवल मांसपेशियों को मजबूत करता है, बल्कि यह पाचन शक्ति बढ़ाने का उपाय भी है। योग के अनुसार, हमारी वर्तमान जीवनशैली सभी प्रकार की मानसिक और शारीरिक बीमारी के पीछे सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है और मोटापा बढ़ने के लिए तो खास तौर से।

आज इस लेख में आप वजन घटाने में मदद करने वाले योगासनों के बारे में जानेंगे -

(और पढ़ें - वजन घटाने के आसान तरीके)

  1. मोटापा कम करने के लिए योगासन क्यों है फायदेमंद - How Yoga helps reduce weight in hindi
  2. मोटापा कम करने के लिए लाभदायक हैं पवन्मुक्तासन शृंखला - Pawanmuktasana series helps reduce weight in Hindi
  3. वजन कम करने के लिए फायदेमंद है शक्ति बँध शृंखला - Shakti Bandha series helps reduce obesity in Hindi
  4. मोटापा कम करने में लाभदायक है वज्रासन शृंखला - Vajrasana series to get rid of obesity in Hindi
  5. मोटापा घटाएं प्राणायाम की मदद से - Pranayama for obesity in Hindi
  6. वजन घटाने के लिए करें सूर्य नमस्कार - Surya namaskar for weight loss in Hindi
  7. वजन कम करने के लिए करें वीरभद्र आसन - Virabhadrasana for weight loss in Hindi
  8. वजन कम करने के लिए योगासन है त्रिकोणासन - Trikonasana for weight loss in Hindi
  9. वजन घटाने के लिए करें धनुरासन - Dhanurasana for weight loss in Hindi
  10. पतला होने के लिए करें अर्ध चक्रासन - Ardha Chakrasana for losing weight in Hindi
  11. वजन कम करें पादहस्तासन से - Padahastasana for weight loss in Hindi
  12. वजन घटाने के लिए योगासन है अर्ध चंद्रासन - Ardha Chandrasana for weight loss in Hindi
  13. वजन कम करने के लिए हलासन करें - Halasana for losing weight in Hindi

योग में भौतिक शरीर को "अन्न्मय कोष" कहा जाता है (पाँच में से एक कोष)। अन्न यानी जो हम खाते हैं, तो इसका मतलब कि योग में हमारे भौतिक शरीर का सीधा संबंध हम जो खाते हैं उस से होता है। इसलिए, भोजन भौतिक शरीर का सार है और इसी कारण से, भोजन शरीर के लिए दवा भी है। खाने से जीवन मिलता है, और अंत में हर जीवन अगले जीवन के लिए सामग्री है। इस ही तरह जीवन का पहिया चलता रहता है।

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योग के अनुसार, अन्न न केवल हमारे भोजन के दौरान उपभोग किए जाने वाला पदार्थ है जो हमारे आहार प्रणाली में पचाया जाता है; यह वह पोषण भी है जो जीवन को कायम रखता है। उदाहरण के तौर पे, भोजन हमारे सोच और विचारों को, हमारी भावनाओं को, और अपने आप व दूसरों के साथ रिश्तों को पोषण देता है।

इसलिए, जब हम योग में मोटापे की बात करते हैं, तो हम न केवल भौतिक शरीर पर ध्यान देते हैं, बल्कि हमारे अस्तित्व के सभी पहलुओं पर ध्यान देते हैं। और जिस तरह से हम उन्हें पोषण देते हैं और उन्हें लामबंद करते हैं, उस पर भी ध्यान दिया जाता है। इस कारण से, शरीर के वजन को बनाए रखने के लिए केवल विशेष डाइयेट, या केवल जीवन शैली में बदलाव या केवल एक्सर्साइज़ पर्याप्त नहीं है। चेतना के स्तर पर ध्यान देना भी जरूरी है, जिसको योग में मानसिक ऊर्जा कहते हैं, और अन्य पहलुओं पर जो इस शक्ति या ऊर्जा के लिए सहायक हैं।

(और पढ़ें - कमर कम करने के योगासन)

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अधिक मोटापा कम करने के लिए सबसे अच्छे आसन हैं पवन्मुक्तासन श्रृंखला के आसन। यह श्रंखला पाचन तंत्र के लिए बहुत लाभदायक होती है, और पेट, कूल्हों व जांघों से अतिरिक्त वसा को दूर करने, और निचले प्राणिक केंद्रों में ऊर्जा को सक्रिय करने में मदद करती है। इसमें शामिल हैं: उत्तानपादासन, चकरा पादासान, पद्द सभांचलान और नावासन। पेट की मांसपेशियों (जो आम तौर से मोटापे के शिकार लोगों में कमज़ोर होती हैं) को मजबूत करने के लिए ये सभी आसन बहुत अच्छे हैं। पवन्मुक्तासन शृंखला के हर आसन को 1 मिनिट के लिए करें, और जैसे अभ्यास बढ़ने लगे, इसे ज़्यादा देर कर सकते हैं।

(और पढ़ें - जाँघों और कूल्हों को कम करने के लिए योग)

शक्ति बँध शृंखला के आसन भी मोटापे को कम करने में प्रभावी हैं। गत्यात्मक मेरु वक्रसान, चक्की चलाना, और नौका चलाना जैसे आसन पेट के अंगों की मालिश करते हैं और उनके आसपास संग्रहीत अतिरिक्त वसा को गलाने में मदद करें। ये आसन पेट व पैल्विक क्षेत्र में ऊर्जा अवरोधों को खत्म करने और मणिपुर चक्र (जो कि इच्छा-शक्ति व आत्म-मुखरता का स्रोत है, और जो हमारे सभी चयापचय प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है) को अपना काम करने में मदद करते हैं। शक्ति बँध शृंखला के हर आसन को 1 मिनिट के लिए करें, और जैसे अभ्यास बढ़ने लगे, इसे ज़्यादा देर कर सकते हैं।

(और पढ़ें - पेट की चर्बी कम करने के योगासन)

वज्रासन श्रृंखला से हम कुछ सहायक आसन चुन सकते हैं जैसे कि स्वयं वज्रासनमार्जरी आसन, सिंहासन, बालासन, शशांक-भुजंगासन और उष्ट्रासन। यह सभी आसन यौन अंगों को टोन करने और यौन ऊर्जा को संतुलित करने के लिए बहुत शक्तिशाली हैं जो की आमतौर से मुटापे से जूझते व्यक्ति में कम हो जाती हैं। यह आसान पाचन और अंतःस्रावी तंत्र को मजबूत करने में भी मदद करते हैं। वज्रासन शृंखला के हर आसन को 1 मिनिट के लिए करें, और जैसे अभ्यास बढ़ने लगे, इसे ज़्यादा देर कर सकते हैं।

(और पढ़ें - कमर पतली करने के उपाय)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Medarodh Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को वजन कम करने के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
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मोटापे को कम करने के लिए प्राणायाम भी चयापचय को उत्तेजित करके मदद करता है। इनमें शामिल हैं: भस्त्रिकाकपालभाती और सूर्यभेदी, जो कि नाडी शोधन जैसी संतुलन करने वाली क्रिया के साथ किए जाते हैं। शीतली और शीतकारी आराम देने वाले प्राणायाम हैं जो विभिन्न हाइपोथैलेमिक केंद्रों को प्रभावित करते हैं। हाइपोथैलेमिक केंद्र प्यास पर नियंत्रण करती हैं और स्वस्थ मात्राओं में भोजन करने पर संतुष्टि की भावना देती हैं।

(और पढ़ें - प्राणायाम के लाभ)

सूर्य नमस्कार को वजन घटाने में बहुत प्रभावी माना जाना जाता है। सूर्य नमस्कार 12 योग आसन की एक श्रृंखला होती है, जो एक के बाद एक सूर्य नमस्कार के 12 आसानो के साथ की जाती है। सभी आसन एक विशेष क्रम में और सही तकनीक के साथ किए जाने चाहिए। यह आसान आपका वजन घटाने में बहुत सहायक हैं और आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

(और पढ़ें - पेट की चर्बी कम करने के उपाय)

मोटापा कम करने में सूर्य नमस्कार अती सक्षम है। सूर्य नमस्कार अपने आप में एक पूर्ण अभ्यास है क्योंकि इसमें आसन, प्राणायाम, मंत्र और ध्यान सभी शामिल हैं। इस अभ्यास का अंतःस्रावी और तंत्रिका तंत्र पर एक अनूठा प्रभाव होता है। इससे चयापचय असंतुलन को सही करने में मदद मिलती है जो कि मोटापे का कारण है और वजन कम करने में बाधा लाता है। एक गतिशील अभ्यास होने के नाते, यह साइकिल चालन, जॉगिंग या तैराकी के समान एक उत्कृष्ट अभ्यास भी है।

सूर्य नमस्कार 5 से 8 बार करें, और जैसे अभ्यास बढ़ने लगे, इसे ज़्यादा बार कर सकते हैं।

(और पढ़ें - सूर्य नमस्कार करने का तरीके)

वीरभद्र आसन (warrior pose) वजन कम करने के लिए एक बहुत प्रभावी आसन है। सबसे पहले अपने दोनों पैरों पर सीधे खड़े हो जाएं। ध्यान रहे कि दोनों पैरों के बीच कम से कम 3 से 4 फीट की दूरी रहे। अब धीरे धीरे अपने हाथों को अपने सिर के ऊपर ले जाएं और खींचें। दोनों हाथों को एक साथ जोड़ें। अब अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को बाईं ओर मोड़ें। अपने दाहिने घुटने को मोड़ें और अपने पेट की मांसपेशियों में खिंचाव महसूस करें। कुछ मिनट के लिए इसी मुद्रा में रहें। अब अपनी दाईं दिशा में दोहराएँ। यह आसन कंधे में दर्द को दूर करता है। यह आपके हाथों और पीठ के निचले हिस्से को मज़बूत बनाता है। यह आसन आपकी भुजाओ और कंधों को भी टोन करता है।

(और पढ़ें - वीरभद्रासन करने का तरीके)

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त्रिकोणासन (Triangle Pose) पीठ और पाचन समस्याओं में मदद करता है। इस आसन को करने के लिए अपने पैरों के बीच उचित दूरी बनाकर, सीधे खड़े हो जाएँ। अपने दाहिने पैर को थोड़ा सा दाएं ओर घुमाए और अपने बाएं पैर को 90 डिग्री पर ले जाएं। एक गहरी सांस लें, सांस बाहर की ओर छोड़ते हुए अपने शरीर को दाहिने तरफ मोड़ें, कूल्हों से नीचे की तरफ झुकें, कमर को सीधा रखते हुए, दाहिने हाथ को नीचे ज़मीन की तरफ ले जाएं और अपने बाएं हाथ को ऊपर हवा में उठाएं। इस प्रकार अपने दोनों हाथों को एक सीध में रखें। अब अपने सिर को बाएं हाथ की ओर मोड़ें। 30 सेकंड के लिए इस मुद्रा को बनाए रखें। 

(और पढ़ें - त्रिकोणासन करने का तरीके)

अपने पेट के बल ज़मीन पर लेट जाएं। सांस भरते हुए छाती को ज़मीन से उपर उठाएं और पैरों को कमर की ओर खींचें। अपने हाथों को पीछे लाएं और धीरे धीरे अपने पैरों को उठाएं और उन्हें अपने नितंबों के पास लाएं। घुटनों को मोड़ कर कमर के पास लाएं और सांस छोड़ते हुए अपने पैरों को हाथों से पकड़ें। 30 सेकंड के लिए ऐसे ही रहें। धनुरासन (Bow Pose) आपके हाथ, पैर, जांघों और आपके पेट की मांसपेशियों को मज़बूत करता है, इस प्रकार पेट के वसा को कम करने में सक्षम होता है। 

(और पढ़ें - धनुरासन करने का तरीके)

अर्ध चक्रासन (Half Wheel Pose) के लिए, आपको सीधा खड़ा होकर, अपने पैरों को नज़दीक रखने की ज़रूरत है। अब आप अपने हाथों को फैलाएं और उन्हें अपने सिर के उपर से पीछे की ओर ले जाएं। अपनी बाहों को पीछे की और मोड़ें, हथेलियों को एक दूसरे के सामने रखे और अपने शरीर के निचले हिस्से को आगे की ओर झुकाएं। सुनिश्चित करें कि आपकी कोहनी सीधी रहे और आपकी बाहें आपके कान के समानांतर रहें। थोड़ी देर के लिए श्वास लें और छोड़ें और फिर अपनी असली स्थिति में लौट आएं। यह आसन आपके पेट की मांसपेशियों और पीठ को मज़बूत बनाने में सहायक होता है। यह आपके शरीर को एक बेहतर आकार भी देता है। 

(और पढ़ें - अर्ध चक्रासन करने का तरीके)

पादहस्तासन (Hand Under Foot Pose) के लिए, आपको सीधे खड़े होने की ज़रूरत है। अपने कूल्हों से झुकें और अपनी अंगुलियों के साथ अपने पैरों को स्पर्श करें। अपने पैरों के नीचे अपनी हथेलियों को रखने की कोशिश करें। कुछ सेकंड के लिए ऐसे ही रहें और फिर इन्हें मुक्त कर दें। जैसे आप नीचे की ओर झुकते हैं, आपके पेट पर दबाव पड़ता है और आपका पेट टोन होता है। यह आसान आपको लचीला बनाने और आपके पाचन में भी सुधार लाने में मदद करता है। 

(और पढ़ें - पादहस्तासन करने का तरीके)

अर्ध चंद्रासन (Half Moon Pose) आपके हाथ, पैर और नितंबों को को टोन करने में मदद करता है। इसके लिए, आपको सीधा खड़ा होकर, अपने दाहिने हाथ को स्ट्रेच करने की ज़रूरत है। अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को दाहिनी ओर ले जाएँ और तब तक झुकाएं जब तक आपका दाहिना हाथ ज़मीन को ना छू ले। अब हवा में अपने बाएं पैर और बाएं हाथ को ऊपर की तरफ उठाइए। कुछ सेकंड के लिए इसी मुद्रा में रहें। यह विशेष रूप से आपके पैरों और कूल्हे क्षेत्र के लिए अच्छा है। 

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए योग)

हलासन (Plow Pose) के लिए अपनी पीठ के बल लेट जाएं। अपने पैरों को एक दूसरे से मिलाएं और उन्हें ऊपर की तरफ धीरे-धीरे ले जाएं। अब ज़मीन पर अपनी हथेलियों को रखें और धीरे-धीरे ऊपर की ओर अपनी कमर और पैरों को उठाएं। अब आप अपने निचले शरीर को पीछे की ओर मोड़ लें और अपने सिर के ऊपर अपने पैरों को आने दें। अपने पैरों को सीधा रखें और ज़मीन को पैर के अंगूठे से स्पर्श करें। अब धीरे धीरे अपने हाथों को सिर से ऊपर और पैर की अंगुलियों को बाहर की ओर लाएं। कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रहने के बाद धीरे धीरे अपनी पीठ और पैरों को ज़मीन से लगाएं। यह आसन पेट की मांसपेशियों को मज़बूत बनाने में सहायक होता है। यह पाचन तंत्र को भी कुशल बनाने में बहुत प्रभावी है। यह वजन कम करने के लिए और रीढ़ की हड्डी के रोगों से पीड़ित लोगों के लिए भी अच्छा है। 

(और पढ़ें - हलासन करने के तरीके)

इन बातों का खास तौर से ध्यान रखें:

  1. याद रहे की योगाभ्यास से आराम निरंतर अभ्यास करने के बाद ही मिलता है और धीरे धीरे मिलता है।
  2. आसन से जोड़ों का दर्द बढे नहीं, इसके लिए अभ्यास के दौरान शरीर को सहारा देने वाली वस्तुओं, तकियों व अन्य उपकरणों की सहायता जैसे ज़रूरी समझें वैसे लें।
  3. अपनी शारीरिक क्षमता से अधिक जोर न दें। अगर दर्द बढ़ जाता है तो तुरंत योगाभ्यास बंद कर दें और चिकित्सक से परामर्श करें।
  4. यह ज़रूर पढ़ें: योग के नियम
 

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