गले में खराश - Itchy Throat in Hindi

Dr. Nabi Darya Vali (AIIMS)MBBS

August 14, 2018

December 20, 2023

गले में खराश
गले में खराश

गले में खराश होना क्या है?

गले में खराश होना एलर्जी, एलर्जिक रिएक्शन या किसी बीमारी का शुरुआती संकेत हो सकता है। कुछ प्रकार के उत्तेजक पदार्थ हैं जिनको सांस द्वारा अंदर लेने से वे गले में परेशानी पैदा कर देते हैं और जिससे गले में खुजली और बेचैनी पैदा हो जाती है। गले में खराश कई अलग-अलग स्थितियों का संकेत भी हो सकता है जिसमें एलर्जी और जुकाम भी शामिल है।

गले में खिचखिच के लक्षण असुखद और अप्रिय होते हैं। ये लक्षण आमतौर पर चिंताजनक नहीं होते और आप घर पर ही इनका इलाज कर सकते हैं। हालांकि गले में खराश के साथ-साथ होने वाले कुछ लक्षण किसी गंभीर स्थिति का कारण भी बन सकते हैं। गले में खराश होने से बचाव रखने के लिए धुएं व धूल से बचना जरूरी होता है।

इसका परीक्षण क्लीनिकल लक्षणों पर आधारित होता है और कभी-कभी खून टेस्ट करने की भी आवश्यकता पड़ सकती है। इसका उपचार इसके कारणों पर निर्भर करता है, इसके उपचार में एंटिबायोटिक्स, एनाल्जेसिक, एंटी-एलर्जिक और स्टेरॉयड्स दवाएं शामिल हैं। घरेलू उपचारों में नमक वाले गर्म पानी के साथ गरारे करना, पर्याप्त मात्रा में सादा पानी पीना और बेड रेस्ट करना आदि शामिल है।

(और पढ़ें - गले में दर्द की दवा)

गले में खराश के लक्षण - Itchy Throat Symptoms in Hindi

गले में खराश किस कारण से होती है?

अक्सर ऐसी स्थिति में मरीज को गले में खराश के साथ-साथ अन्य लक्षणों से भी निपटना पड़ता है। गले में खिच खिच के साथ-साथ होने वाले लक्षण इस समस्या के कारण के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं।

एलर्जी के कारण होने वाली गले में खराश के साथ-साथ अक्सर निम्न लक्षण भी दिखाई देते हैं:

गले में खराश जब खाद्य पदार्थों से एलर्जी के कारण होती है तो गले में खराश के साथ कई अन्य लक्षण भी विकसित हो जाते हैं जिसमें सौम्य (बेहद कम) से लेकर ऐसे गंभीर लक्षण शामिल हो सकते हैं जिन्हें आपातकालीन मेडिकल उपचार की आवश्यकता पड़ सकती है।

दवाओं व खाद्य पदार्थों से एलर्जी के साथ होने वाली गले की खराश के साथ-साथ निम्न लक्षण भी हो सकते हैं:

हालंकि अगर गले में खराश किसी तीव्र बीमारी के कारण हुई है तो यह अक्सर थोड़े से समय के लिए होती है और निम्न प्रकार के कुछ लक्षणों के साथ होती है:

जब गले में खराश निर्जलीकरण (पानी की कमी) के कारण होती है, तो इसके साथ अन्य लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं:

यदि रिफ्लक्स या सीने में जलन जैसी समस्याओं के कारण गले में खराश हो रही है तो इसके साथ निम्न लक्षण महसूस हो सकते हैं:

  • निगलने में कठिनाई या दर्द महसूस होना
  • कंठनली (जिसे अंग्रेजी में "वॉइस बॉक्स" कहते हैं) में सूजन
  • दांतों की सुरक्षात्मक परत (एनेमल) कमजोर होना
  • गले व सीने में जलन जैसी सनसनी
  • पेट में गैस बनना
  • मसूड़ों में सूजन
  • मुंह का स्वाद बिगड़ना

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

गले में खिचखिच की स्थिति की जांच करने के लिए हर बार डॉक्टर को दिखाने की जरूरत नहीं होती। वास्तव में अच्छे से देखभाल करने से यह स्थिति अच्छी प्रतिक्रिया देने लगती है।

यदि गले में खराश और उसके साथ के लक्षण लगातार 10 दिन से अधिक दिन तक बने रहते हैं, अधिक बदतर हो गए हैं या घरेलू उपचारों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे तो डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए।

यदि आपके गले में खराश है या निम्न में से कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है तो डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए:

गले में खिचखिच के कारण - Itchy Throat Causes in Hindi

गले में खराश क्यों होती है?

ऐसी कई स्थितियां हैं जो गले में खराश व अन्य परेशानियां पैदा कर देती हैं, जैसे:

बैक्टीरियल संक्रमण​ -

बैक्टीरियल संक्रमण के कारण भी गले में खराश पैदा हो जाती है, यह निम्न समस्याओं से हो सकती है:

वायरल संक्रमण

कुछ प्रकार के वायरल इन्फेक्शन के कारण भी गले में खराश हो सकती है जैसे:

  • सामान्य सर्दी जुकाम, यह वायरल संक्रमण में सबसे सामान्य प्रकार का संक्रमण होता है।
  • कंठनली (जिसे अंग्रेजी में "वॉइस बॉक्स" कहते हैं) में संक्रमण। 
  • मोनोन्यूक्लिओसिस (Mononucleosis) – एक वायरल संक्रमण जिसके कारण स्थिर रूप से गले में दर्द पैदा हो जाता है।
  • अन्य वायरल संक्रमण जैसे मम्पस और इन्फ्लूएंजा

निर्जलीकरण -

  • जब शरीर उतना तरल बाहर निकाल रहा हो, जितना वह ले भी नहीं पा रहा हो तो इस स्थिति में निर्जलीकरण (पानी की कमी) की समस्या हो जाती है। निर्जलीकरण की समस्या आमतौर पर गर्म तापमान, व्यायाम करने के बाद या फिर किसी बीमारी से होती है।
  • निर्जलीकरण से मुंह सूख जाता है, यह एक अस्थायी स्थिति होती है जिसमें मुंह व गले में पर्याप्त मात्रा में लार नहीं होती। इसके कारण गले में खराश जैसा अनुभव होने लगता है। (और पढ़ें - पानी की कमी को दूर करने के लिए ज़रूर खाएँ ये फल)

उत्तेजक या चोट आदि -

अगर गले का दर्द एक हफ्ते से भी ज्यादा समय तक रहता है तो यह अक्सर किसी उत्तेजक पदार्थ या चोट आदि के कारण होता है, जिनमें निम्न शामिल हो सकते हैं:

  • धूम्रपान, वायु प्रदूषण, चिल्लाने, नाक का द्रव गले में बहने या नमी की कमी के कारण गले में खराश होना। (और पढ़ें - धूम्रपान छोड़ने के घरेलू उपाय)
  • जब आपको एलर्जी हो या आपकी नाक रुकी हुई हो तो उस समय मुंह से सांस लेना।
  • पेट के एसिड जो वापस गले में आ जाते हैं, जो एसिड भाटा रोग या गर्ड (GERD) के लक्षण भी हो सकते हैं। हालांकि यह रोग अक्सर सीने में जलन, मुंह का अम्लीय स्वाद या खांसी आदि समस्याओं के साथ होता है, कभी-कभी सिर्फ गले में दर्द या खराश ही अकेला लक्षण होता है।
  • किसी नुकीली वस्तु पर गिरने आदि के परिणास्वरूप गले के अंदर किसी प्रकार के कट या छेद जैसी चोट लगना।

(और पढ़ें - चोट लगने पर क्या करें)

दवाओं के साइड इफेक्ट्स -

  • कुछ प्रकार की दवाएं हैं जो सूखी खांसी और गले में खराश जैसी समस्याएं पैदा कर देती हैं, जो किसी प्रकार के एलर्जिक रिएक्शन के कारण नहीं होती।
  • जो लोग हाई ब्लड प्रेशर के लिए एसीई अवरोधक (ACE inhibitor;Captopril) दवाएं लेते हैं, उनको यह पता होना चाहिए कि एसीई इनहिबिटर दवाएं गले में खराश और सूखी खांसी जैसी समस्याएं पैदा कर सकती है।
  • अक्सर, ये लक्षण एसीई इनहीबिटर शुरू करने के तुरंत बाद शुरू होते हैं और गले में खराश से संबंधित किसी अन्य लक्षण के साथ जुड़े नहीं होते।

गले में खराश का खतरा कब बढ़ जाता है? 

हालांकि गले में खि खिच किसी को भी हो सकती है, कुछ कारक ऐसे हैं जो आपको गले में खराश की समस्या के प्रति अतिसंवेदनशील बनाते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं:

  • कमजोरी प्रतिरक्षा प्रणाली - यदि आपकी रोग प्रतिरोध क्षमता कमजोर है तो आप संक्रमणों के प्रति अतिसंवेदनशील हो जाते हैं। प्रतिरक्षा को कमजोर बनाने वाले सामान्य कारण जिनमें एचआईवी, डायबिटीज, स्टेरॉयड या कीमोथेरेपी से उपचार करना, तनाव, थकान और खराब आहार आदि शामिल हैं। (और पढ़ें - कमजोरी दूर करने के घरेलू नुस्खे)
  • उम्र - बच्चें और युवाओं में गले की खराश पैदा होने की संभावनाएं अधिक होती है। छोटे बच्चों के गले में खराश होने की संभावनाएं सबसे ज्यादा होती हैं गले में खराश के साथ सामान्य बैक्टीरियल इन्फेक्शन भी जुड़ा हो सकता है।
  • तंबाकू या धूम्रपान के संपर्क में आना - धूम्रपान करना या किसी धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के धुंए के संपर्क में आना भी गले में परेशानियां पैदा कर सकता है। (और पढ़ें - सिगरेट पीने के नुकसान)
  • साइनस में संक्रमण (दीर्घकालिक या बार-बार होने वाला) - नाक से बहने वाला द्रव यदि गले के अंदर बहने लगे तो यह गले में खराश पैदा कर सकता है और संक्रमण को फैला सकता है।
  • भीड़ वाली जगह - जहां पर लोग इकट्ठा होते हैं वहां पर बैक्टीरियल और वायरल इन्फेक्शन आसानी से फैल सकता है, जैसे क्लासरूम, ऑफिस या बालकों का देखभाल केंद्र आदि।
  • केमिकल उत्तेजकों के संपर्क में आना - जलते हुए डीजल, केरोसीन या घरेलू केमिकल के कण वाली हवा में सांस लेने से भी गले में खराश पैदा हो जाती है।

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गले में खिचखिच के बचाव के उपाय - Prevention of Itchy Throat in Hindi

गले में खराश की रोकथाम कैसे करें?

कुछ ऐसे स्टेप्स हैं जिनकी मदद से गले में खराश होने की स्थिति की रोकथाम करने में मदद की जा सकती है। ये स्टेप्स गले में खराश के कारण पर निर्भर होते हैं।

ज्यादातर लोगों नें पाया है कि वे ये निम्न तरीके अपना कर गले में खराश विकसित होने के जोखिम को कम कर सकते हैं:

  • घर के दरवाजे व खिड़कियां खुले ना छोड़ना
  • खूब मात्रा में पानी पीना (और पढ़ें - शरीर के वजन के हिसाब से कितना पानी पीना चाहिए)
  • कैफीन (चाय-कॉफी आदि) और शराब आदि का सेवन करने से बचना
  • एलर्जी के मौसम में घर से बाहर ना निकलना
  • उत्तेजक पदार्थों से बचना – अपने घर को सिगरेट के धुएं से मुक्त रखें और और घर में उन पदार्थों का उपयोग भी कम से कम करने की कोशिश करें जो गले को उत्तेजित करते हैं।
  • धूम्रपान छोड़ना

गले में खराश की रोकथाम करने का सबसे बेहतर तरीका, खराश का कारण बनने वाले रोगणुओं से बचना होता है और अच्छी स्वच्छता अपनाने का अभ्यास करना होता है। निम्न तरीकों को फॉलो किया जा सकता है:

  • अपने हाथों को अच्छे से और बार-बार धोने की आदत डालें विशेष रूप से टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद, खाना खाने से पहले और खांसने व छींकने के बाद अपने हाथों को धोना बहुत जरूरी होता है।
  • हमेशा खांसते व छींकते समय अपने मुंह पर टिश्यु या रुमाल रखें और फिर उनको सावधानी पूर्वक फेंक दें और रुमाल को धो दें या धोने के लिए सुरक्षित रख दें। अगर टिश्यू या रुमाल ना हो तो अपनी कोहनी में छींकने और खांसने की कोशिश करें।
  • जब साबुन और पानी उपलब्ध ना हो तो अल्कोहल से बने हैंड सेनिटाइजर्स का इस्तेमाल करें।
  • जो लोग बीमार हैं उनसे करीबी संपर्क ना बनाएं।

(और पढ़ें - गले के कैंसर के लक्षण)

गले में खराश का परीक्षण - Diagnosis of Itchy Throat in Hindi

गले में खराश का परीक्षण कैसे किया जाता है?

गले में खराश अक्सर अधिक चिंताजनक स्थिति नहीं होती और इसका इलाज अक्सर घर पर ही कर लिया जाता है। हालांकि यदि आपके लक्षण स्थिर हैं और घर पर उनका इलाज नहीं हो पा रहा तो आपको डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए। डॉक्टर आपकी पिछली मेडिकल संबंधी स्थिति के बारे में पूछेंगे और आपके गले में खराश होने के कारण की जांच करेंगे। डॉक्टर स्थिति की जांच करेंगे। डॉक्टर आपके पूछ सकते हैं जब आपको गले में खराश महसूस होती है तो अन्य क्या लक्षण महसूस होते हैं। उदाहरण के लिए यदि आपको बाहर जाने के बाद गले में खराश महसूस होती है तो यह बाहरी धूल से एलर्जी होने का संकेत देती है।

आपके डॉक्टर एक शारीरिक परीक्षण शुरू कर सकते हैं, जिसमें निम्न शामिल होता है:

  • लसिका ग्रंथियों (लिम्फ नोड्स) में सूजन का पता लगाने के लिए गर्दन को छूकर देखना 
  • गले में लालिमा, सूजन व सफेद धब्बे आदि देखने के लिए एक रौशनी वाले उपकरण का इस्तेमाल करना
  • स्टीथोस्कोप की मदद से आपकी सांसों की आवाज सुनना

गले में खराश के विभिन्न कारणों की जांच करने के लिए आपको डॉक्टर आपको निम्न टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं:

  • थ्रोट स्वैब (Throat swab) - इस साधारण टेस्ट में डॉक्टर एक किटाणुरहित स्वैब को गले के अंदर फेरते हैं और द्रव का सैंपल निकालते हैं। उसके बाद इस सैंपल में बैक्टीरिया आदि की उपस्थिति की जांच करने के लिए इसे लैब भेज दिया जाता है।
  • एलर्जी टेस्ट - आपके डॉक्टर एलर्जी की जांच करने के लिए यह टेस्ट करवाने का सुझाव दे सकते हैं। इस टेस्ट के दौरान त्वचा को कुछ ज्ञात उत्तेजक पदार्थों के संपर्क में लाया जाता है। यदि उनकी त्वचा उस उत्तेजक पदार्थ के प्रति प्रतिक्रिया देती है तो यह एलर्जी की समस्या का संकेत होता है। कुछ एलर्जी टेस्टिंग को खून टेस्ट के द्वारा भी किया जाता है।
  • कम्पलीट ब्लड काउंट टेस्ट (ब्लड टेस्ट)

(और पढ़ें - गले में इन्फेक्शन का इलाज)

गले में खराश का इलाज - Itchy Throat Treatment in Hindi

गले में खराश का इलाज कैसे किया जाता है?

गले में खराश के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले उपचार का प्रकार खराश की स्थिति के कारण पर निर्भर करता है। यदि आपके गले में खराश एलर्जी के कारण हुई है तो एंटीहिस्टामिन आदि जैसी दवाओं की मदद से गले में खराश की स्थिति से राहत पाई जा सकती है। यदि गले में खराश की समस्या खाद्य पदार्थों से जुड़ी है तो जिस खाद्य पदार्थ से आपको एलर्जी है उससे बचाव रखना ही एलर्जी की रोकथाम का सबसे बेहतर तरीका है।

यदि आपके गले में खराश किसी वायरस के कारण हुई है जैसे सामान्य जुकाम आदि तो ऐसी स्थिति में दवाएं मदद नहीं कर सकती लेकिन कुछ घरेलू उपचारों की मदद से राहत पाई जा सकती है। यहां कुछ ऐसे सिंपल तरीकों के बारे में बताया गया है जिनकी मदद से गले में खराश के लक्षणों को कम किया जा सकता है।

  • भाप लेना या भाप स्नान करना
  • हल्के गर्म पानी में नमक डालकर उसके गरारे करना
  • गले में आराम देने वाली मिठी गोलिया (Lozenges) लेना
  • खूब मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करना

प्राकृतिक उपचार:

दवाओं से अलग कुछ ऐसे घरेलू उपचार भी हैं जिनका इस्तेमाल गले में खिचखिच से राहत पाने के लिए किया जा सकता है। शुरूआत के लिए आपको खूब सारा पानी पीने की सलाह दी जाती है क्योंकि गले में खराश की समस्या आमतौर पर गला सूखा रहने के कारण भी हो सकती है। यहां कुछ प्रभावी घरेलू उपचारों के बारे में बताया गया है जो गले में खराश की स्थिति में मदद करते हैं:

  • अपनी आवाज का आराम देना (जितना हो सके कम बोलना)
  • धूम्रपान न करें 
  • लंबे समय तक और ऊंची आवाज में गाने या चिल्लाने आदि से बचें
  • अपने खुद के लिए एलर्जिक पदार्थों की पहचान करें और उनसे दूर रहें
  • गर्म पेय का सेवन करें – जब आपका गला सूजन व लालिमा से ग्रस्त होता है तो गर्म तरल पेय पदार्थों का सेवन करने से गला नम होता है और आराम महसूस होता है।
  • थोड़ा शहद का सेवन करना, गर्म चाय में शहद मिलाकर गर्मागरम चाय का सेवन करने से गले में खराश के लक्षणों से राहत मिल सकती है।
  • चाय में अदरक, शहद या नींबू डालकर उसका सेवन करें
  • सेब के सिरके का सेवन करना - आप सेब के सिरके को पानी में थोड़ा पतला करके भी इसका सेवन कर सकते हैं।


संदर्भ

  1. Kakli HA, Riley TD. Allergic Rhinitis.. Prim Care. 2016 Sep;43(3):465-75. doi: 10.1016/j.pop.2016.04.009. PMID: 27545735
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  5. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Stuffy or runny nose - adult.

गले में खराश के डॉक्टर

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