प्राचीन काल से ही सिख धर्म में नाम रखने की प्रथा चलती आ रही है। सिख धर्म में लड़की का ऐसा नाम रखने पर ध्यान दिया जाता है, जिसका अच्छा मतलब निकलता हो। सिख धर्म में ऐसी प्रक्रिया बनाई गई है, जिसमें लड़की का एक अच्छा नाम चुना जाता है। जीवन में लड़की के नाम से ही उसको एक विशेष पहचान मिलती है। सिख धर्म में नामकरण की प्रक्रिया इसीलिए चलाई गई थी, ताकि व्यक्ति को अन्य सभी लोगों से परे एक खास पहचान मिल सके। भारत सहित विश्व के अन्य देशों में भी सिख धर्म से जुड़े लोगों द्वारा कई दशकों से नामकरण किया जा रहा है। सिख धर्म के अनुसार किसी बच्चे का प्रभाव समाज में अच्छा और आकर्षक हो, इसके लिए सिख धर्म के आधार पर लड़की के नाम का मतलब खास होना चाहिए। माना जाता है कि अर्थपूर्ण नाम से ही लड़की को समाज में प्रतिष्ठा मिलती है। उ अक्षर नाम की लड़की दूसरों पर सकारातमक असर छोड़ सकती हैं। सिख धर्म से जुड़े लोग मानते हैं कि लड़की का स्वभाव ज्यादातर उसके नाम से मेल खाता है। आपकी अच्छाई व बुराई, स्वभाव और आपकी वाणी कैसी है, इन बातों की झलक आपके नाम के पहले अक्षर या‍नी उ अक्षर में दिख जाती है। सिख धर्म में माना जाता है कि जिस लड़की के नाम का पहला अक्षर उ है, वे सफलता को हासिल करके ही दम लेती हैं। ये पूरी हिम्मत और साहस के साथ चुनौतियों का मुकाबला करती हैं। लड़की का जन्म होने के बाद उसका नाम रखना सिख धर्म में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। लड़की का नाम उसके माता-पिता बहुत ध्यान से रखते हैं। माता-पिता अक्सर शिशु का ऐसा नाम रखते हैं जिसका कोई खास मतलब निकलता हो, क्योंकि माना जाता है कि एक अच्छा नाम लड़की के स्वभाव और उसके भविष्य से संबंधित होता है।

नाम अर्थ
उत्तमलिव
(Uttamliv)
परमेश्वर के प्रेम में लीन
उत्तामलीन
(Uttamleen)
परमात्मा के प्रेम में डूबे
उज्जलरूप
(Ujjalroop)
एक शुद्ध और अलबेला व्यक्ति
उजाला
(Ujaala)
जो प्रकाश radiates, तेज

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