मधुमक्खी के जहर में ऐसे कई सक्रिय मॉलिक्यूल (जैसे पेप्टाइड और एंजाइम) होते हैं, जो इनफ्लेमेशन और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारियों के इलाज में मददगार बताए जाते हैं। इनमें पार्किन्सन, अल्जाइमर और एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (एएलएस) जैसी बीमारियां शामिल हैं। इसके अलावा मधुमक्खी के जहर को अलग-अलग प्रकार के कैंसर के इलाज में भी फायदेमंद पाया गया है। साथ ही इसमें एंटीवायरल एक्टिविटी का भी पता चला है, वह भी एड्स की वजह बनने वाले एचआईवी विषाणु के खिलाफ। अब एक नए शोध की मानें तो मधुमक्खी का जहर या वेनम ब्रेस्ट कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करने में भी प्रभावी है।

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नेचर प्रिसिजन ऑन्कोलॉजी नामक मेडिकल पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, मधुमक्खियां ब्रेस्ट कैंसर को खत्म करने में मददगार हो सकती हैं। शोधकर्ताओं को पता चला है कि मधुमक्खी के वेनम के प्रमुख कोम्पोनेंट (मेलिटिन) को जब कीमोथेरेपी से संबंधित दवाओं के साथ मिलाया जाता है तो इससे कैंसरकारी ट्यूमर की ग्रोथ रुक जाती है। पत्रिका के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने बकायदा लैबोरेटरी में चूहों पर परीक्षण करने के बाद यह जानकारी दी है। यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया में किए गए इस अध्ययन से जुड़े शोधकर्ताओं ने कहा है, 'हमें पता चला है कि मधुमक्खियों का जहर कुछ विशेष आक्रामक ब्रेस्ट कैंसर सेल्स को खत्म करने में उल्लेखनीय रूप से प्रभावी है।'

अध्ययन के तहत मधुमक्खियों से जहर निकालने के लिए वैज्ञानिकों ने कार्बन डाईऑक्साइड और बर्फ की मदद ली। इसके वेनम के मुख्य कोम्पोनेंट को मेलिटिन कहते हैं, जोकि एक एम्फिपैथिक 26 एमिनो एसिड पेप्टाइड है। इसका 40 से 60 फीसद हिस्सा सूखा होता है, जिसमें पीड़ादायक सब्सटेंस मिला होता है। पिछले कुछ अध्ययनों में कैंसर के कुछ प्रकारों पर मधुमक्खी के वेनम और मेलिटिन के एंटी-ट्यूमरल प्रभावों को पता चला है। शोधकर्ता बताते हैं कि लिवर मेटास्टेसिस को दबाने के लिए भी मेलिटिन के नैनापार्टिकल्स का इस्तेमाल किया जा चुका है।

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अध्ययन करने वाली टीम का कहना है कि अलग-अलग प्रकार के ब्रेस्ट कैंसर के खिलाफ मधुमक्खी के जहर और मेलिटिन को आजमाकर नहीं देखा गया है। उन्होंने अपनी स्टडी में ट्रिपल नेगेटिव और एचईआर2 जैसे गंभीर ब्रेस्ट कैंसर पर इन्हें इस्तेमाल करके देखा है। वैज्ञानिकों ने लैब में कृत्रिम रूप से मेलिटिन का पुनर्निर्माण किया और पाया कि इसने चूहों में हनीबी वेनम के बराबर ही एंटी-कैंसर प्रभाव डाले थे। इस आधार पर इन वैज्ञानिकों का कहना है कि मेलेटिन भी कैंसर सेल मेम्ब्रेन को 60 मिनट में खत्म कर सकता है। आगे की स्टडी में यह भी पता चला कि मेलिटिन ने महज 20 मिनट में कैंसर संकेतकों को बाधित करने का काम किया, जोकि कैंसर सेल्स के बढ़ने के लिए जरूरी माने जाते हैं।

दुनियाभर में मधुमक्खियों की कोई 20 हजार प्रजातियां हैं। शोधकर्ता ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के संबंध में ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में मिलने वाली मधुमक्खियों के प्रभाव की तुलना इंग्लैंड और आयरलैंड में मिलने वाली मधुमक्खियों से करना चाहते थे। इसके अलावा वे बंबलबी के जहर का भी अध्ययन करना चाहते हैं। जांच के बाद वैज्ञानिकों का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड और इंग्लैंड में पाई जाने वाली मधुमक्खियों ने ब्रेस्ट कैंसर के खिलाफ एक जैसे प्रभाव विकसित किए हैं।

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