दांत चबाने या पीसने की प्रवृति कई लोगों में देखी जाती है। हालांकि, कुछ लोगों के अंदर ये आदत सोते वक्त या फिर तनाव के दौरान होती है, जिसे एक बड़ी समस्या कहा जा सकता है, लेकिन ये कोई बीमारी नहीं है।

आपकी इस आदत के कारण अगर आपके साथी को किसी प्रकार की परेशानी होती है तो यह एक बड़ी समस्या है। इसके अलावा, सोचिए कि रात को सोने के दौरान आपकी इस खराब आदत के कारण अगर सुबह आपका जबड़ा सूजा हुआ मिले तो फिर क्या होगा?

दरअसल दांत पीसना, एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लोग सोते-जागते अपने दांतों को चबाते रहते हैं। इसे मेडिकल भाषा में ब्रुक्सिज्म कहा जाता है। ब्रुक्सिज्म दांतों का एक ऐसा विकार है, जिसमें दोनों जबड़ों के दांत आपस में पिसते या रगड़ खाते हैं। यह समस्या आमतौर पर रात के समय होती है।

लोग दांतों को क्यों चबाते हैं?
दांतों को चबाने या पीसने यानि ब्रुक्सिज्म के पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन स्ट्रेस (तनाव) इस सूची में सबसे ऊपर है। जिन लोगों में गुस्सा और तनाव संवेदनशीलता का स्तर अधिक होता है। उनमें ब्रुक्सिज्म बढ़ता है।

  • दांत चाबने वाले लोगों पर किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि ऐसे लोगों में 86 प्रतिशत ब्रुक्सिज्म बढ़ने का कारण एक उत्तेजनापूर्ण प्रतिक्रिया है। उत्तेजनापूर्ण प्रतिक्रिया आपकी नींद (गहरी नींद) में अचानक हुआ एक परिवर्तन है। जिसके अंदर आपके शरीर में असामान्य गतिविधियां,  हृदय गति में वृद्धि, भारी सांस लेना, मांसपेशियों की गतिविधि में वृद्धि और दांत पीसना शामिल हैं।
  • कभी-कभी, आपके दांतों में किसी प्रकार की गड़बड़ी (जैसे- एक दांत का अन्य की तुलना में थोड़ा बड़ा होना है) किसी चीज़ को काटने में आपके लिए मुश्किल पैदा कर सकता है। इससे भी ब्रुक्सिज्म (दांत पसीना) को बढ़ावा मिल सकता है।

दांत चबाना या पीसना कितना खतरनाक?
दांत चबाने के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जैसे- ब्रुक्सिज्म की वजह से दांत टूट सकते हैं। साथ ही उनका आकार चपटा हो सकता है।

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  • इस तरह लगातार दांत चबाने के कारण दांतों में अचानक दर्द और झनझनाहट होने का खतरा हो सकता है, क्योंकि इससे दांतों की बाहरी सुरक्षा परत को नुकसान पहुंचता है। यही वजह है दांतों में असहनीय दर्द के साथ जख्म भी बन सकता है।
  • रात को सोते समय दांत पसीना या चबाना एक बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि जब कोई व्यक्ति सो रहा होता है, तो वह दांतों को तेज और लंबे समय तक पीसता रहता है।
  • अगर, कोई व्यक्ति पांच मिनट से अधिक समय तक दांतों को पीसता है तो यह टेम्पोरोमैंडिबुलर ज्वाइंट (टीएमजे) डिस्क को नुकसान पहुंचा सकती है। टीएमजे एक ज्वाइंट है, जहां आपकी निचले जबड़े की हड्डी खोपड़ी के आधार से जुड़ती है।
  • ऐसी स्थिति में व्यक्ति के नींद से जगने के बाद दर्द और जबड़े में सूजन की समस्या हो सकती है। लगातार दांत चबाने के कारण सिर और कान में दर्द की परेशानी भी हो सकती है।

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डाक्टर की राय
myUpchar से जुड़ी डॉक्टर फतिमा का कहना है कि दांत चबाने की समस्या साइकोलॉजिकल हो सकती है। जिसके बढ़ने पर कई तरह की परेशानियां होने की आशंका है (जैसे- मुंह के अंदर किसी प्रकार का जख्म हो जाना आदि) हालांकि, इस समस्या की मुख्य वजह का तो अब तक पता नहीं, लेकिन गहरी नींद के दौरान किसी प्रकार का मानसिक विकार इसका कारण हो सकता है। इसके इलाज के लिए पीड़ित को शुरुआत में काउंसलिंग की जरूरत हो सकती है।   

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क्या है इलाज?
ब्रुक्सिज्म का इलाज संभव है और इस तरह की समस्या से ग्रसित लोगों को रात में धूम्रपान और कॉफी या शराब पीने से बचना चाहिए। सोने से पहले शारीरिक गतिविधि को सीमित करना और यह सुनिश्चित करना कि कमरे में शांति व अंधेरा हो। यह तनाव से बचने में मदद करता है। जिससे दांत चबाने की समस्या से निजात मिल सकती है।

स्प्लिन्ट थेरेपी, जिसमें माउथ गार्ड्स का उपयोग होता है, इसे नाइट गार्ड के रूप में भी जाना जाता है। रात को सोते वक्त दांतों में पहनकर ब्रुक्सिज्म की परेशानी को कम किया जा सकता है।

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