खूनी बवासीर की समस्या से ग्रसित व्यक्ति को मलत्याग करते वक्त खून आता है. इसकी वजह से गुदा के अंदर मस्से हो जाते हैं.

इस समस्या से ग्रसित व्यक्ति को मल त्यागते वक्त मल से खून थोड़ा-थोड़ा करके टपकता है. वहीं, कभी-कभी पिचकारी जैसा भी खून आ सकता है. मल त्यागने के बाद गुदे में मौजूद मस्सा अंदर चला जाता है. लेकिन गंभीर परिस्थिति में हाथ से दबाने पर भी मस्सा अंदर नहीं जाता है.

इस तरह के बवासीर का तुरंत इलाज करवाने की जरूरत होती है. एलोपैथी दवाइयों के अलावा आप खूनी बवासीर का इलाज आयुर्वेदिक तरीकों से भी कर सकते हैं. आज हम इस लेख में आपको खूनी बवासीर का आयुर्वेदिक इलाज बताएंगे.

  1. कसारा वस्ति - Kasara vasti
  2. त्रिफला गुग्गुल - Triphala Guggulu
  3. कासीसादि तेल - Kaseesadi Taila
  4. लाल चंदन - Rakta chandana
  5. बेल के फल का गुदा और चील का मुरब्बा - Pulp of Bilva and eagle marmelous
  6. विजय चूर्ण - Vijaya churna
  7. भांग और हरिद्रा की पत्तियां
  8. सरसों, हल्दी और कटुकारोहिणी
  9. पथ्यादि क्वाथ - Pathyadi kwatha
  10. सारांश - Summary
खूनी बवासीर का आयुर्वेदिक इलाज और दवा के डॉक्टर

NCBI पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक, खूनी बवासीर का इलाज कसारा वस्ति (Ksara Vasti) से किया जा सकता है. यह एक आयुर्वेदिक हर्बल का मिश्रण है. खूनी बवासीर की शिकायत होने पर इसे गुदे के आसपास लगाया जाता है. इसकी मदद से खूनी बवासीर को शांत किया जा सकता है. मल त्यागने में होने वाली परेशानी से छुटकारा दिला सकता है. हालांकि, इस आयुर्वेदिक दवा से एलर्जी की आशंका होती है. इसलिए एक बार आयुर्वेदाचार्य से उचित सलाह जरूर लें.

(और पढ़ें - बवासीर के घरेलू उपचार)

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आयुर्वेद में त्रिफला गुग्गुल का खास महत्व है. इसके इस्तेमाल से आप खूनी बवासीर का भी इलाज कर सकते हैं. NCBI पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक, खूनी बवासीर की परेशानी को शांत करने के लिए त्रिफला गुग्गुल फायदेमंद हो सकता है. यह त्रिफला, पीपर और गु्ग्गुल से मिलकर तैयार किया जाता है. इसके सेवन से पुराने से पुराने कब्ज और बवासीर को ठीक कर सकते हैं. अगर आपको खूनी बवासीर की शिकायत है, तो आयुर्वेदाचार्य के सलाहनुसार इसका सेवन करें. इससे आपको काफी आराम मिल सकता है.

खूनी बवासीर की शिकायत होने पर आप कासीसादि तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे बवासीर को काफी हद तक शांत किया जा सकता है. शौच के बाद इस तेल को अपने गुदे पर लगाएं. कुछ ही दिनों में आपको काफी फर्क नजर आएगा.

(और पढ़ें - बवासीर में परहेज)

खूनी बवासीर की शिकायत होने पर आयुर्वेद में लाल चंदन से भी इसका उपचार किया जा सकता है. इसके लिए 16 ग्राम लाल चंदन की लकड़ी का चूर्ण लें. अब इसे 400 मिलीलीटर पानी में घोलें. इसके बाद इसे पतले कपड़े की मदद से छान लें. दिन में दो बार इस पानी का सेवन करने से खूनी बवासीर से काफी हद तक आराम पा सकते हैं.

 

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बेल के फल का गुदा और चील का मुरब्बा बराबर मात्रा में लें. अब इसमें सोंठ, अजवाइन और चित्रक की जड़ मिलाएं. इसके बाद तैयार मिश्रण को दिन में दो बार बटर मिल्क के साथ लें. इससे आपको खूनी बवासीर से काफी आराम मिल सकता है.

(और पढ़ें - बवासीर का होम्योपैथिक इलाज)

आयुर्वेद में खूनी बवासीर से राहत पाने के लिए आपको विजया चूर्ण का सेवन करने की भी सलाह दी जा सकती है. खूनी बवासीर की शिकायत होने पर दिन में 2 बार 3 से 6 ग्राम विजय चूर्ण को 50 मिलीलीटर गर्म पानी के साथ लें. इसे आपको काफी आराम मिल सकता है.

खूनी बवासीर से राहत पाने के लिए भांग और हरिद्रा की पत्तियों को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण तैयार कर लें. अब इसकी एक पोटली तैयार करें. इसके बाद इसे हल्का सा गर्म करके अपने गुदे पर सेकें. इससे खूनी बवासीर से काफी हद तक राहत मिल सकता है.

(और पढ़ें - बवासीर के लिए योग)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
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सरसों तेल, हल्दी और कटुकारोहणी के मिश्रण से तैयार लेप लगाने से खूनी बवासीर से राहत पा सकते हैं. आयुर्वेदाचार्य के सलाहनुसार आप इस लेप का इस्तेमाल कर सकते हैं.

खूनी बवासीर होने पर पथ्यादि क्वाथ का सेवन खाने से पहले दिन में दो बार 14 से 28 मिली लें. इससे खूनी बवासीर से काफी आराम मिलेगा.

(और पढ़ें - हल्दी से बवासीर का इलाज)

खूनी बवासीर की शिकायत होने पर आयुर्वेद में मौजूद इन उपचारों का सहारा ले सकते हैं. लेकिन ध्यान रखें कि आयुर्वेदिक इलाज अपनाने से पहले डॉक्टर से जरूर राय लें. अगर आप किसी भी तरह का घरेलू उपाय फॉलो कर रहे हैं, तो इसकी विस्तृत जानकारी अपने डॉक्टर को दें. ताकि डॉक्टर आपका सही से इलाज कर सके. डॉक्टर से सभी दिशा-निर्देशों का अच्छे से पालन करें.

Dr. Paramjeet Singh

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