ट्रेकियो ब्रोंकाइटिस - Tracheo Bronchitis in Hindi

Dr. Nabi Darya Vali (AIIMS)MBBS

November 25, 2020

September 02, 2021

ट्रेकियो ब्रोंकाइटिस
ट्रेकियो ब्रोंकाइटिस

विंडपाइप में सूजन आ जाने से ट्रेकियो ब्रोंकाइटिस की समस्या होती है। ट्रेकियो ब्रोंकाइटिस में कई तरह की समस्याएं होती हैं। इसमें रोगी को खांसी, बुखार और प्रूलेंट (मवाद से युक्त) बलगम आने की दिक्कत होती है। इसे श्वसन पथ के संक्रमण की स्थिति के रूप में जाना जाता है। यह संक्रमण वायरल या बैक्टीरियल हो सकता है। इसके अलावा यह कई अन्य कारणों जैसे सिगरेट के धुएं आदि से भी हो सकता है। ब्रोंकी वह वायुमार्ग होता है, जो श्वासनली से होते हुए फेफड़ों में जाती है। विंडपाइप और ब्रोंकी दोनों ही फेफड़ों तक हवा ले जाने का कार्य करती हैं, इसलिए इनमें सूजन आ जाने के कारण सांस लेने में कठिनाई और गंभीर रूप से खांसी आने की समस्या हो सकती है। ट्रेकियो ब्रोंकाइटिस की स्थिति एक्यूट मानी जाती है, जिसका अर्थ है कि इसका प्रभाव केवल कुछ हफ्तों तक ही रहता है।

चूंकि यहां ट्रेकियो ब्रोंकाइटिस का जिक्र किया जा रहा है ऐसे में एक सवाल उठता है कि यह अन्य प्रकार के ब्रोंकाइटिस की समस्या से कितना भिन्न होता है? आइए समझते हैं। ब्रोंकाइटिस मुख्यरूप से दो प्रकार के होते हैं- एक्यूट और क्रोनिक। जैसा कि ऊपर बताया गया है कि यह एक्यूट स्थिति है, इसका अर्थ है कि रोगी के लक्षणों का उपचार करके उसे आरामदायक अनुभव दिया जा सकता है। जिन लोगों को बैक्टीरियल संक्रमण के कारण यह समस्या होती है, उनके इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाओं को प्रयोग में लाया जाता है।

क्रोनिक ब्रोंकाइटिस सामान्य रूप से सिगरेट के धुएं, धूल या धुएं के संपर्क में आने के कारण होती है। इसमें उपचार के साथ लक्षणों को कम जरूर किया जा सकता है, लेकिन क्रोनिक ब्रोंकाइटिस को ठीक करने का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है।

इस लेख में हम ट्रेकियो ब्रोंकाइटिस के लक्षण, कारण और इलाज की प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

ट्रेकियो ब्रोंकाइटिस के लक्षण- Tracheo Bronchitis Symptoms in Hindi

जिन लोगों को ट्रेकियो ब्रोंकाइटिस की समस्या होती है, उनमें निम्नलिखित लक्षणों को देखा जा सकता है।

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ट्रेकियो ब्रोंकाइटिस का कारण - Tracheo Bronchitis Causes in Hindi

ट्रेकियो ब्रोंकाइटिस आमतौर वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होता है। वायरल संक्रमण तो अपने आप ही ठीक हो जाता है, जबकि बैक्टीरियल संक्रमण की स्थिति में एंटीबायोटिक उपचार की आवश्यकता पड़ सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह समस्या एलर्जी के कारण भी हो सकती है, ऐसे में आपको उन चीजों से दूर रहना चाहिए जो एलर्जी का कारण बन सकती हों। यदि किसी व्यक्ति को ट्रेकियो ब्रोंकाइटिस की समस्या किसी एलर्जी के कारण हुई है लेकिन उसे एलर्जन यानी एलर्जी के कारकों के बारे में जानकारी नहीं है तो इस बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें, जिससे ​भविष्य में इस समस्या को होने से रोका जा सके।

इसके अलावा जो लोग धूल या धुएं के संपर्क में रहते हैं या फिर बहुत अधिक धूम्रपान करते हैं उनको ब्रोंकाइटिस होने का खतरा अधिक रहता है। एक्यूट ट्रेकियो ब्रोंकाइटिस की स्थि​ति में जटिलताओं के विकसित होने का खतरा तो होता है, लेकिन ऐसे मामले बहुत ही कम देखने को मिलते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में लोगों को निमोनिया की शिकायत जरूर देखने को मिली है।

ट्रेकियो ब्रोंकाइटिस का निदान- Diagnosis of Tracheo Bronchitis in Hindi

जैसा कि उपरोक्त पंक्तियों में बताया गया है कि ट्रेकियो ब्रोंकाइटिस की समस्या कई कारणोंं से हो सकती है, संक्रमण भी इसका एक कारण हो सकता है। जिन लोगों को संक्रमण के कारण यह समस्या होती है उनमें संकेतों के आधार पर स्थिति का निदान किया जाता है। बीमारी के पहले कुछ दिनों के दौरान इसके लक्षण सामान्य सर्दी की तरह ही होते हैं।

यदि डॉक्टर को ट्रेकियो ब्रोंकाइटिस का शक है तो वह रोगी से लक्षणोंं के बारे में जानने के साथ आवश्यकतानुसार कुछ शारीरिक परीक्षण कर सकते हैं। यदि रोगी को बुखार या खांसी की समस्या हो रही है तो निमोनिया की पुष्टि करने के लिए चेस्ट एक्स-रे कराने की सलाह दी जा सकती है।

ट्रेकियो ब्रोंकाइटिस का इलाज - Tracheo Bronchitis Treatment in Hindi

ट्रेकियो ब्रोंकाइटिस का इलाज इसके कारणों के आधार पर किया जाता है। यदि रोगी को वायरल संक्रमण के कारण यह समस्या है तो इलाज का पहला लक्ष्य लक्षणों को नियंत्रित करना होता है। इस दौरान रोगी को अधिक से अधिक मात्रा में तरल पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है। खांसी जैसी समस्याओं के इलाज के रूप में डॉक्टर आपको कुछ दवाएं दे सकते हैं। ऐसा भी देखने को मिला है कि आसानी से सांस लेने और बलगम को कम करने में ह्यूमिडिफायर भी कुछ लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

जिन लोगों को बैक्टीरियल संक्रमण के कारण यह समस्या होती है, उन्हें एंटीबायोटिक दवाओं की आवश्यकता हो सकती है। इसके अलावा लक्षणों को कम करने में इस स्थिति में भी उपरोक्त सभी तरीके प्रभावी माने जाते हैं।

वहीं जिन लोगों को क्रोनिक ब्रोन्काइटिस की समस्या है, उन्हें फेफड़ों के कार्य में बाधा पहुंचाने वाली चीजों से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है। उदाहरण के लिए जो लोग धूम्रपान करते हैं, उन्हें तुरंत धूम्रपान छोड़ने की सलाह दी जाती है। रोगियों को आवश्यकतानुसार एंटी इंफ्लामेटरी दवाएं, इनहेलर और ऑक्सीजन भी दिया जा सकता है।

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