दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी के कोविड-19 संकट को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली कोविड-19 बीमारी की 'दूसरी लहर देख चुकी है'। खबरों के मुताबिक, मेडिकल एक्सपर्ट्स के हवाले से यह दावा करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा है कि कोरोना वायरस की इस दूसरी लहर का सामना करने के बाद दिल्ली इस संकट से निकल गई है। अरविंद केजरीवाल के मुताबिक, इस महीने की शुरुआत में जब दिल्ली में प्रतिदिन कोविड-19 के 4,000 मामले सामने आ रहे थे, तब राजधानी कोरोना वायरस की दूसरी लहर से गुजर रही थी।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, गुरुवार को डॉ. राजेंद्र प्रसाद सेंट्रल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में बोलते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'विशेषज्ञों को लगता है कि दिल्ली कोविड-19 की दूसरी लहर के चरम पर पहुंच चुकी है। 16 सितंबर को दिल्ली में लगभग 4,500 केस रिकॉर्ड हुए थे। उसके बाद ये कम होते चले गए और पिछले 24 घंटों में राजधानी में 3,700 मामले आए हैं। आने वाले दिनों में यह संख्या और कम होगी।'

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बतौर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का यह बयान भारत में कोरोना वायरस संकट को लेकर नई बहस छेड़ सकता है। यह पहली बार है जब देश के किसी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश ने अपने यहां कोविड-19 की दूसरी लहर आने का दावा किया है। देश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में दिल्ली छठवें नंबर पर है। उससे पहले 12.63 लाख से ज्यादा मरीजों वाले महाराष्ट्र, 6.46 लाख संक्रमितों वाले आंध्र प्रदेश और पांच लाख से ज्यादा कोविड पीड़ितों वाले तमिलनाडु और कर्नाटक ने भी कभी दूसरी लहर का जिक्र नहीं किया है। उत्तर प्रदेश में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या (3.69 लाख) दिल्ली से ज्यादा है। वहां की सरकार ने भी दूसरी लहर की बात अब तक नहीं की है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि अरविंद केजरीवाल का बयान इन राज्यों की सरकारों के लिए सवाल खड़े करने का जरिया बनता है या नहीं, या मेडिकल एक्सपर्ट दिल्ली के सीएम के दावे को खारिज कर देते हैं।

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गौरतलब है कि दिल्ली में कोविड-19 के मरीजों की संख्या दो लाख 56 हजार से ज्यादा हो गई है। इनमें से 5,087 की मौत हो चुकी है। बुधवार को राजधानी में 3,700 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं और 36 मौतों की पुष्टि की गई है। इससे दिल्ली में कोविड-19 का रिकवरी रेट 86 प्रतिशत हो गया है, जबकि मृत्यु दर दो प्रतिशत हो गई है। यानी मरीजों की जान बचाने के मामले में दिल्ली का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत (81.55 प्रतिशत) से बेहतर है, लेकिन मृतकों का आंकड़ा यहां राष्ट्रीय मृत्यु दर (1.59 प्रतिशत) से ज्यादा है। इसके अलावा टेस्टिंग के मामले में दिल्ली देश के किसी भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश से बेहतर स्थिति में है। यहां अब तक करीब 27 लाख कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। प्रति दस लाख की आबादी के लिहाज से दिल्ली सबसे अधिक टेस्ट कर रही है। यहां हर दस लाख लोगों पर एक लाख 36 हजार से ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा- राजधानी में दिखी थी कोविड-19 की 'दूसरी लहर' है

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