विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दावा किया है कि कोविड-19 महामारी संकट की वजह बने नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 के बारे में सबसे पहला अलर्ट चीन ने नहीं, बल्कि वहां स्थित डब्ल्यूएचओ के कार्यालय ने जारी किया था। यह अलर्ट चीन के वुहान शहर में उस समय बताए गए किसी 'रहस्यमय' वायरस के चलते सामने आए निमोनिया के मामलों से जुड़ा था। डब्ल्यूएचओ का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोविड-19 संकट को लेकर संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी पर चीन के प्रति पक्षपाती रवैया रखने का आरोप लगा चुके हैं और कोविड-19 से निपटने के उसके तरीकों पर भी सवाल उठा चुके हैं। इस सिलसिले में एक महत्वपूर्ण खबर यह भी है कि अगले हफ्ते डब्ल्यूएचओ की एक टीम कोरोना संकट से जुड़ी जांच के लिए चीन का दौरा करेगी।

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कोरोना वायरस के पहले अलर्ट को लेकर डब्ल्यूएचओ के नए दावे के बाद नए विवाद खड़े हो सकते हैं। दरअसल, डब्ल्यूएचओ ने ही अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर कोविड-19 से जुड़ी टाइमलाइन में पहले यह बताया था कि 31 दिसंबर, 2019 को चीन के हुवेई प्रांत के वुहान म्युनिसिपल हेल्थ कमीशन की तरफ से निमोनिया के केस सामने आने की रिपोर्ट दी गई थी। लेकिन डब्ल्यूएचओ ने इसमें यह नहीं बताया था कि इस जानकारी को नोटिफाई किसने किया था।

वहीं, इस साल 20 अप्रैल को डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस एडनॉम गेब्रेयसस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुद बताया था कि नए कोरोना वायरस से जुड़ी पहली रिपोर्ट चीन की तरफ से ही आई थी। हालांकि उन्होंने यह साफ नहीं किया था कि यह रिपोर्ट चीनी अधिकारियों की तरफ से की गई थी या किसी और स्रोत से। अब इसी हफ्ते डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रकाशित की गई नई क्रोनोलॉजिकल टाइमलाइन में बताया गया है कि नए कोरोना वायरस की पहली जानकारी चीन स्थित डब्ल्यूएचओ कार्यालय की तरफ से दी गई थी।

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बहरहाल, इस बीच एक और बड़ी खबर यह है कि डब्ल्यूएचओ की एक टीम अगले हफ्ते चीन का दौरा करेगी। चीन पर यह आरोप है कि उसने नए कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुए संकट की जानकारी देने में देरी की थी। ऐसे में डब्ल्यूएचओ की इस दौरे को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बताया गया है कि इस दौरे के दौरान डब्ल्यूएचओ की टीम इस बात की जांच करेगी कि सार्स-सीओवी-2 वायरस की उत्पत्ति (ऑरिजिन) कैसे हुई और कैसे यह नया विषाणु इन्सानों के बीच फैलना शुरू हुआ। 

एनडीटीवी के मुताबिक, इस दौरे को लेकर समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में डब्ल्यूएचओ की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि एजेंसी काफी समय से इस दौरे को लेकर चीनी सरकार के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अब अगले हफ्ते एक टीम वायरस के ऑरिजिन के बारे में जानने के लिए चीन रवाना होगी।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: नए कोरोना वायरस संकट का पहला अलर्ट चीन ने नहीं हमने दिया था- डब्ल्यूएचओ है

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