हिन्दू धर्म में नामकरण करने का चलन प्राचीन समय से ही प्रचलित है। हिन्दू धर्म में जन्मे लड़के का ऐसा नाम रखा जाता है, जिसका कोई मतलब हो। लड़के के नाम के लिए धर्म में एक प्रक्रिया को सुनिश्चित किया गया है। मौजूदा जिंदगी में हम यह देख सकते हैं कि लड़के का नाम ही उसे अलग पहचान दिलाता है। असल में देखा जाए तो हिन्दू धर्म में नामकरण करने का उद्देश्य व्यक्ति को अन्य लोगों से अलग पहचान दिलाना ही है। भारत के अलावा दुनिया में और भी कई देश हैं, जिनमें हिन्दू धर्म के लोग सालों से नाम रखने की प्रक्रिया को अपनाते आ रहे हैं। हिन्दू धर्म में ऐसा माना जाता है कि लड़के का नाम शुभ, सुंदर व एक अच्छे मतलब वाला होना चाहिए। अच्छा नाम रखने से लड़के को समाज में अच्छी प्रतिष्ठा मिलती है और उससे लोग काफी आकर्षित होते हैं। हिन्दू धर्म से जुड़े लोग मानते हैं कि लड़के का स्वभाव ज्यादातर उसके नाम से मेल खाता है। आपकी अच्छाई व बुराई, स्वभाव और आपकी वाणी कैसी है, इन बातों की झलक आपके नाम के पहले अक्षर या‍नी औ अक्षर में दिख जाती है। हिन्दू धर्म में माना जाता है कि जिस लड़के के नाम का पहला अक्षर औ है, वे सफलता को हासिल करके ही दम लेते हैं। ये पूरी हिम्मत और साहस के साथ चुनौतियों का मुकाबला करते हैं। शिशु का जन्म होने के बाद उसका पूरे विधि-विधान से नाम रखना हिन्दू धर्म में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। लड़के का नाम उसके माता-पिता बहुत ध्यान से रखते हैं। माता-पिता अक्सर शिशु का ऐसा नाम रखते हैं जिसका कोई खास मतलब निकलता हो, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि एक अच्छा नाम व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य से संबंधित होता है।

नाम अर्थ
औनिकेत
(Auniket)
अद्वितीय
औगढ़
(Augadh)
एक है जो हर समय काल में
औुद्विक
(Audvik)
भगवान शिव का प्रकाश है जो कभी नहीं कम हो
औशिग
(Oushig)
शाम का बेटा

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