लिम्फेडेनेक्टोमी एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसकी मदद से शरीर के किसी भाग से लसीका पर्व को बाहर निकाला जाता है। इस सर्जरी का उपयोग आमतौर पर उस भाग को निकालने के लिए किया जाता है, जिसमें या तो कैंसर हो चुका है या फिर पूरी आशंका है। लसीका पर्व लसिका तंत्र के जरूरी हिस्से हैं जो कि पूरे शरीर में मौजूद होते हैं। ये संक्रमण से लड़ने के लिए शरीर की मदद करते हैं। हालांकि, कैंसर जो कि एक भाग से दूसरे भाग तक फैल सकता है या एक स्थान से अन्य लिम्फ नोड्स द्रव तक जा सकता है, इसीलिए कुछ स्थितियों में इन्हें निकालना पड़ता है। लिम्फ नोड वह द्रव जो कि लसिका तंत्र में संचारित होता है।
लसिका ग्रंथियों को सेंटीनेल लिम्फ नोड बायोप्सी द्वारा निकाला जाता है। इस चरण में यह जांच की जाती है कि पहला लिम्फ नोड जो कि ट्यूमर से जुड़ा हुआ है वह कैंसर से प्रभावित हुआ है या नहीं। लसिका ग्रंथियां पूरे शरीर में मौजूद होती हैं। लिम्फेडेनेक्टोमी हर उस हिस्से में की जाती है जहां कैंसर फैला हुआ है जैसे फेफड़े, सर्विक्स, पेट और कांख। लिम्फ नोड्स को सिंपल या लेप्रोस्कोपिक तरीके से निकाला जा सकता है।
- लिम्फेडेनेक्टोमी क्या है - Lymphadenectomy kya hai
- लिम्फेडेनेक्टोमी क्यों की जाती है - lymphadenectomy kyu ki jati hai
- लिम्फेडेनेक्टोमी से पहले - lymphadenectomy se pehle
- लिम्फेडेनेक्टोमी कैसे की जाती है - lymphadenectomy kaise ki jati hai
- लिम्फेडेनेक्टोमी के बाद देखभाल - lymphadenectomy ke baad dekhbhal
- लिम्फेडेनेक्टोमी की जटिलताएं - lymphadenectomy ki jatiltayein
लिम्फेडेनेक्टोमी क्या है - Lymphadenectomy kya hai
लिम्फेडेनेक्टोमी या लिम्फ नोड्स डिसेक्शन एक ऐसी प्रक्रिया है जो उन लिम्फ नोड्स को निकालने के लिए की जाती है जिनमें कैंसर का खतरा हो या कैंसर से ग्रस्त हो चुकी हों। इस प्रक्रिया की मदद से कैंसर की जांच करके उसे शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने से रोका जाता है। लिम्फ नोड्स लसिका तंत्र का एक हिस्सा होते हैं। लसिका तंत्र प्रतिरक्षा प्रणाली का एक हिस्सा है।
इसमें लसिका ग्रंथियां, लसिका द्रव, लसिका वाहनियां और स्प्लीन व टॉन्सिल जैसे अंग होते हैं। यह ऊतकों से अतिरिक्त द्रव को लेकर सर्कुलेटरी सिस्टम में पंहुचा देते है और शरीर को रोगाणुओं से बचाते हैं जैसे बैक्टीरिया और वायरस।
लसीका प्रणाली कैंसर कोशिकाओं के एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस प्रणाली की मदद से ही कैंसर कोशिकाएं जहां उत्पन्न होती हैं, वहां से अलग होकर अन्य हिस्सों में घूमने लग जाती हैं।
लिम्फ नोड्स छोटे, ओवल आकार की पतली लिम्फ वाहिकाओं से जुड़ी होती हैं। लिम्फ नोड्स पूरे शरीर में क्लस्टर की तरह मौजूद होते हैं। उदाहरण के तौर पर ऊसन्धि में (इन्ग्विनल लिम्फ नोड्स), बांह में (एक्सिलरी लिम्फ नोड्स), गले में (सर्वाइकल लिम्फ नोड्स) पेट के पिछले हिस्से में (रेट्रोपेरिटोनियल लिम्फ नोड्स) और श्रोणि में (इलिएक लिम्फ नोड्स)। ये कैंसर कोशिकाओं को, पैथोजन और कोशिकाओं अपशिष्ट पदार्थों को लिम्फ से निकाल देते हैं। इसीलिए लिम्फ नोड्स से आसपास के ऊतकों में कैंसर फैलने का अधिक खतरा रहता है।
लिम्फेडेनेक्टोमी एक स्थान पर भी हो सकती हैं जिसमें लिम्फ नोड्स को ट्यूमर के भाग से निकाल दिया जाता है। जबकि कुछ मामलों में रेडिकल भी हो सकता है, जिसमें लिम्फेडेनेक्टोमी जिसमें कैंसर वाले भाग के सभी या अधिकतर लिम्फ नोड्स को निकाल दिया जाता है।
लिम्फेडेनेक्टोमी क्यों की जाती है - lymphadenectomy kyu ki jati hai
लिम्फेडेनेक्टोमी की सलाह निम्न स्थितियों में दी जाती है -
- कैंसर जैसे मेलेनोमा, स्तन, मस्तिष्क, गले, सर्वाइकल, थायराइड, लंग, गैस्ट्रिक और कोलोरेक्टल कैंसर जो लसिका ग्रंथियों के जरिये फैलते हैं।
- यदि किसी व्यक्ति की सेंटिनल लिम्फ नोड में कैंसर का फैलाव हो चुका होता है। पॉजिटिव सेंटिनल लिम्फ नोड्स का मतलब है कि कैंसर आसपास की लिम्फ नोड्स में फ़ैल चुका है। ऐसी लसिका ग्रंथि सूजी हुई और आकार में बड़ी दिखाई देगी।
लिम्फेडेनेक्टोमी से पहले - lymphadenectomy se pehle
लिम्फेडेनेक्टोमी के निम्न तैयारी की जरूरत होती है -
- डॉक्टर आपके स्वास्थ्य की जांच करने के लिए कुछ ब्लड टेस्ट करेंगे और आपके लिवर व किडनी के कार्य प्रक्रिया की जांच की जाएगी। इससे यह पता लगाया जाएगा कि आप सर्जरी के लिए स्वस्थ हैं या नहीं और आपको सर्जरी से कोई खतरा तो नहीं है
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम, इकोकार्डियोग्राम, लंग फंक्शन टेस्ट और छाती का एक्स रे जैसे कुछ टेस्ट किये जाएंगे
- आपके वजन, नब्ज, रक्तचाप और शरीर के तापमान की जांच भी होगी
- यदि आप कोई भी दवा ले रहे हैं तो इनके बारे में डॉक्टर को बता दें। खास तौर पर मधुमेह और रक्त को पतला करने वाली दवाएं। डॉक्टर सर्जरी से पहले इनमे से कुछ लेने से मना भी कर सकते हैं
- अपनी पिछली स्वास्थ्य स्थितियों के बारे में डॉक्टर को बता दें
- आपको सर्जरी से पहले एक अनुमति फॉर्म भरने को कहा जाएगा ताकि आप डॉक्टर को यह सर्जरी करने के लिए अनुमति दे सकें
लिम्फेडेनेक्टोमी से पहले सेनिटल लिम्फ नोड बायोप्सी की जाएगी। इस बायोप्सी में कैंसर की पहचान होती है इसे तब किया जाता है जब बड़ी लसिका ग्रंथियां छुई न जा सकें। सेनिटल लिम्फ में कैंसर के फैलाव की जांच करने के लिए की जाती है जो कि पहली लसिका ग्रंथि है जहां प्रभावित ऊतक से लिम्फ द्रव आता है। यदि सेनिटल लसिका ग्रंथि में कैंसर है तो इस भाग की अन्य लिम्फ नोड्स को लिम्फ नोड्स डिसेक्शन से निकाला जाएगा। यह बायोप्सी सुरक्षित है और ब्रैस्ट व त्वचा के मामले में आसान प्रक्रिया है।
बायोप्सी के लिए ट्यूमर वाले भाग में एक दिन के लिए रेडियोएक्टिव पदार्थ डाला जाएगा। यह पदार्थ जैसे-जैसे लिम्फ वाहिकाओं से होता हुआ लिम्फ नोड्स तक जाता है। पहला लिम्फ नोड जो इसे प्राप्त करता है उसे निकाला जाता है और उसमें सूक्ष्मदर्शी दवारा कैंसर की जांच की जाती है।
लिम्फेडेनेक्टोमी कैसे की जाती है - lymphadenectomy kaise ki jati hai
लिम्फेडेनेक्टोमी के लिए व्यक्ति को जनरल एनेस्थीसिया दिया जाता है ताकि आप प्रक्रिया के दौरान होश में न रह सकें। यह सर्जरी निम्न तरह से की जाती है -
सामान्य लिम्फेडेनेक्टोमी
सामान्य लिम्फेडेनेक्टोमी निम्न तरह से की जाएगी -
- जिस जगह से लिम्फ नोड्स निकाले जाने हैं वहां सर्जन एक चीरा लगाएंगे। कितना बड़ा चीरा लगाया जाएगा और कितना हिस्सा निकाला जाना है यह इस बात पर निर्भर करता है कि लिम्फ नोड्स किस स्थान पर हैं।
- इसके बाद लिम्फ नोड्स और आसपास के ऊतकों को निकाला जाएगा। यदि कैंसर फ़ैल गया है तो लिम्फेटिक ऊतकों को भी निकाला दिया जाएगा।
- घाव के स्थान पर एक बैग से जोड़कर ड्रेन लगाई जाएगी जिसमें घाव से निकला द्रव इकठ्ठा होगा।
- अंत में सर्जन घाव को टांकों से सील देंगे।
- जब तक घाव से द्रव आना बंद न हो जाए तब तक ड्रेन लगी रहेगी। इससे पस नहीं भरेगा और घाव जल्दी ठीक होगा
लेप्रोस्कोपिक लिम्फेडेनेक्टोमी
यह प्रक्रिया निम्न तरह से की जाती है -
- सर्जन लिम्फ नोड्स तक पहुंचने के लिए एक चीरा लगाएंगे
- इसके बाद लेप्रोस्कोप को त्वचा के अंदर डाला जाएगा जिसमें कैमरा लगा होगा
- सर्जन उस भाग की जांच करेंगे। कैमरा द्वारा ली गयी तस्वीर टीवी पर सर्जन को गाइड करने में मदद करेंगी। वे लिम्फ नोड को लेप्रोस्कोप में लगे यंत्र की मदद से निकाल देंगे
- इसके बाद घाव को टांके से सील दिया जाएगा
सर्जरी के दौरान निकाले गए लिम्फेटिक ऊतकों और लिम्फ नोड्स की जांच पैथोलॉजिकल लैब में की जाएगी ताकि उनमें कैंसर की उपस्थिति का पता लगाया जा सके।
सर्जरी के बाद -
- चीरों को पट्टी की मदद से बंद कर दिया जाएगा
- ड्रेनेज ट्यूब को लगाया जाएगा
- दर्द व संक्रमण से बचने के लिए दर्द निवारक दवाएं और एंटीबायोटिक दिए जाएंगे
- रक्त के थक्के बनने से बचाने के लिए विशेष लेग पंप लगाए जाएंगे जब तक कि आप चलना शुरू नहीं कर देते हैं
- जब आप खाना पीना शुरू कर देंगे तो आपको अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा
- आपको दो से तीन दिन तक अस्पताल में रहना होगा
लेप्रोस्कोपिक लिम्फेडेनेक्टोमी के फायदे -
- आप जल्दी से ठीक हो जाएंगे
- छोटा चीरा लगाया जाएगा
- अस्पताल में कम रहना पड़ेगा
- कम दर्द होगा
लिम्फेडेनेक्टोमी के बाद देखभाल - lymphadenectomy ke baad dekhbhal
सर्जरी के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज होने पर निम्न बातों का ध्यान रखें -
- डॉक्टर आपको दर्द निवारक दवाएं देंगे। जिस तरह से बताया जाएगा उसी तरह से दवाएं दे। यदि आपको चक्कर आते हैं तो दवाएं खाने के बाद लें
- सर्जरी के स्थान पर सूजन और लालिमा आ सकती है और घाव से लाल या गुलाबी से रंग का पस निकल सकता है, जो कि सामान्नय होता है।
- डॉक्टर आपको सर्जरी के बाद नहाने के लिए निर्देश देंगे। यदि आप नहाएं तो घाव पर पानी न जाने दें और घाव को सुखाएं। ड्रेन को किसी चीज़ दे बांध दें।
- कब्ज से बचने के लिए दर्द निवाराक दवाएं लें
- फाइबर, फल और सब्जियां खाएं
- रोजाना आठ गिलास पानी पिएं
- जरूरत होने पर दवाएं लें
- यदि बांह से लिम्फ नोड्स निकाले गए हैं तो पांच किलोग्राम से अधिक भारी सामान न उठाएं
डॉक्टर के पास कब जाएं?
यदि आपको निम्न लक्षण या संकेत दिखाई देते हैं तो डॉक्टर के पास जाएं -
- घाव खुल जाने पर
- ड्रेन के स्थान पर सूजन
- घाव से अतिरिक्त रक्तस्त्राव
- दर्द बढ़ जाने पर
- घाव से इतना द्रव निकलना कि ड्रेन को हर एक से दो घंटे में खाली करना पड़े
- 100.4°F (38°C) तक बुखार
- सर्जरी के स्थान पर लिम्फोडिमा (सूजन) के कोई संकेत। जैसे - दर्द, संक्रमण, गर्माहट या बुखार
लिम्फेडेनेक्टोमी की जटिलताएं - lymphadenectomy ki jatiltayein
लिम्फेडेनेक्टोमी में निम्न खतरे हो सकते हैं -
- जिस भाग से लिम्फ नोड्स निकाले गए हैं वहां सूजन
- सर्जरी के स्थान पर त्वचा का टूटना
- सर्जरी के स्थान पर संक्रमण
- सर्जरी के स्थान पर द्रव का जमाव
- सर्जरी के स्थान पर सूजन, दर्द या चुभने जैसे संवेदना
सर्जरी की लागत
संदर्भ
- Canadian Cancer Society [internet]. Toronto. Canada; Lymph node dissection
- Dollinger M, Rosenbaum EH, Tempero M, Mulvihill SJ. Everyone's guide to cancer therapy. 4th ed, Andrews McMeel Publishing; 2002. p. 437.
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