घरघराहट - Wheezing in Hindi

Dr. Nabi Darya Vali (AIIMS)MBBS

August 27, 2018

January 30, 2024

घरघराहट
घरघराहट

परिचय

घरघराहट, सांस लेने के साथ निकलने वाली एक तेज आवाज होती है। घरघराहट की आवाज तब पैदा होती है, जब हवा नाक की संकुचित वायु नलियों और फेफड़ों से होकर गुजरती है। घरघराहट की आवाज निकलना किसी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकता है, जिसका जल्द से जल्द परीक्षण और इलाज करना जरूरी होता है।

यह मुख्य रूप से अस्थमा, सर्दी जुकाम और सीओपीडी (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) के लक्षण के रूप में होती है। जब सांस छोड़ी जाती है तो घरघराहट की आवाज और स्पष्ट रूप से सुनाई देती है और यह सांस को अंदर लेने के दौरान भी सुनाई देती है। घरघराहट अन्य लक्षणों के साथ भी विकसित हो सकती है, जैसे खांसी और सांस फूलना आदि।

(और पढ़ें - सांस लेने में तकलीफ हो तो क्या करें)

घरघराहट की रोकथाम इसका कारण बनने वाली समस्या की रोकथाम करके की जा सकती है। घरघराहट की रोकथाम करने के लिए धूम्रपान नहीं करना चाहिए और अन्य ऐसे एलर्जिक पदार्थों के संपर्क में आने से बचना चाहिए जो आप में एलर्जिक रिएक्शन पैदा करते हैं।

घरघराहट का इलाज इसके कारणों के अनुसार किया जाता है। घरघराहट का इलाज करने के लिए आमतौर पर कोर्टिकोस्टेरॉयड, ब्रोंकोडाईलेटर्स और सूजन व जलन की रोकथाम करने वाली दवाओं उपयोग किया जाता है। 

(और पढ़ें - एलर्जी के लक्षण)

घरघराहट क्या होती है - What is Wheezing in Hindi

घरघराहट क्या है?

सांस लेने के दौरान फेंफड़ों से निकलने वाली घर घर की वह ध्वनि को घरघराहट कहते हैं। गौरतलब है कि जब फेफड़ों से निकलने वाली हवा नाक की संकुचित वायु नलियों से होकर गुजरती है, तो यह ध्वनि पैदा होती है।

(और पढ़ें - फेफड़े में संक्रमण के लक्षण)

घरघराहट के लक्षण - Wheezing Symptoms in Hindi

घरघराहट के क्या लक्षण होते हैं?

घरघराहट होना खुद ही एक लक्षण है। इसके साथ कुछ अन्य लक्षण भी विकसित हो सकते हैं, जो इसके कारण पर निर्भर करते हैं। इनमें निम्न शामिल हैं, जैसे:

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

निम्न परिस्थितियों में डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए:

  • यदि थोड़ी सी मात्रा में भी भोजन को निगलने से घरघराहट हो रही है, तो डॉक्टर को इस बारे में अवश्य बताएं।
  • यदि किसी कीट के काटने, कोई दवा लेने या कुछ एलर्जिक खाने के बाद आपको घरघराहट होने लगती है, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। 
  • यदि आपको सांस फूलना, त्वचा नीली पड़ना, उलझन महसूस होना या अन्य मानसिक बदलाव जैसी किसी समस्या के साथ-साथ घरघराहट होती है, तो भी जल्द से जल्द डॉक्टर के पास चले जाना चाहिए।

(और पढ़ें - मानसिक रोग के लक्षण)

घरघराहट के कारण और जोखिम कारक - Wheezing Causes & Risk Factors in Hindi

घरघराहट क्यों होती है?

श्वसन नलियां संकुचित होने से या श्वसन मार्गों में किसी प्रकार की रुकावट होने के कारण घरघराहट की समस्या शुरू हो सकती है। कुछ अन्य स्थितियां और रोग जिनके कारण श्वसन मार्ग संकुचित होने लग जाते हैं, उनके परिणामस्वरूप भी घरघराहट पैदा होने लगती है। 

श्वसन मार्गों में संकुचन व्यापक रूप से भी हो सकता है, जैसा कि निम्न में होता है:

  • अस्थमा (और पढ़ें - दमा के लक्षण)
  • क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (और पढ़ें - हांफने के लक्षण)
  • कुछ गंभीर एलर्जिक रिएक्शन (जैसे तीव्रग्राहिता जिसे अंग्रेजी में एनाफिलेक्सिस कहते हैं)
  • श्वसन मार्ग में किसी एक जगह पर रुकावट निम्न के कारण हो सकती है:
  • श्वसन मार्ग में ट्यूमर विकसित होना (और पढ़ें - ट्यूमर के इलाज)
  • कोई बाहरी वस्तु श्वसन मार्ग में फंस जाना 

अन्य कारण जैसे - 

घरघराहट होने का खतरा किनको अधिक है? 

(और पढ़ें - लंग कैंसर का ऑपरेशन)

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घरघराहट से बचाव - Prevention of Wheezing in Hindi

घरघराहट की रोकथाम कैसे करें?

  • एलर्जिक पदार्थों से बचें: 
    अस्थमा और एलर्जी जैसी दीर्घकालिक बीमारियां कुछ प्रकार के एलर्जिक पदार्थों से और बदतर हो जाती हैं। इसके अलावा मानसिक तनाव होने से भी ये गंभीर रूप से बढ़ सकती हैं। तनाव और एलर्जिक पदार्थों से बचने से अस्थमा और अन्य एलर्जिक स्थितियों से बचाव किया जा सकता है। (और पढ़ें - दमा में क्या खाना चाहिए)
     
  • धूम्रपान छोड़ें: 
    आपके गले में तकलीफ पैदा करने के अलावा धूम्रपान गंभीर परिस्थितियों का कारण बन सकता है जो सीओपीडी में घरघराहट की समस्या पैदा कर देता है। इसमें वातस्फिति और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस भी शामिल हैं।
    • यदि कोई दूसरा व्यक्ति धूम्रपान कर रहा है तो उसके धुएं के संपर्क में आने से भी घरघराहट विकसित हो सकती है। 
    • तंबाकू के धुएं के अलावा आग के धुएं व अन्य किसी भी प्रकार के धुएं से दूर रहें, क्योंकि ये सभी प्रकार के धुएं घरघराहट की समस्या पैदा कर देते हैं। (और पढ़ें - धूम्रपान छोड़ने के घरेलू उपाय)
       
  • ठंडे और सूखे वातावरण में व्यायाम ना करें: 
    जो लोग सूखे या ठंडे मौसम में व्यायाम करते हैं, उनके गले की मांसपेशियां कठोर हो जाती हैं। ऐसे में जैसे ही आपकी सांसे तेज होती हैं, घरघराहट की आवाज़ आने लगती हैं। 
     
  • पर्याप्त मात्रा में फलसब्जियां खाएं:
    अस्थमा के लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए विटामिन ई और विटामिन सी जरूरी है। अपने आहार में संतरा, ​पालक, ​बादाम, ​टमाटर, ​शिमला मिर्च को शामिल करें।

(और पढ़ें - बादाम खाने का सही समय क्या है)

घरघराहट का परीक्षण - Diagnosis of Wheezing in Hindi

घरघराहट का परीक्षण कैसे किया जाता है?

परीक्षण के दौरान डॉक्टर सबसे पहले इस बारे मे पूछेंगे कि आपको घरघराहट कितने दिनों से हो रही है और कितनी बार होती है। डॉक्टर इस बारे में भी पूछेंगे कि क्या आपको किसी प्रकार के शारीरिक तनाव के दौरान घरघराहट की समस्या होती है (जैसे व्यायाम करने के दौरान) या फिर आपको किसी भी समय और हर समय घरघराहट की समस्या होती है। डॉक्टर आपकी सांसों से और फेफड़ों से निकलने वाली आवाज को सुनने के लिए आपका शारीरिक परीक्षण सकते हैं। 

यदि घरघराहट किसी बच्चे को हो रही है, तो डॉक्टर सबसे पहले यह सुनिश्चित करते हैं कि कहीं बच्चे ने कुछ निगल तो नहीं लिया है। क्योंकि बच्चें अक्सर छोटे खिलौने, सिक्का और अन्य छोटी चीजें निगल लेते हैं जिससे उनको घरघराहट की समस्या होने लगती है। 

घरघराहट के लिए निम्न टेस्ट किये जा सकते हैं, जैसे:

  • खून की जांच: 
    संभावित रूप से धमनी के खून की गैसों (जैसे ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड) की जांच करना।
     
  • छाती का एक्स रे: 
    ब्रोंकाइटिस से लेकर छाती की हड्डी टूटने तक जैसी स्थितियों की जांच एक्स रे के द्वारा की जाती है। छाती के अंदर के अंगों (हृदय, फेफड़े और हड्डियां) की संरचनात्मक जांच करने के लिए डॉक्टर एक्स रे कर सकते हैं। यदि अस्थमा की बजाए कोई अन्य स्थिति आप में घरघराहट के लक्षण पैदा कर रही है, तो फेफड़ों की जांच करके डॉक्टर उस स्थिति का पता लगा सकते हैं। (और पढ़ें - हड्डी बढ़ने के लक्षण)
     
  • लंग फंक्शन टेस्ट: 
    इस टेस्ट में स्पायरोमीटर नामक एक उपकरण का उपयोग किया जाता है। इस उपकरण की मदद से यह जांच की जाती है कि आप एक गहरी सांस के द्वारा कितनी हवा अपने फेफड़ों के अंदर भर सकते हैं और कितनी जल्दी फेफड़ों को खाली कर सकते हैं। 
     
  • मेथाकोलाइन चैलेंज टेस्ट: 
    यह एक प्रकार का अस्थमा टेस्ट होता है। जब आपके लक्षण और स्पायरोमीटर टेस्ट स्पष्ट रूप से अस्थमा ना दिखा पाएं, तो यह टेस्ट किया जाता है।

(और पढ़ें - लैब टेस्ट क्या है)

घरघराहट का इलाज - Wheezing Treatment in Hindi

घरघराहट का इलाज कैसे किया जाता है?

ऊपरी श्वसन तंत्र संक्रमण या सर्दी-जुकाम के साथ होने वाली हल्की घरघराहट के लिए कई बार इलाज करवाने की भी आवश्यकता नहीं पड़ती। कुछ मामलों में घरघराहट का इलाज कुछ प्रकार की दवाओं या इनहेलर (सांस द्वारा लेने की दवा) के द्वारा किया जाता है। कभी-कभी तत्काल किये जाने वाले उपचार की आवश्यकता भी पड़ जाती है, इनमें मरीज को ऑक्सीजन दी जाती है जिससे उसको सांस लेने में हो रही दिक्कत ठीक हो जाती है। कुछ मरीजों को अस्पताल में ही रखा जाता है, जब तक कि उनकी सांस की दिक्कत में सुधार नहीं आ जाता। 

इलाज अक्सर घरघराहट के कारण के आधार पर ही किया जाता है। लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए कुछ सामान्य उपाय भी किए जा सकते हैं। 

  • अस्थमा (Asthma): 
    यदि अस्थमा के कारण घरघराहट हुई है, तो आमतौर पर कुछ इनहेलर दवाएं (सांस द्वारा ली जाने वाली दवाएं) लिखी जाती हैं। ये दवाएं श्वसन मार्गों में सूजन को कम करके उन्हें खोल देती है। सांस के द्वारा ली जाने वाली स्टेरॉयड और कुछ खाने की टेबलेट (जैसे मोन्टेलुकास्ट/Montelukast) आदि को अस्थमा का इलाज करने के लिए उपयोग किया जाता है। 
     
  • ब्रोंकाइटिस (Bronchitis):
    यदि घरघराहट का कारण ब्रोंकाइटिस है, तो संक्रमण से लड़ने के लिए या तो कुछ एंटीबायोटिक या फिर एल्बुटेरोल (Albuterol) जैसी कुछ ब्रोंकोडायलेटर्स (Bronchodilator) दवाएं लिखी जाती हैं।
     
  • एनाफिलेक्सिस (Anaphylaxis; एक प्रकार का गंभीर एलर्जिक रिएक्शन):
    डाइफिनहाइड्रामिन (Diphenhydramine) जैसी कुछ एंटीहिस्टामिन (Antihistamine) दवाओं को नसों में डाला जाता है। कोर्टिकोस्टेरॉयड (Corticosteroids) जैसे कि एल्बुटेरोल दवाओं को नेब्युलाइजर के द्वारा नसों में दिया जाता है। एपिनेफ्रीन (Epinephrine) दवाओं का त्वचा के अंदर इंजेक्शन के रूप में लगाया जाता है। ये सभी दवाएं गंभीर एलर्जिक रिएक्शन होने पर दी जाती हैं। 

घरेलू उपचार -  

  • भाप लेना: भाप में नम और गर्म हवा होती है, यह हवा साइनस को साफ करने और श्वसन मार्गों को खोलने में काफी प्रभावी होती है। भाप लेने के लिए आप निम्न तरीकों का उपयोग कर सकते हैं:
    • किसी बड़े बर्तन में गर्म पानी डालें और उसकी भाप लें।
    • बर्तन के ऊपर मुंह करके अपने सिर को ऊपर से तौलिया द्वारा ढंक लेने से अधिक भाप मिलती है।
    • गर्म पानी में मेन्थॉल या नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदे डालने से भाप और प्रभावी रूप से काम करती हैं। (और पढ़ें - भाप लेने के फायदे)
  • पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पीना:
    • गर्म तरल पदार्थ (जैसे चाय-कॉफी) श्वसन मार्गों की मांसपेशियों को शांत करते हैं और यदि आपको जुकाम या ब्रोंकाइटिस के कारण बलगम हो गया है तो गर्म तरल पदार्थ उसे ढीला करके बाहर निकाल देते हैं। नाक, गले व श्वसन मार्गों संबंधी किसी भी प्रकार की रुकावट के लिए हाइड्रेटेड रहना बहुत जरूरी है। (और पढ़ें - शरीर में पानी की कमी के लक्षण)
  • होंठ सिकोड़ कर सांस लेने की प्रक्रिया:
    • होंठ सिकोड़ कर सांस लेने की प्रक्रिया एक ऐसी तकनीक है, जिसका उपयोग सांस लेने की दर को धीमा करने के लिए किया जाता है। यह प्रक्रिया हर सांस को अधिक प्रभावी बना देती है जिससे श्वसन मार्ग लंबे समय तक खुले रहते हैं। 
    • पहले धीरे-धीरे अपनी नाक के माध्यम से सांस अंदर लें और फिर होठों को सिकोड़ कर (सीटी मारने जैसे प्रक्रिया) मुंह के द्वारा सांस को बिलकुल धीरे-धीरे छोड़ दें। 
    • जब तक आपको अच्छा महसूस नहीं होता इस प्रक्रिया को दिन में कई बार करते रहें। आपकी घरघराहट की समस्या में थोड़ी बहुत कम हो जाएगी या उसमें काफी सुधार हो जाएगा।

(और पढ़ें - पानी की कमी कैसे पूरी करें

घरघराहट की जटिलताएं - Wheezing Complications in Hindi

घरघराहट​ से क्या समस्याएं होती हैं?

जब पहली बार आपको घरघराहट महसूस हो तो उसी समय उसका इलाज करवा लेना चाहिए, क्योंकि यह समस्या कई गंभीर अंदरूनी दिक्कतों के कारण होती हैं और इससे कई गंभीर जटिलताएं भी पैदा हो जाती हैं। 

घरघराहट से कई गंभीर जटिलताएं पैदा हो जाती हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • सांस फूलना
  • मानसिक स्थिति में बदलाव
  • एनाफिलेक्सिस, जीवन के लिए घातक स्थिति होती है, जिसमें श्वसन मार्गों में सूजन आने के कारण घरघराहट पैदा हो जाती है। इस स्थिति का तुरंत इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि इसके कारण श्वसन मार्ग बंद हो जाते हैं जिससे मरीज की मृत्यु तक हो जाती है। 

(और पढ़ें - मानसिक रोग दूर करने के उपाय)



संदर्भ

  1. E. Kathryn Miller et al. Wheezing exacerbations in early childhood: evaluation, treatment, and recent advances relevant to the genesis of asthma . J Allergy Clin Immunol Pract. 2014 Sep-Oct; 2(5): 537–543. PMID: 25213046
  2. Lisa Noble Weiss. The Diagnosis of Wheezing in Children. Am Fam Physician. 2008 Apr 15;77(8):1109-1114. American Academy of Family Physicians.
  3. Yehia M. El-Gamal, Shereen S. El-Sayed. Wheezing in infancy. World Allergy Organization Journal, 2011, 4:21
  4. Kana Ram Jat, Sushil Kumar Kabra. Wheezing in children with viral infection & its long-term effects. Indian J Med Res. 2017 Feb; 145(2): 161–162. PMID: 28639590
  5. Prithi Sureka Mummidi et al. Viral aetiology of wheezing in children under five. Indian J Med Res. 2017 Feb; 145(2): 189–193. PMID: 28639594
  6. Bener A, Ehlayel MS, Bener HZ, Hamid Q. The impact of Vitamin D deficiency on asthma, allergic rhinitis and wheezing in children: An emerging public health problem. J Fam Community Med [serial online] 2014 [cited 2019 Jun 28];21:154-61.

घरघराहट के डॉक्टर

Dr. Manish Gudeniya Dr. Manish Gudeniya कान, नाक और गले सम्बन्धी विकारों का विज्ञान
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घरघराहट की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Wheezing in Hindi

घरघराहट के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

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