कोविड-19 संकट से पूरी तरह उबरने की कोशिश कर रहे चीन के लोगों को जबर्दस्त झटका लगा है। हाल में कोरोना वायरस से जुड़े कुछ नए मामलों के सामने आने के बाद चीन के पूर्वोत्तर क्षेत्र में वुहान शहर की तर्ज पर लॉकडाउन लगा दिया गया है। चीन की सरकार के इस फैसले से इस क्षेत्र के दस करोड़ से ज्यादा लोग घरों में कैद हो गए हैं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, पूर्वोत्तर चीन के कई शहरों में लॉकडाउन इतनी सख्ती से लागू किया गया है कि लोग बुरी तरह सहमे हुए हैं। हालांकि, पूर्वोत्तर चीन के जिस प्रांत में लॉकडाउन लगाया गया है, वहां कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या केवल 127 है। लेकिन कुछ दिन पहले कोविड-19 के 34 नए मरीजों की पुष्टि ने चीनी प्रशासन के कान खड़े कर दिए हैं। जानकार बता रहे हैं कि दरअसल कोविड-19 की 'दूसरी लहर' की आशंका से चीन कुछ ज्यादा ही डरा हुआ है और इसीलिए उसने इतनी बड़ी संख्या वाले इलाके को लॉकडाउन कर दिया है।

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हर्ड कम्युनिटी में कमी भी एक वजह
चीन के स्वास्थ्य अधिकारी हाल में सामने आए 34 नए मामलों की वजह का पता लगाने में लगे हैं। संदेह जताया गया है कि हो सकता है ये मरीज रूस से वापस आए संक्रमित लोगों के संपर्क में आए हों। इस बीच, चीन के प्रमुख महामारी विशेषज्ञ झोंग ननशान ने एक अंतरराष्ट्रीय न्यूज चैनल से बातचीत में कहा है कि चीन के लोगों में कोरोना वायरस के खिलाफ सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता यानी हर्ड इम्यूनिटी की काफी कमी है। इस कारण वहां लोगों के बड़ी संख्या में फिर से कोविड-19 का शिकार होने की आशंका बनी हुई है। यह आशंका इस बात से और बढ़ जाती है कि हाल के दिनों में चीन ने अपने यहां हालात सामान्य करने के लिए स्कूल, कारखानों और रेस्तरां फिर से खोले थे, जिसके बाद ही नए मरीजों की पुष्टि हुई है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इसी के चलते नए मामले सामने आने के बाद चीनी प्रशासन ने करोड़ों की आबादी वाले एक प्रांत को पूरी तरह लॉकडाउन कर दिया है। चीन की यह घबराहट इससे पहले भी देखने को मिली है। कुछ दिन पहले जब वुहान में कोरोना वायरस के छह नए मामले सामने आए थे, तो प्रशासन ने शहर के सभी 1.1 करोड़ लोगों का टेस्ट करने की घोषणा की थी।

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वुहान में जंगली पशुओं को खाने पर बैन लगा
एक तरफ, पूर्वोत्तर चीन में लॉकडाउन लगाया गया है तो दूसरी तरफ कोविड-19 महामारी के सबसे पहले केंद्र बने वुहान शहर में जंगली जानवरों को खाने पर बैन की घोषणा की गई है। गौरतलब है कि नए कोरोना वायरस के अस्तित्व से जुड़ी थ्योरी को इसी शहर में लगने वाले मीट मार्केट से जोड़ा जाता है। कोविड-19 संकट से पहले यहां बड़ी तादाद में जंगली जानवरों को खाने के लिए बेचा जाता था। बताया जाता है कि जानवरों की करीब 30 प्रजातियां इस होलसेल मार्केट में बेची जाती थीं। इनमें भेड़ियों के बच्चों के अलावा, गोल्डन सिकेड (झींगुर), बिच्छू और कस्तूरी बिलाव (सिविट) तक शामिल हैं।

बुधवार को वुहान के प्रशासन ने पशुओं को खाने पर बैन लगाते हुए यह घोषणा भी की कि इस जगह को अब 'वन्यजीव अभ्यारण्य' (वाइल्डलाइफ सैंक्च्युरी) बनाया जाएगा, जहां जंगली जानवरों को मारने पर प्रतिबंध होता है। इस बारे में जानकारी देते हुए प्रशासन ने कहा कि अब जानवरों को मार कर खाने के मकसद से उनकी ब्रीडिंग (प्रजनन) करने पर भी नियंत्रण किया जाएगा। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब जानवरों के अवैध व्यापार के चलते चीन पर अंतरराष्ट्रीय संप्रदाय का जबर्दस्त दबाव है। हालांकि नए कोरोना वायरस के ऑरिजिन को लेकर तस्वीर अभी तक साफ नहीं है, लेकिन कई लोग मानते हैं कि चीन में हर तरह के जानवरों को खाने की प्रवृत्ति के चलते यह वैश्विक स्वास्थ्य संकट खड़ा हुआ है।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: नए मामलों की पुष्टि के बाद चीन ने पूर्वोत्तर क्षेत्र की दस करोड़ की आबादी को लॉकडाउन में डाला, वुहान में जंगली जानवर बेचने पर बैन लगा है

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